नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए भारत खिलौना मेला 2021 का उद्घाटन कर दिया है. देसी खिलौनों को बढ़ावा देने के मकसद से आयोजित ये वर्चुअल मेला 4 दिन तक चलेगा. पीएम मोदी का कहना है कि ये पहला खिलौना मेला केवल एक व्यापारिक या आर्थिक कार्यक्रम भर नहीं है. ये कार्यक्रम देश की सदियों पुरानी खेल और उल्लास की संस्कृति को मजबूत करने की एक कड़ी है.


पीएम मोदी ने कहा, 'आप सभी से बात करके ये पता चलता है कि हमारे देश के खिलौना उद्योग में कितनी बड़ी ताकत छिपी हुई है. इस ताकत को बढ़ाना, इसकी पहचान बढ़ाना,आत्मनिर्भर भारत अभियान का बहुत बड़ा हिस्सा है.'


"धर्मग्रन्थों में अलग-अलग खिलौनों का वर्णन"
भारत खिलौना मेला 2021 के आयोजन कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा, "आज जो शतरंज दुनिया में इतना लोकप्रिय है, वो पहले 'चतुरंग या चादुरंगा' के रूप में भारत में खेला जाता था. आधुनिक लूडो तब 'पच्चीसी' के रुप में खेला जाता था. हमारे धर्मग्रन्थों में भी बाल राम के लिए अलग-अलग कितने ही खिलौनों का वर्णन मिलता है. ज्यादातर भारतीय खिलौने प्राकृतिक और इको फ्रेंडली चीजों से बनते हैं, उनमें इस्तेमाल होने वाले रंग भी प्राकृतिक और सुरक्षित होते हैं."


पीएम मोदी ने अपने संबोधन में गुरुदेव रवीन्द्र नाथ टैगोर की एक कविता की पंक्तियां दोहराई. उन्होंने कहा, "एक खिलौना बच्चों को खुशियों की अनंत दुनिया में ले जाता है. खिलौना का एक-एक रंग बच्चे के जीवन में कितने ही रंग बिखेरता है."


अगस्त 2020 में मन की बात कार्यक्रम को पीएम मोदी ने खिलौनों को किया था जिक्र
अगस्त 2020 में अपने मन की बात कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था कि खिलौने न केवल क्रियाशीलता बढ़ाते हैं बल्कि महत्वाकांक्षाओं को पंख भी लगाते हैं. बच्चों के मस्तिष्क विकास में खिलौने महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और मनोवैज्ञानिक गतिविधि तथा ज्ञान की कुशलता बढ़ाने में बच्चों की मदद करते हैं. बच्चे के समग्र विकास में खिलौनों के महत्व की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने पहले भी भारत में खिलौनों के उत्पादन को बढ़ाने पर बल दिया है.


भारत खिलौना मेला 2021 का आयोजन प्रधानमंत्री के इस विजन के अनुरूप किया जा रहा है. इस मेले का उद्देश्य सतत लिंकेज बनाने और उद्योग के समग्र विकास पर विचार-विमर्श करने के लिए एक ही प्लेटफॉर्म पर खरीददारों, विक्रेताओं, छात्रों, शिक्षकों, डिजाइनरों आदि सहित सभी हितधारकों को लाना है.


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