ओसाका: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने G-20 के मंच पर ब्रिक्स देशों (ब्राजील , रूस, इंडिया, चीन और दक्षिण अफ्रीका) की बैठक में कई महत्वपूर्ण मसलों पर दुनिया का ध्यान दिलाया. उन्होंने कहा कि इस समय दुनिया तीन गंभीर समस्याओं से जूझ रही है. पीएम मोदी ने इन समस्याओं को बीमारी बताया. उन्होंने यहां इन बीमारियों के समाधान के पांच तरीके भी सुझाए जिसे पंचारिष्ट फॉर्मूला बताया गया है. पीएम मोदी ने कहा कि ब्रिक्स समूह के देशों के बीच सहमति से ही इन इन समस्याओं का समाधान निकाला जा सकता है.


पीएम मोदी ने इन तीन बीमारियों का किया जिक्र




  1. विश्व में आर्थिक मंदी व अनिश्चितता का माहौल

  2. तेज़ी से हो रहे जलवायु परिवर्तन से लेकर तकनीकी बदलावों के बीच विकास को समावेशी और सस्टेनेबल बनाने की चुनौती

  3. आतंकवाद से निपटने की चुनौती


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन तीन समस्याओं को खत्म करने के लिए पंचारिष्ट का नया फॉर्मूला दिया. हालांकि, उन्होंने कहा कि इन समस्याओं का समाधान आसान नहीं है. पीएम मोदी के दिए ये हैं पांच सूत्रीय पंचारिष्ट फॉर्मूले-




  1. बहुपक्षीय संस्थाओं में सुधार ज़रूरी

  2. निरंतर आर्थिक विकास के लिए आवश्यक ऊर्जा के संसाधन जैसे तेल और गैस कम कीमतों पर लगातार उपलब्ध रहने चाहिए

  3. आपदारोधी निर्माण और प्रबंधन के लिए साथ आएं ब्रिक्स देश, भारत कर रहा पहल

  4. कुशल कारीगरों और पेशेवरों का आवागमन आसान बनाया जाए

  5. आतंकवाद पर हो वैश्विक सम्मेलन, भारत करेगा मेज़बानी


आतंकवाद पर ग्लोबल कॉन्फ्रेंस की जरूरत

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उन्होंने हाल ही में आतंकवाद पर एक ग्लोबल कॉन्फ्रेंस का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए ज़रूरी सहमति का अभाव हमें निष्क्रिय नहीं रख सकता. आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष को प्रमुख प्राथमिकताओं में जगह देने के लिए मैं ब्राज़ील की सराहना करता हूं.

इन सुझाए गए समाधान के साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि न्यू डेवेलपमेंट बैंक द्वारा सदस्य देशों के भौतिक और सामाजिक इंफ्रास्ट्रक्चर और नवीकरणीय ऊर्जा कार्यक्रमों में निवेश को और प्राथमिकता मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा कि आपदा से निपटने के लिए 'Coalition for Disaster Resilient Infrastructure' जैसे भारत की पहल अल्प विकसित और विकासशील देशों को प्राकृतिक आपदा का सामना करने के लिए उचित इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण में सहायक होगी. पीएम मोदी ने अन्य देशों से इसमें शामिल होने की अपील की.

ब्रिक्स देशों के बीच तालमेल जरूरी


पीएम मोदी ने कहा कि ब्रिक्स देशों के बीच तालमेल से एकतरफा फैसलों के दुष्परिणामों का निदान कुछ हद तक हो सकता है. हमें बहुपक्षीय व्यवस्था में बेहतरी के लिए अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय और व्यापारिक संस्थाओं और संगठनों में आवश्यक सुधार पर ज़ोर देते रहना होगा. पीएम ने कहा कि विश्व भर में कुशल कारीगरों का आवागमन आसान होना चाहिए. इससे उन देशों को भी लाभ होगा जहां आबादी का एक बड़ा हिस्सा कामकाज की उम्र पार कर चुका है.


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