नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत आज बीजेपी और अन्य दलों के नेताओं पूर्व वित्त मंत्री अरूण जेटली को श्रद्धांजलि दी. इस मौके पर अरुण जेटली को याद करते हुए प्रधानमंत्री मोदी भावुक हो गए. उन्होंने कहा, ''कभी सोचा नहीं था कि ऐसा भी दिन आएगा कि मुझे मेरे दोस्त को श्रद्धांजलि देने के लिए आना पड़ेगा. इतने लंबे कालखंड तक अभिन्न मित्रता और फिर भी मैं उनके अंतिम दर्शन नहीं कर पाया, मेरे मन में इसका बोझ हमेशा बना रहेगा.'' इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी के अलावा बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित कांग्रेस, सपा, तृणमूल, बसपा, राकांपा, एआईएडीएमके, डीएमके के कई नेता मौजूद रहे.


श्रद्धांजलि सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, '' वे सर्वमित्र थे, वे सर्वप्रिय थे और वे अपनी प्रतिभा, पुरुषार्थ के कारण जिसके लिए जहां भी उपयोगी हो सकते थे, वे हमेशा उपयोगी होते थे. जेटली का जीवन इतनी विविधताओं से भरा हुआ था कि दुनिया की किसी भी समकालीन चीज की बात निकालिये, वे उसका पूरा कच्चा चिट्ठा खोल देते थे. उनके पास जानकारियों का भंडार था.''



उन्होंने कहा कि छात्र राजनीति की पौधशाला में पैदा हुआ पौधा हिंदुस्तान की राजनीति के विशाल फलक में एक वट वृक्ष बनकर उभर आए, ये अपने आप में बहुत बड़ी बात है. प्रतिभा को एक निश्चित दिशा में ढाल कर उन्होंने हर काम में एक नयी ऊर्जा और एक नई सोच दी. इस समारोह में अपनी बात रखने के दौरान भावुक हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘कभी किसी की जिंदगी में ऐसे पल नहीं आने चाहिए कि उसे अपने उम्र में छोटे दोस्त को अंजली देना पड़े.’’


प्रधानमंत्री ने कहा, ''अरुण जी ने अपनी प्रतिभा का उपयोग देश के लिए व समाज की समस्याओं को सुलझाने के लिए किया. हमें इससे प्रेरणा लेते हुए, कुछ न कुछ देश के लिए करके अरुण जी को उत्तम श्रद्धांजलि देनी चाहिए. मैं आज अपने दोस्त को आदरपूर्वक अंजलि दे रहा हूं, ऐसे पल किसी की जिंदगी में नहीं आने चाहिए. हम सबने कुछ न कुछ खोया है, अरुण जी की उत्तम स्मृतियों से प्रेरणा लेते हुए हम सभी कुछ न कुछ देश और समाज के लिए करने के एक भी अवसर को नहीं जाने देंगे.''


प्रधानमंत्री ने कहा, ''वे लंबे समय तक बीमार थे, लेकिन आखरी दिन तक अगर उनसे सामने से पूछा जाए तो भी, वे अपनी बात बताने में या अपने स्वास्थ्य के बारे में बताने में समय खर्च नहीं करते थे. उनका मन-मतिष्क हमेशा देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए रम गया था, यही उनकी ऊर्जा, उनका सामर्थ्य था. पिछले दिनों अरुण जी के लिए जो लिखा गया है, उनके लिए जो कहा गया है और अभी भी अनेक महानुभावों ने जिस प्रकार से अपनी स्मृतियों को यहां ताजा किया है इस सबसे अनुभव कर सकते हैं कि उनका व्यक्तित्व कितना विशाल था, कितनी विविधताओं से भरा हुआ था.''



रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ‘‘ भारत की राजनीति में एक खालीपन आ गया है. भारत के सभी राजनीतिक दल भी यही महसूस करते है.’’ उन्होंने कहा कि बुद्धिजीवियों के बीच भाजपा को लेकर सोच को बदलने में अगर किसी की भूमिका रही है तो वह अरुण जेटली की रही है.


कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि वे शानदार व्यक्तित्व थे जिनके साथ 35 वर्षो तक जुड़ाव रहा. अदालत से लेकर संसद तक हम दोनों एक दूसरे का विरोध करते थे लेकिन फिर भी हमेशा जुड़े रहे. वे बड़े दिल के व्यक्ति थे. उन्होंने कहा कि अरूण जेटली के निधन से हमने अच्छा व्यक्ति एव विनम्र मनुष्य खो दिया. वे एक ऐसे व्यक्ति थे जो राजनीति के आजीवन छात्र थे और अपनी पार्टी के समर्पित स्तम्भ रहे.


बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि जेटली के असमय चले जाने से देश, संसद, भाजपा, उनके परिवार और उनकी निजी क्षति हुई है. जो रिक्तता उनके जाने से सार्वजनिक जीवन में बन गई है, वह लंबे समय तक नहीं भर पाएगी. उन्होंने कहा कि अरुण जेटली बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे. सार्वजनिक जीवन के कई क्षेत्रों में उनका दखल रहता था और वह समय-समय पर मार्गदर्शन भी करते थे. ढेर सारे लोगों से मित्रता बनना उनकी विशेषता थी. कोई व्यक्ति अंतिम समय तक कैसे काम कर सकता है, कैसे कोई व्यक्ति देश हित को पार्टी लाइन से उपर रख सकता है, वह उसके उदाहरण थे. ‘‘वे हमेशा एक बड़े भाई की तरह खड़े रहे, चट्टान के जैसे मेरे साथ खड़े रहे.’’