PM Narendra Modi First Speech After Mother Heeraben Demise: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार (30 दिसंबर) को ऑनलाइन तरीके से पश्चिम बंगाल से जुड़े. मां हीराबेन मोदी के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार करने के बाद, पीएम मोदी आधिकारिक कार्यों में सक्रिय हो गए. उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से रिमोट का बटन दबाकर कोलकाता में रेलवे की कई परियोजनाओं का लोकार्पण किया.


मां के निधन के बाद अपने पहले भाषण में पीएम मोदी ने कहा, ''आज मुझे आपके बीच आना था लेकिन मेरे निजी कारणों की वजह से मैं आप सबके बीच नहीं आ पाया हूं, इसके लिए मैं आपकी, बंगाल की क्षमा चाहता हूं. बंगाल की पुण्य धरती को, कोलकाता की ऐतिहासिक धरती को आज मेरे लिए नमन करने का अवसर है. बंगाल के कण-कण में, आजादी के आंदोलन का इतिहास समाया हुआ है.''


'जिस धरती से वंदे मातरम का जयघोष हुआ, वहां से वंदे भारत ट्रेन शुरू'


पीएम मोदी ने कहा, ''जिस धरती से वंदे मातरम का जयघोष हुआ, वहां अभी वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाई गई. आज 30 दिसंबर की तारीख का भी इतिहास में अपना बहुत महत्व है. 30 दिसंबर 1943 को नेता जी सुभाष चंद्र बोस ने अंडमान में तिरंगा फहराकर भारत की आजादी का बिगुल फूंका था.''


पीएम मोदी ने आगे कहा, ''इस घटना के 75 वर्ष होने पर, साल 2018 में मैं अंडमान गया था. नेता जी के नाम पर एक द्वीप का नामकरण भी किया था. अब इस समय देश आजादी के 75 वर्ष का पर्व मना रहा है, अमृत महोत्सव मना रहा है.''


'पांच हजार करोड़ रुपये की लागत के मेट्रो प्रोजेक्ट पर हो रहा काम'


पीएम ने कहा, ''इसी अमृत महोत्सव में देश ने 475 वंदे भारत ट्रेन शुरू करने का संकल्प लिया था. आज इसी में से एक हावड़ा-न्यू जलपाईगुड़ी वंदेभारत ट्रेन यहां कोलकाता से शुरू हुई है. आज ही रेलवे और मेट्रो की कनेक्टिविटी से जुड़े अन्य प्रोजेक्ट्स का भी लोकार्पण और शिलान्यास हुआ है. करीब पांच हजार करोड़ रुपये की लागत से जोका बीबीडी मेट्रो प्रोजेक्ट पर काम हो रहा है. इसमें से जोका तारातला मेट्रो रूट बनकर तैयार हो गया है. इससे शहर के लोगों की ईज ऑफ लिविंग और बढ़ेगी. ''


उन्होंने कहा, ''कुछ देर बाद ही मुझे गंगा जी की स्वच्छता और पीने के पानी से जुड़ी अनेक परियोजनाएं पश्चिम बंगाल को सौंपने का अवसर मिलेगा. नमामि गंगे मिशन के तहत पश्चिम बंगाल में सीवरेज के 25 से ज्यादा प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी गई है. इनमें से 11 प्रोजेक्ट पहले ही पूरे हो चुके हैं. सात प्रोजेक्ट आज पूरे हो रहे हैं.''


गंगा नदी की स्वच्छता को लेकर यह बोले पीएम मोदी


पीएम ने कहा, ''आज डेढ़ हजार करोड़ की लागत से पांच नई परियोजनाओं पर काम भी शुरू हो रहा है. इसमें जो प्रमुख है, वो है आदी गंगा नदी का पुनरुद्धार. मुझे बताया गया है कि अभी आधी गंगा नदी की स्थिति दुर्भाग्य से बहुत खराब है. इसमें जो कूड़ा-कचरा गिरता है, सीवर का गंदा पानी गिरता है, उसकी सफाई के लिए 600 करोड़ रुपये से अधिक का आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है.''


पीएम मोदी ने आगे कहा, ''हम लोग अक्सर व्यक्ति के जीवन में प्रिवेंटिव हेल्थ केयर की बात तो करते रहते हैं और हम कहते हैं कि दिनचर्या वो होनी चाहिए कि बीमारी की नौबत ही न आए. ठीक इसी तरह नदी की गंदगी को साफ करने के साथ ही, केंद्र सरकार प्रिवेंशन पर भी बहुत जोर दे रही है. इस प्रिवेंशन का सबसे बड़ा और आधुनिक तरीका है ज्यादा से ज्यादा आधुनिक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट. आने वाले 10-15 साल की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए, देश में आज आधुनिक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगवाए जा रहे हैं. आजादी के अमृतकाल में हमें फॉर्वर्ड लुकिंग सोच और एप्रोच के साथ देश को आगे ले जाना है.


'रेलवे इनफ्रास्ट्रक्चर में रिकॉर्ड निवेश'


इस 21वीं सदी में भारत के तेज विकास के लिए भारतीय रेलवे का भी तेज विकास, सुधार, ये सारी बातें बहुत जरूरी हैं, इसलिए आज केंद्र सरकार भारतीय रेलवे और इसके इनफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाने के लिए रिकॉर्ड इन्वेस्टमेंट कर रही है.''


पीएम ने गिनाईं रेलवे की उपलब्धियां


पीएम मोदी ने कहा, ''आज भारत में भारतीय रेलवे के कायाकल्प का राष्ट्रव्यापी अभियान चल रहा है. आज वंदे भारत, तेजस, हमसफर जैसी आधुनिक ट्रेनें देश में बन रही हैं. आज विस्टाडोम कोच रेल यात्रियों को नए अनुभव करा रहे हैं. आज सुरक्षित आधुनिक कोच की संख्या में रिकॉर्ड वृद्धि हो रही है. आज रेलवे स्टेशन को भी एयरपोर्ट की तरह विकसित किया जा रहा है. न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन भी इसी लिस्ट में शामिल है. आज रेलवे लाइनों का दोहरीकरण, रेलवे लाइनों का बिजलीकरण जिस रफ्तार से हो रहा है वो पहले कभी नहीं हुआ. देश में जो ईस्टर्न और वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर बन रहे हैं वो लॉजिस्टिक सेक्टर में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाले हैं. सुरक्षा हो, स्वच्छता हो, सामर्थ्य हो, सामंजस्य हो, समय की पाबंदी हो, सहूलियत हो, भारतीय रेलवे आज एक नई पहचान बनाने की, हम सबकी कोशिश रंग ला रही है. बीते आठ वर्षों में भारतीय रेलवे ने आधुनिकता की नींव पर काम किया है. आने वाले आठ वर्षों में हम भारतीय रेलवे को आधुनिकता की नई यात्रा पर निकलते हुए देखेंगे. भारत जैसे युवा देश के लिए भारतीय रेल भी युवा अवतार लेने जा रही है. इसमें निश्चित तौर पर 475 से ज्यादा वंदे भारत ट्रेनों की बड़ी भूमिका होगी.''


उन्होंने कहा, ''आजादी के बाद के सात दशकों में 20 हजार किलोमीटर रूट लाइन का बिजलीकरण हुआ, वहीं 2014 में हमारी सरकार बनने के बाद, बीते सात-आठ वर्षों में ही 32 हजार किलोमीटर रूट से ज्यादा लाइन का बिजलीकरण हो चुका है.यह है देश के काम करने की रफ्तार, रेलवे के आधुनिकीकरण की रफ्तार और इसे तेज करने के लिए भारत में दुनिया के सबसे शक्तिशाली बिजली के रेल इंजनों का भी तेजी से निर्माण हो रहा है.''  


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