मिशन 2019: PM मोदी ने महिला सुरक्षा, तीन तलाक, कश्मीर का जिक्र कर तय किया चुनावी एजेंडा
दिल्ली के लालकिले से भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने एजेंडे में शामिल तीन तलाक विधेयक का भी जिक्र किया और विपक्षी दलों पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि ऐसे कुछ लोग हैं जिन्होंने तीन तलाक विधेयक को संसद में हाल में समाप्त हुए मानसून सत्र के दौरान पारित होने नहीं दिया.
नई दिल्ली: 72 वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित किया. करीब 82 मिनट के उनके भाषण में 2019 लोकसभा चुनाव के एजेंडों की छाप साफ दिखी. पीएम मोदी ने अपनी चार साल की उपलब्धियों के साथ आगे के कदमों के बारे में बताया. अगले साल आम चुनाव से पहले अपने पांचवें और मौजूदा कार्यकाल के अंतिम स्वतंत्रता दिवस के भाषण में मोदी ने एससी-एसटी कानून, ओबीसी आयोग, महिला सुरक्षा, किसान, गरीबी, कश्मीर और अर्थव्यवस्था आदि का जिक्र किया. इस दौरान पूर्व की सरकारों पर निशाना साधने से भी नहीं चूके.
देश के विकास के रास्ते पर आगे ले जाने को लेकर अपनी बेसब्री का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'मैं बेसब्र हूं, क्योंकि जो देश हमसे आगे निकल चुके हैं, हमें उनसे भी आगे जाना है. मैं बेचैन हूं, हमारे बच्चों के विकास में बाधा बने कुपोषण से देश को मुक्त कराने के लिए. मैं व्याकुल हूं, देश के हर गरीब तक समुचित हेल्थ कवर पहुंचाने के लिए.''
एससी-एसटी एक्ट और ओबीसी आयोग पीएम मोदी ने लाल किले से अपने पांचवें भाषण की शुरुआत अपनी सरकार द्वारा दलितों और पिछड़े वर्गो के उत्थान के लिए किए कार्यो के जिक्र से की. उन्होंने कहा कि हाल ही में संपन्न हुए मानसून सत्र में सरकार ने वंचित लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया है.
उन्होंने कहा, "सत्र सामाजिक न्याय के लिए समर्पित था. यह सत्र पिछड़ा वर्ग आयोग बनाने के लिए विधेयक की मंजूरी का गवाह बना. दलितों, महिलाओं और समाज के अन्य कमजोर वर्गों को सशक्त किया गया."
एससी-एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से विपक्षी दल बीजेपी पर दलित और आरक्षण विरोधी होने का आरोप लगाती रही है. विपक्ष का कहना था कि सरकार की तरफ से मजबूती से पक्ष नहीं रखने की वजह से कानून कमजोर हुआ, इससे दलितों पर अत्याचार बढ़ा. अब मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटते हुए पुराने कानून को ज्यों का त्यों लागू करने के लिए बिल बनाया है. जिसे लोकसभा और राज्यसभा से मंजूरी मिल चुकी है.
महिला सुरक्षा देशभर में रेप की बढ़ती वारदातों की वजह से विपक्षी दलों के निशाने पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "हमें अपने समाज और देश को रेप की घृणास्पद मानसिकता से आजाद कराना है." उन्होंने कहा, "मध्य प्रदेश में फास्ट ट्रैक अदालत ने एक दुष्कर्मी को फांसी की सजा सुनाई. लोगों को यह जानना चाहिए कि कानून का शासन सर्वोच्च है और कोई भी व्यक्ति अपने हाथों में कानून नहीं ले सकता."
तीन तलाक दिल्ली के लालकिले से भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने एजेंडे में शामिल तीन तलाक विधेयक का भी जिक्र किया और विपक्षी दलों पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि ऐसे कुछ लोग हैं जिन्होंने तीन तलाक विधेयक को संसद में हाल में समाप्त हुए मानसून सत्र के दौरान पारित होने नहीं दिया. उन्होंने कहा, "तीन तलाक प्रथा मुस्लिम महिलाओं के साथ अन्याय है. तीन तलाक ने बहुत सी महिलाओं का जीवन बर्बाद कर दिया है और बहुत सी महिलाएं अभी भी डर में जी रही हैं."
आपको बता दें कि बीजेपी तीन तलाक विधेयक का चुनाव प्रचारों में जोर-शोर से प्रचार करती रही है. पार्टी का कहना है कि मुस्लिम महिलाओं की सुरक्षा के लिए यह बेहद जरूरी कदम है. कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है और वो वोट बैंक बचाने के लिए बिल पास नहीं होने दे रही है.
महिलाओं को तोहफा प्रधानमंत्री मोदी ने अपने स्वतंत्रता दिवस संबोधन के अवसर पर लालकिले के प्राचीर से कहा, "मैं मेरी बहादुर बेटियों को एक अच्छा समाचार देना चाहता हूं. सशस्त्र सेना में शामिल महिला अधिकारी शार्ट सर्विस कमीशन के जरिए पारदर्शी चयन प्रक्रिया के माध्यम से स्थायी कमीशन पा सकेंगी.'' उन्होंने कहा कि इस पहल से महिला अधिकारियों को भी उनके पुरुष समकक्षों के बराबर समान अवसर मिल सकेगा.
शार्ट सर्विस कमीशन के अनुसार, एक महिला अधिकारी 10-14 वर्ष तक ही काम कर सकती है. महिला अधिकारियों को सेना सेवा कॉर्प्स, युद्ध सामग्री(आर्डनेंस), शिक्षा कॉर्प्स, न्यायाधीश, महाधिवक्ता, इंजीनियर, सिगनल्स, खुफिया और इलेक्ट्रिकल व मैकेनिकल इंजीनियरिंग शाखाओं में शामिल होने की अनुमति मिलती है. लेकिन अभी महिलाओं को लड़ाकू भूमिका जैसे पैदलसेना, मशीनीकृत पैदल सेना, विमान और तोपखाने में शामिल होने का विकल्प नहीं है.
किसान किसानों की बदहाली और आंदोलनों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की मांग वर्षो से लंबित थी. उत्पादन लागत के 1.5 गुना एमएसपी प्रदान करने का निर्णय उनकी सरकार द्वारा लिया गया. आपको बता दें कि विपक्षी दल किसानों की बदहाली को लेकर निशाना साधती रही है. विपक्ष का दावा है कि मोदी सरकार बनने के बाद किसानों की मुश्किलें बढ़ी है. उन्हें उचित दाम नहीं मिल रहा है और वे आत्महत्या कर रहे हैं.
अर्थव्यवस्था प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषणों में डॉलर के मुकाबले रुपये की घटती साख का तो जिक्र नहीं किया. हालांकि उन्होंने कहा कि देश को पहले दुनिया की पांच कमजोर अर्थव्यवस्थाओं में गिना जाता था लेकिन आज भारत निवेश के लिए अरबों डॉलर का गंतव्य है. प्रधानमंत्री ने कहा, "वे कहते हैं कि सोता हाथी जाग गया है और उसने चलना शुरू कर दिया है. भारत अगले तीन दशकों तक वैश्विक अर्थव्यवस्था को मार्गदर्शन और गति देने जा रहा है."
स्वास्थ्य योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में स्वास्थ्य के क्षेत्र में अपनी सबसे बड़ी योजना आयुष्मान भारत राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना का भी जिक्र किया. 25 सितम्बर को पंडित दीन दयाल उपाध्याय के जन्मदिन पर पूरे देश में इसे शुरू किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस योजना में शुरू में 10 करोड़ परिवारों के करीब 50 करोड़ लोग शामिल होंगे.
कश्मीर कश्मीर देश के आम जनमानस में अहम मुद्दा रहा है. केसरिया और लाल रंग का राजस्थानी साफा पहने मोदी ने कश्मीर पर कहा कि हम लोगों को गले लगाकर आगे बढ़ेंगे, गोली और गाली से नहीं. मोदी ने कहा, "अटलजी ने 'इंसानियत' (मानवता), 'कश्मीरियत' (उदार कश्मीरी संस्कृति) और 'जम्हूरियत' (लोकतंत्र) का आह्रान किया था. मैंने भी कहा है कि कश्मीर के मसले का समाधान कश्मीर के लोगों को गले लगाकर किया जा सकता है."
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर, जहां फिलहाल राज्यपाल शासन हैं, वहां बहुप्रतीक्षित पंचायत और स्थानीय निकाय चुनाव कराए जाएंगे. उन्होंने हालांकि यह नहीं बताया कि ये चुनाव कब होंगे.
प्रधानमंत्री मोदी के भाषणों से साफ है कि वे आगामी विधानसभा और 2019 के लोकसभा चुनावों में विपक्षी दलों की एकजुटता को अपने चार साल की उपलब्धियों से मात देने की कोशिश करेंगे. वहीं विपक्ष बेरोजगारी, किसानी और अर्थव्यवस्था की बदहाली के सहारे मोदी सरकार को घेरने की कोशिश करेगा.
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