PM Modi ने European Commission की अध्यक्ष उर्सुला वॉन लेयेन से की बात, व्यापार-जलवायु समेत इन मुद्दों पर हुई चर्चा
यूरोपीय परिषद की अध्यक्ष ने कहा कि यह साल यूरोपीय संघ-भारतीय संबंधों की 60वीं वर्षगांठ मना रहा है और मैं ऐसा मानता हूं कि आज यह संबंध पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हैं.
PM Modi European Commission President Meet: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने तेजी से बदलते भू राजनीतिक स्थिति के परिप्रेक्ष्य में विश्वसनीय प्रौद्योगिकी और सुरक्षा सुनिश्चित करने संबंधी चुनौतियों के समाधान के लिए यूरोपीय संघ-भारत व्यापार और प्रौद्योगिक परिषद की शुरुआत किए जाने को लेकर सोमवार को सहमति जताई. यह निर्णय पीएम मोदी और यूरोपी आयोग की अध्यक्ष वॉन डेर लेयेन के बीच हुई वार्ता में लिया गया.
इस दौरान उन्होंने वाइब्रेंट इंडिया-ईयू स्ट्रेटजिक पार्टनरशिप (vibrant India-EU Strategic Partnership) की भी समीक्षा की. विदेश मंत्रालय ने बताया कि चर्चा के दौरान व्यापारिक क्षेत्र में संबंधों को गहरा करने, जलवायु परिवर्तन (Climate Change), डिजिटल प्रौद्योगिकी (Digital Technology) और लोगों से लोगों के बीच संपर्क (People to People connect) स्थापित करने पर समझौता हुआ है.
यूरोपीय परिषद की अध्यक्ष ने कहा कि यह साल यूरोपीय संघ-भारतीय संबंधों की 60वीं वर्षगांठ मना रहा है और मैं ऐसा मानता हूं कि आज यह संबंध पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हैं. उन्होंने बताया कि हम वाइब्रेंट डेमोक्रेसीज, बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के सथ ही कई चीजें हमारे बीच सामान्य है लेकिन कुछ चुनौतियां भी हैं. इसलिए इस मुलाकात की सराहना करती हूं. उर्सुला वॉन ने आगे कहा कि ईयू के पास सिर्फ एक ट्रेड एंड टेक्नोलॉजी काउंसिल है और वह अमेरिका के साथ है. मैं ऐसा मानती हूं कि इसलिए यह समय है जब हमारे लिए यह महत्वपूर्ण है कि दूसरे ट्रेड एंड टेक्नोलॉजी भारत के साथ हो. हमारे पास एक तकनीकी शक्ति के रूप में भारत है.
PM Narendra Modi held talks with European Commission president Ursula von der Leyen in New Delhi today. They reviewed progress in vibrant India-EU Strategic Partnership & agreed to deepen cooperation in areas of trade, climate, digital technology & people-to-people ties: EAM spox pic.twitter.com/4oGx9DcA1v
— ANI (@ANI) April 25, 2022
यूरोपीय संघ (ईयू) ने कहा कि सामरिक सहयोग तंत्र से दोनों साझेदारों को ‘‘व्यापार के गठजोड़, विश्वसनीय प्रौद्योगिकी और सुरक्षा’’ संबंधी चुनौतियों का मुकाबला करने की मजबूती मिलेगी और साथ ही इन क्षेत्रों में दोनों पक्षों में सहयोग भी गहरा होगा. ईयू ने कहा कि दोनों पक्ष इस बात पर भी सहमत हुए कि तेजी से बदलते भू-राजनीतिक माहौल के मद्देनजर संयुक्त और विस्तृत सामरिक सहयोग की आवश्यकता है.
ईयू ने एक बयान में कहा, ‘‘व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद राजनीतिक मार्ग के साथ ही राजनीतिक फैसलों के क्रियान्वयन के लिए एक आवश्यक प्रारूप प्रदान करेगा. यह तकनीकी काम में सहयोग करेगा तथा यूरोपीय और भारतीय अर्थव्यवस्थाओं की टिकाऊ प्रगति के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्रों में क्रियान्वयन और प्रगति सुनिश्चित करने के लिए राजनीतिक स्तर पर रिपोर्ट करेगा.’’
ईयू ने कहा कि ईयू और भारत के साझा मूल्य और साझा हित आपसी लाभप्रद और प्रगाढ़ सामरिक सहयोग का एक मजबूत आधार है. उसने कहा, ‘‘यूरोपीय संघ और भारत दशकों पुरानी निकट साझेदारी से बंधे हैं और मौजूदा चुनौतियों से निपटने तथा भू-राजनीतिक स्थितियों का समाधान निकालने के लिए संयुक्त प्रयासों को बढ़ाने को लेकर प्रतिबद्ध हैं.’’
ईयू ने कहा, ‘‘व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद स्थापित करने का फैसला भारत के लिए पहला और यूरोपीय संघ के लिए दूसरा होगा. यूरोपी संघ ने अमेरिका के साथ इस प्रकार की एक परिषद की स्थापना की है.’’ बयान में कहा गया कि ईयू-भारत परिषद की स्थापना भारत और यूरोपीय संघ के सभी लोगों के लाभ पहुंचाने के लिए सामरिक साझेदारी को बढ़ाने की दिशा में एक अहम कदम होगा.
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