फसल के दाम से लेकर काम तक...किसानों की हुई चांदी! मोदी सरकार ने ले लिए ये बड़े फैसले, जानें- पॉइंट टू पॉइंट
PM Modi: किसानों को बड़ी सौगात देते हुए मोदी सरकार ने प्याज, बासमती चावल और खाद्य तेलों के आयात शुल्क पर अहम फैसला लिया है. कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इससे संबंधित जानकारी दी.
PM Narendra Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों को बड़ी सौगात दी है. केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसकी जानकारी दी. शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि नरेंद्र मोदी किसान हितैषी प्रधानमंत्री हैं. कृषि व किसान कल्याण उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है. किसान भाइयों-बहनों, आपके हित में मोदी सरकार ने कुछ बड़े निर्णय लिए हैं.
शिवराज सिंह चौहान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करके जानकारी देते हुए लिखा, 'किसानों के विकास के लिए प्रतिबद्ध मोदी सरकार ने रिफाइन ऑयल के लिए मूल शुल्क (बेसिक ड्यूटी) को 32.5% तक बढ़ाने का निर्णय लिया है. इस निर्णय से रिफाइनरी तेल के लिए सरसों, सूरजमुखी और मूंगफली की फसलों की मांग बढ़ेगी. किसानों को इन फसलों के बेहतर दाम मिल सकेंगे और साथ ही छोटे एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रिफाइनरी बढ़ने से वहां रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे. इस महत्वपूर्ण निर्णय के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद.'
निर्यात शुल्क को 40% से कम कर 20% किया
इसके साथ ही प्याज के निर्यात शुल्क पर भी अहम फैसला किया. शिवराज सिंह चौहान कहा, 'किसानों की प्रगति के प्रति संकल्पित मोदी सरकार ने प्याज के निर्यात शुल्क को 40% से कम कर 20% कर दिया है. निर्यात शुल्क के कम हो जाने से प्याज उत्पादक किसानों को प्याज के अच्छे दाम मिलेंगे और प्याज का निर्यात भी बढ़ेगा. सरकार के इस निर्णय से किसानों के साथ प्याज से जुड़े अन्य सेक्टर्स को भी सीधा लाभ मिलेगा.'
शिवराज सिंह चौहान ने लिखा, 'किसान कल्याण के प्रति संवेदनशील मोदी सरकार ने बासमती चावल से न्यूनतम निर्यात शुल्क को हटाने का निर्णय लिया है. निर्यात शुल्क के हट जाने से बासमती उत्पादक किसानों को अपनी उपज के ठीक दाम मिलेंगे और बासमती चावल की मांग बढ़ने के साथ ही निर्यात में भी वृद्धि होगी.'
खाद्य तेलों पर लिया अहम फैसला
शिवराज सिंह चौहान ने X पर जानकारी देते हुए लिखा, 'किसान हितैषी मोदी सरकार ने किसान भाइयों-बहनों के हित में निर्णय लेते हुए खाद्य तेलों के आयात शुल्क को 0% से बढ़ाकर 20% कर दिया है. अन्य उपकरणों को जोड़ने पर कुल प्रभावी शुल्क 27.5% हो जाएगा. आयात शुल्क बढ़ाने से सोयाबीन के फसल की कीमतों में वृद्धि होगी और खाद्य तेल निर्माता भी घरेलू किसानों से फसल खरीदने के लिए प्रेरित होंगे. जिससे किसान भाइयों-बहनों को उनकी फसल के ठीक दाम मिल सकेंगे. इस निर्णय से सोया खली का उत्पादन बढ़ेगा, और उसका निर्यात हो सकेगा. साथ ही सोया से जुड़े अन्य सेक्टर्स को भी लाभ मिलेगा.'
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