पीएम मोदी ने छात्रों को दिया चंद्रयान 2 मिशन का उदाहरण, कहा- अपेक्षा पूरी नहीं होने पर मूड ऑफ न करें
पीएम मोदी ने कहा कि क्या कभी हमने सोचा है कि मूड ऑफ क्यों होता है? अपने कारण से या बाहर के किसी कारण से. अधिकतर आपने देखा होगा कि जब मूड ऑफ होता है, तो उसका कारण ज्यादातर बाह्य होते हैं.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी परीक्षा पर चर्चा के लिए ताल कटोरा स्टेडियम में हैं. प्रधानमंत्री का स्वागत शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने किया. परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम में छात्रों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि फिर आपका ये दोस्त आपके बीच में है. मैं आपको नए साल की बहुत बहुत शुभकामनाएं देता हूं. ये सिर्फ नया साल ही नहीं नया दशक है, यह आपके लिए और देश के लिए भी महत्वपूर्ण है. इस दशक के लिए आपको अनेक अनेक शुभकामनाएं देता हूं. इससे पहले प्रधानमंत्री ने छात्रों की परीक्षा से जुड़ी परेशानियों से जुड़ी एक प्रदर्शनी देखी.
पीएम मोदी ने बच्चों को चंद्रयान 2 मिशन का उदाहरण देते हुए कहा, ''विफलता के बाद रुके नहीं, आगे बढ़ें. अपेक्षा पूरी नहीं होने पर मूड ऑफ न करें'' उन्होंने कहा, ''युवा पीढ़ी से बात करना मेरा सबसे बड़ा अनुभव है.''
प्रधानमंक्षी मे एक उदाहरण देते हुए कहा कि मोटिवेशन और डिमोटिवेशन का सवाल है, जीवन में कोई व्यक्ति ऐसा नहीं है जिसे ऐसे दौर से न गुजरना पड़ता हो. चंद्रयान को भेजने में आपका कोई योगदान नहीं था, लेकिन आप ऐसे मन लगाकर बैठे होंगे कि जैसे आपने ही ये किया हो. जब सफलता नहीं मिली तो आप भी डिमोटिवेट हुए.
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं भी तब वहां मौजूद था. मुझे कुछ लोगों ने कहा कि मुझे वहां नहीं जाना चाहिए, क्योंकि मिशन की सफलता की कोई गारंटी नहीं है. तब मैंने उनसे कहा कि इसलिए मैं वहां गया था. मैं कुछ वैज्ञानिकों के साथ वहां बैठा, उन्हें सांत्वना दी.
पीएम मोदी ने कहा कि हम विफलताओं मैं भी सफलता की शिक्षा पा सकते हैं. हर प्रयास में हम उत्साह भर सकते हैं और किसी चीज में आप विफल हो गए तो उसका मतलब है कि अब आप सफलता की ओर चल पड़े हो .
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