PM Modi Speech On Tamil New Year Puthandu: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार (13 अप्रैल) को तमिल नव वर्ष पुत्तांडु (Puthandu 2023) की पूर्व संध्या पर एक कार्यक्रम को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने तमिल को दुनिया की सबसे पुरानी भाषा बताया. पीएम मोदी ने तमिल संस्कृति के योगदान को याद किया और भारत को दुनिया का सबसे प्राचीन लोकतंत्र बताया.
'तमिल दुनिया की सबसे पुरानी भाषा'
पीएम मोदी ने कहा, ''तमिल दुनिया की सबसे पुरानी भाषा है. इस पर हर भारतीय को गर्व है. तमिल साहित्य का भी व्यापक रूप से सम्मान किया जाता है. आजादी के आंदोलन में भी तमिल लोगों का योगदान बहुत ही महत्वपूर्ण रहा है. आजादी के बाद देश के नवनिर्माण में भी तमिलनाडु के लोगों की प्रतिभा ने देश को नई ऊंचाई दी है.''
पीएम ने कहा, ''कानून और शिक्षा के क्षेत्र में तमिल लोगों का योगदान अतुलनीय है. भारत दुनिया का सबसे प्राचीन लोकतंत्र है. तमिल संस्कृति में ऐसा बहुत कुछ है जिसने एक राष्ट्र के रूप में भारत को गढ़ा है, आकार दिया है.''
14 अप्रैल को तमिल कैलेंडर का पहला दिन
तमिल नव वर्ष पुत्तांडु 14 अप्रैल से शुरू हो रहा है. कार्यक्रम में शामिल होने पहले पीएम मोदी ने ट्वीट करके बताया कि वह अपने सहयोगी मंत्री थिरु एल मुरुगन के निवास पर तमिल नव वर्ष समारोह में हिस्सा ले रहे हैं. थिरु एल मुरुगन भारत सरकार के मत्स्य पालन, पशुपालन, डेयरी मंत्रालय और सूचना-प्रसारण मंत्रालय में राज्य मंत्री हैं.
'पुत्तांडु प्राचीनता में नवीनता का पर्व'
पीएम मोदी ने कहा, ''पुत्तांडु प्राचीनता में नवीनता का पर्व है. इतनी प्राचीन तमिल संस्कृति और हर साल पुत्तांडु से नई ऊर्जा लेकर आगे बढ़ते रहने की ये परंपरा, अद्भुत है. यही बात तमिलनाडु और तमिल लोगों को इतना खास बनती है.''
पीएम ने कहा, ''तमिलनाडु में उत्तिरमेरुर नामक जगह बहुत विशेष है. यहां 1100 से 1200 साल पहले के एक शिलालेख में भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों की झलक मिलती है.'' उन्होंने कहा, ''चेन्नई से 70 किलोमीटर दूर कांचीपुरम के पास तिरु-मुक्कूडल में वेंकटेश पेरुमाल मंदिर है. चोल साम्राज्य के दौरान बना ये मंदिर भी करीब-करीब 1100 साल पुराना है.''
काशी-तमिल संगमम् को किया याद
पीएम मोदी ने कहा, हाल ही में संपन्न हुआ काशी तमिल संगमम् कितना सफल रहा. इस कार्यक्रम में हमने प्राचीनता, नवीनता और विविधता को एक साथ सेलिब्रेट किया है. मैं मानता हूं कि तमिल लोगों के बिना काशीवासियों का जीवन अधूरा है और काशी के बिना तमिल लोगों का जीवन अधूरा है. ये आत्मीयता, जब कोई तमिलनाडु से काशी आता है तो सहज ही दिखाई देती है.''
पीएम मोदी ने कहा, ''आजादी के अमृतकाल में हमारी ये जिम्मेदारी है कि हम अपनी तमिल विरासत के बारे में जानें, देश और दुनिया को बताएं. ये विरासत हमारी एकता और 'राष्ट्र प्रथम' की भावना का प्रतीक है.''
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