Defence Expo 2022: पीएम मोदी ने डेफ-स्पेस मिशन किया लॉन्च, कहा- सेनाओं को एसिमेट्रिक-वॉरफेयर के लिए तैयार करना होगा
डेफ-स्पेस मिशन को लॉन्च करते हुए खुद प्रधानमंत्री ने कहा कि आज पारंपरिक युद्ध के साथ साथ देश की सेनाओं को एसिमेट्रिक-वॉरफेयर के लिए भी तैयार करना होगा. इसमें साइबर और स्पेस जैसे क्षेत्र शामिल हैं.
Defspace Mission Launched: जल, थल और आकाश में झंडा फहराने के बाद भारत (India) अब स्पेस वॉर (Space War) के लिए भी खुद को तैयार कर रहा है. यही वजह है कि बुधवार को गांधीनगर में चल रहे डिफेंस एक्सपो (defence Expo 2022) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने डेफ-स्पेस मिशन (DefSpace Mission) को लॉन्च किया.
डेफ-स्पेस मिशन को लॉन्च करते हुए खुद प्रधानमंत्री ने कहा कि आज पारंपरिक युद्ध के साथ साथ देश की सेनाओं को एसिमेट्रिक-वॉरफेयर के लिए भी तैयार करना होगा. इसमें साइबर और स्पेस जैसे क्षेत्र शामिल हैं. यही वजह है कि भारत अब स्पेस-वॉरफेयर में अपने आप को लगातार मजबूत करने में जुटा है.
ये इसलिए भी बेहद जरूरी है क्योंकि एलएसी पर भारत का चीन से टकराव चल रहा है. चीन पहले से ही स्पेस-टेक्नोलॉजी में काफी तेजी से बढ़ रहा है.
किन 75 चुनौतियों का किया गया है चुनाव?
पीएम मोदी के मुताबिक डेफ स्पेस मिशन के तहत अंतरिक्ष में देश की सैन्य तैयारियों को मजबूत करने के लिए 75 चुनौतियों को चुना गया है. इन सभी 75 चुनौतियों को पूरा करने के लिए देश की प्राईवेट कंपनी और स्टार्ट-अप को आमंत्रित किया गया है.
क्या डेफ स्पेस मिशन में प्राइवेट कंपनियों भी बनेगी भागीदार?
डिफेंस एक्सपो में हिस्सा लेने आए भारत के पूर्व डीजीएमओ यानि डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन्स और इंडियन स्पेस एसोसिएशन के डायरेक्टर जनरल लेफ्टिनेंट जनरल ए के भट्ट (रिटायर) ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में बताया कि अभी तक भारत की सेनाओं यानी थलसेना, वायुसेना और नौसेना की स्पेस जरूरतों को इसरो ही पूरा करता आया था लेकिन अब प्राईवेट कंपनियों को भी इसमें शामिल किया जाएगा.
किस चीज के लिए तैयारी कर रहा है भारत?
भारत स्पेस वॉर के लिए तो तैयारी कर ही रहा है लेकिन जो 75 चुनौतियां अंतरिक्ष के लिए चिन्हित की गई हैं वे सेनाओं की कम्युनिकेशन और सर्विलांस से जुड़ी हुई हैं. इन समस्याओं को स्पेस से जोड़ा जाएगा.
गौरतलब है कि स्पेस वॉर के लिए ही डीआरडीओ (DRDO) ने ए-सैट यानी एंटी-सैटेलाइट मिसाइल (Anti Satellite Missile) तैयार की है जिसका सफल परीक्षण भी हो चुका है. चीन (China) के स्पेस के मिलिटराइजेशन की चिंता को देखते हुए ही भारत ने ये ए-सैट मिसाइल तैयार की थी.