प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को बिहार के राजगीर में नालंदा यूनिवर्सिटी के नए कैंपस का उद्घाटन किया. इस मौके पर पीएम मोदी ने नालंदा के ध्वंस को भी याद किया. इस दौरान उन्होंने कहा, आग की लपटें ज्ञान नहीं मिटा सकतीं.
पीएम मोदी ने कहा, मुझे तीसरे कार्यकाल की शपथ ग्रहण करने के बाद पहले 10 दिनों में ही नालंदा आने का अवसर मिला है. ये मेरा सौभाग्य तो है ही, साथ ही मैं इसे भारत की विकास यात्रा के एक शुभ संकेत के रूप में देखता हूं.
उन्होंने कहा, नालंदा एक पहचान है, एक सम्मान है. नालंदा एक मूल्य है, मंत्र है, गौरव है, गाथा है. नालंदा उद्घोष है इस सत्य का कि आग की लपटों में पुस्तकें भले जल जाएं लेकिन आग की लपटें ज्ञान को नहीं मिटा सकतीं.
पीएम मोदी ने कहा, अपने प्राचीन अवशेषों के समीप नालंदा का नवजागरण. ये नया कैंपस, विश्व को भारत के सामर्थ्य का परिचय देगा. नालंदा बताएगा जो राष्ट्र, मजबूत मानवीय मूल्यों पर खड़े होते हैं. वो राष्ट्र इतिहास को पुनर्जीवित करके बेहतर भविष्य की नींव रखना जानते हैं. नालंदा केवल भारत के ही अतीत का पुनर्जागरण नहीं है. इसमें विश्व के, एशिया के कितने ही देशों की विरासत जुड़ी हुई है. नालंदा यूनिवर्सिटी के पुनर्निर्माण में हमारे साथी देशों की भागीदारी भी रही है. मैं इस अवसर पर भारत के सभी मित्र देशों का अभिनंदन करता हूं.
प्रधानमंत्री ने कहा, प्राचीन नालंदा में बच्चों का एडमिशन उनकी पहचान, उनकी राष्ट्रियता को देखकर नहीं होता था. हर देश, हर वर्ग के युवा यहां आते थे. नालंदा विश्वविद्यालय के इस नए कैंपस में हमें उसी प्राचीन व्यवस्था को फिर से मजबूती देनी है. दुनिया के कई देशों से यहां स्टूडेंट्स आने लगे हैं. यहां नालंदा में 20 से ज्यादा देशों के स्टूडेंट्स पढ़ाई कर रहे हैं. ये वसुधैव कुटुंबकम की भावना का कितना सुंदर प्रतीक है.
1749 करोड़ की लागत से बना है नया कैंपस
नालंदा यूनिवर्सिटी का ये नया कैंपस 1749 करोड़ की लागत से बना है. नए कैंपस में 2 ब्लॉक में 40 क्लासरूम बनाए गए हैं. नए कैंपस की क्षमता 1900 छात्रों की होगी. इतना ही नहीं नए कैंपस में दो ऑडिटोरियम हैं, इनकी प्रत्येक की क्षमता 300 स्टूडेंट्स की है. नए कैंपस में 550 स्टूडेंट्स का हॉस्टल भी है. कैंपस में स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, फैकल्टी क्लब और अन्य सुविधाएं उपलब्ध हैं.