RSS से कैसे जुड़े पीएम मोदी, लेक्स फ्रिडमैन के पॉडकास्ट में खुद किया खुलासा
PM Modi Podcast: लेक्स फ्रिडमैन को पीएम मोदी ने अब तक का सबसे लंबा इंटरव्यू दिया है. उन्होंने आरएसएस के काम करने के तरीकों ओर देश भर में शाखा के लोगों के विचारों पर बात की.

PM Modi Podcast: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मशहूर पॉडकास्टर और एआई रिसर्चर लेक्स फ्रिडमैन को इंटरव्यू दिया. इस दौरान पीएम मोदी आरएसएस से जुड़े अपने भाव प्रकट किए. पीएम मोदी ने बताया कि कैसे वे आरएसएस से जुड़े, जिससे उनके जीवन में बदलाव आया. पीएम मोदी ने कहा, "बचपन में मेरा ये स्वभाव था कि कुछ-न-कुछ करता रहूं. हमारे गांव में सेवा दल से एक लोग आते थे, जो डफली बचाते हुए देशभक्ति गीत गाते थे. मैं पागल की तरह उन्हें सुनने चला जाता था."
RSS से कैसे जुड़े पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा, "मैं रात-रात भर उनसे देशभक्ति के गानें सुनता था. मुझे ऐसा करने में मजा आता था. वैसे ही मेरे यहां राष्ट्रीय स्वयं सेवक (आरएसएस) की शाखा चलती थी. यहां देशभक्ति गीत खूब बजते थे. ये चीजें मेरे मन को अच्छा लगता था. संघ के ये एक संस्कार तो मिले कि अगर हम पढ़ने की सोचें तो ये लगे कि इतना पढूं कि देश के काम आ सकूं."
'दुनिया में आरएसएस जैसा स्वयंसेवी संगठन कोई नहीं'
पीएम बोले, "संघ बहुत बड़ा संगठन है और अब उसके 100 साल होने वाले हैं. दुनिया में आरएसएस जैसा स्वयंसेवी संगठन होगा, ऐसा मैंने तो नहीं सुना है. करोड़ों लोग इससे जुड़ें हैं, लेकिन संघ को समझना इतना आसान है. संघ के काम को समझने का प्रयास करना चाहिए. संघ बेहतर जीवन जीने में एक अच्छी दिशा देता है. दूसरा देश ही सब कुछ है और जनसेवा ही प्रभु सेवा है, ये बातें जो वेद काल से कहा गया है, वही बातें आरएसएस कहता है."
शाखा के लोग कैसे करते हैं लोगों की मदद?
पीएम मोदी ने कहा, "कुछ स्वयंसेवकों ने सेवा भारती नाम के संगठन की स्थपना की है. सेवा भारती झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले गरीब लोग के लिए कई प्रोजेक्ट चला रहे हैं. ये लोग करीब सवा लाख ऐसे गरीबों के लिए सरकार की मदद के बिना सब काम कर रहे हैं. संघ के ही कुछ लोग वनवासी कल्याण आश्रण चला रहे हैं. वे जंगलों में आदिवासियों के बीच रहकर उनकी सेवा करते हैं. 70 हजार से ज्यादा एकल विद्यालय (वन टीचर वन स्कूल) चलाते हैं. कुछ लोग हैं जो इस काम के लिए शायद 10 या 15 डॉलर का डोनेशन करते हैं."
पीएम मोदी ने कहा, "आरएसएस के कुछ स्वयंसेवकों ने शिक्षा में क्रांति लाने के लिए विद्या भारती नाम का संगठन चला रहे हैं. उनके करीब 25 हजार स्कूल चलते हैं, जहां करोड़ों बच्चों को बहुत काम पैसे में पढ़ाया जाता है. आरएसएस ने 100 साल में दुनिया के चकाचौंध से दूर रहते हुए एक समर्पित भाव से देश की सेवा की है."
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