PM Modi Interview Before G20 Summit: जी20 समिट से ठीक पहले प्रधानमंत्री ने कुछ मीडिया समूहों को इंटरव्यू दिया है. इस इंटरव्यू में पीएम मोदी ने भारत के जी20 एजेंडे पर मनीकंट्रोल से बात की. इस दौरान सवाल किया गया कि 72 साल के होने के बावजूद वह इतनी ऊर्जा से भरे कैसे रहते हैं. जिस पर पीएम ने जवाब देते हुए कहा, 'इस दुनिया में कुछ लोग हैं जो अपने समय, अपनी उर्जा और अपने स्रोत का सही इस्तेमाल करना जानते हैं. मैं उनमें से एक हूं, मेरे जैसे बहुत से लोग ऐसा करते हैं, मैं अकेला नहीं हूं.'
पीएम ने कहा, जब आप एक मिशन के तहत काम करते हैं तो बहुत चीजें मुमकिन हो जाती हैं. उन्होंने कहा,' राजनीति में आने से पहले मैंने कई दशकों तक समाज के जमीनी लोगों के साथ काम किया है. सक्रिय रूप से काम किया है. इसमें मुझे बहुत सारे अनुभव मिले. मैं कई प्रेरणादायक लोगों से भी मिला. इन अनुभवों का एक फायदा यह हुआ कि मैंने उनसे सीखा वह एक उद्देश्य के लिए पूरी तरह से समर्पित हैं.
पीएम ने बताया मिशन और महत्वाकांक्षा के बीच का फर्क
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मनीकंट्रोल को दिए गए इंटरव्यू में मिशन और महत्वाकांक्षा के बीच का फर्क बताया. पीएम मोदी ने कहा, वह निजी महत्वाकांक्षा के लिए नहीं बल्कि मिशन के लिए काम करते हैं. उन्होंने कहा, यदि कोई व्यक्ति महत्वाकांक्षा के लिए काम करता है तो उसके सामने आने वाला कोई भी उतार-चढ़ाव उसे परेशान कर सकता है, क्योंकि महत्वाकांक्षा पद, शक्ति, सुख-सुविधाओं के प्रति लगाव से आती है.
पीएम ने कहा अगर कोई मिशन के तहत काम करता है तो उसकी हार जीत से कोई भी फर्क नहीं पड़ता है. किसी मिशन के लिए पूरी तरह समर्पित होना ही कभी खत्म न होने वाली ऊर्जा और आशा का स्रोत है. पीएम ने आगे कहा, इससे एक फायदा यह भी होता है कि यदि कोई व्यक्ति पूरी तरह से एक मिशन को लेकर प्रतिबद्ध है तो उसका ध्यान किसी अनावश्यक चीजों की तरफ नहीं जाता है.
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