G7 Summit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार (13 जून) को 'ग्रुप ऑफ सेवन' या कहें जी7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए रवाना हो रहे हैं. इस बार जी7 शिखर सम्मेलन का आयोजन इटली में हो रहा है. सम्मेलन का आयोजन ऐसे समय में हो रहा है, जब दुनिया में दो बड़े युद्ध चल रहे हैं. यूरोप में एक तरफ रूस-यूक्रेन युद्ध 2022 से ही जारी है, दूसरी ओर मध्य पूर्व में गाजा में इजरायल लगातार कार्रवाई कर रहा है. माना जा रहा है कि जी7 में इस बार ये मुद्दे ही चर्चा का विषय रहने वाले हैं. 


इटली में भारत की राजदूत वाणी राव ने कहा, भारत को आउटरीच देश के रूप में जी7 शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया गया है. भारत के एजेंडे में रक्षा और समुद्री सहयोग के मुद्दे हैं. उन्होंने कहा, "रक्षा और सुरक्षा वो महत्वपूर्ण स्तंभ हैं, जिन्हें हम यहां पर बनाना चाहते हैं. हम महत्वपूर्ण टेक्नोलॉजी में सहयोग, दोनों देशों के रक्षा उद्योगों को जोड़ने और समुद्री सहयोग पर भी विचार कर रहे हैं." जी7 सम्मेलन 13 से 15 जून तक आयोजित हो रहा है. ऐसे में आइए जी7 से जुड़े सभी जरूरी सवालों के जवाब जानते हैं. 


कहां हो रहा जी7 सम्मेलन और क्या है एजेंडा?


जी7 के 50वें शिखर सम्मेलन का आयोजन इटली के बोर्गो एग्नाजिया रिसॉर्ट, अपूलिया में हो रहा है. ये जगह दक्षिणी इटली में मौजूद है और पर्यटकों के बीच खासा लोकप्रिय है. अगर इस बार के एजेंडा की बात करें तो शिखर सम्मेलन में शामिल होने वाले देश रूस-यूक्रेन युद्ध, इजरायल-हमास संघर्ष, गाजा में संघर्षविराम और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर बात करने वाले हैं. ये सभी मुद्दे पिछले एक साल से सबसे ज्यादा चर्चा में हैं. 


जी7 में कौन-कौन से देश शामिल हैं? 


जी7 में सात विकसित देश शामिल हैं, जिनमें ज्यादातर देश यूरोप से हैं. इस संगठन में अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और कनाडा जैसे सात देश शामिल हैं. इसी वजह से इसे जी7 का नाम मिला हुआ है. जी7 के सातों देशों की अर्थव्यवस्था 45 ट्रिलियन डॉलर की है. अगर रुपये में बात करें तो ये 3761 लाख करोड़ रुपये होते हैं. दुनिया की जीडीपी में इन सात देशों की हिस्सेदारी 43 फीसदी है. 


जी7 शिखर सम्मेलन के मेहमान कौन से देश हैं. 


भारत के अलावा खाड़ी और अफ्रीकी देशों को भी जी7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए बुलाया गया है. अल्जीरिया, अर्जेंटीना, ब्राजील, मिस्र, केन्या, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, ट्यूनीशिया, तुर्किए और संयुक्त अरब अमीरात इस साल हो रहे जी7 समिट में हिस्सा ले रहे हैं. 


जी7 से जुड़ी जरूरी बातें क्या हैं? 



  • ये 7 विकसित देशों का संगठन है.

  • इसका पूरा नाम ग्रुप ऑफ सेवन है.

  • दुनिया की 43% जीडीपी इन सातों देशों की है.

  • जी7 को 1975 में 6 देशों ने मिलकर बनाया. 

  • 1976 में कनाडा भी इस संगठन में शामिल हुआ.

  • जी7 मानवाधिकार और लोकतंत्र पर जोर देने वाला संगठन है.

  • इसका मकसद आर्थिक विकास में मजबूती देना है.  

  • जी7 की हर साल वैश्विक मुद्दों पर बैठक होती है. 

  • बारी-बारी से सदस्य देश जी7 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करते हैं.

  • हर साल 2 दिनों तक शिखर सम्मेलन का आयोजन होता है. 


जी7 के लिए भारत क्यों खास है?


विकसित देशों के इस संगठन के लिए भारत बेहद ही अहम देश है. इसकी कई वजहें हैं, जिसमें दुनिया में भारत की बढ़ रही ताकत भी शामिल है. भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाला देश भी भारत है. पीएम मोदी की दमदार नीतियों की वजह से भी भारत जी7 के लिए खास देश है. इसके अलावा भारत को वैश्विक राजनीति में नई पहचान मिली है, जबकि पश्चिमी देशों के साथ उसका तालमेल भी बढ़ता जा रहा है. 


इटली में PM मोदी का एजेंडा क्या होने वाला है?


जी7 में हिस्सा लेने पहुंच रहे पीएम मोदी इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के साथ बातचीत करने वाले हैं. वह कई दूसरे देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बातचीत करेंगे. जी7 के आउटरीच सेशन में वह अल्जीरिया, दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों के साथ चर्चा करेंगे. रक्षा और भविष्य में होने वाले सहयोग के मुद्दों पर चर्चा की जा सकती है.


जी7 में पीएम मोदी कब-कब शामिल हुए?


फ्रांस में अगस्त 2019 में पीएम मोदी जी7 शिखर सम्मेलन में शामिल हुए. इसके बाद जून 2021 में ब्रिटेन में जी7 सम्मेलन का आयोजन हुआ, लेकिन कोविड की वजह से पीएम मोदी इसमें वर्चुअली शामिल हुए. इसके बाद जून 2022 में जर्मनी और मई 2023 में जापान में हुए जी7 सम्मेलन में भी पीएम मोदी हिस्सा लेने पहुंचे. अब एक बार फिर से वह इस कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे हैं. 


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