Project Cheetah: चीतों की भारत वापसी पर PM मोदी ने कहा- हमने तैयार किया चीता एक्शन प्लान, दशकों से नहीं हुए थे सार्थक प्रयास
MP Project Cheetah PM Modi: पीएम मोदी ने कहा कि, ये एक ऐसा काम है जिसे कोई महत्व नहीं देता. हमने इसके पीछे पूरी ताकत लगाई, पूरी प्लानिंग की गई, वैज्ञानिकों ने रिसर्च की और वहां के एक्सपर्ट भी भारत आए.
PM Modi On Project Cheetah: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन (PM Modi Birthday) के मौके पर नामीबिया से भारत आए चीतों को कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा. इस दौरान पीएम मोदी ने खुद इन चीतों की तस्वीरें लीं. चीतों को छोड़ने के बाद पीएम ने का एक संबोधन हुआ, जिसमें उन्होंने कहा कि, जब समय का चक्र हमें अतीत को सुधारकर नए भविष्य के निर्माण का मौका देता है. आज सौभाग्य से हमारे सामने एक ऐसा ही क्षण है. दशकों पहले जैव विविधता की जो कड़ी टूट गई थी, आज उसे जोड़ने का हमें मौका मिला है. आज भारत की धरती पर चीता लौट आए हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि, जब हम अपनी जड़ों से दूर होते हैं तो बहुत कुछ खो बैठते हैं. इसलिए आजादी के इस अमृतकाल में हमने अपनी विरासत पर गर्व और गुलामी की मानसिकता से मुक्ति जैसे पंचप्राणों के महत्व को दोहराया है.
चीतों के पुनर्वास के लिए नहीं हुआ सार्थक प्रयास - पीएम
पीएम ने आगे कहा कि, हमने पिछली सदी में वो समय भी देखा है जब प्रकृति के दोहन को शक्ति प्रदर्शन का प्रतीक मान लिया गया था. 1947 में जब देश में केवल आखिरी तीन चीते बचे थे तो उनका भी शिकार कर लिया गया. ये दुर्भाग्य रहा कि हमने 1952 में चीतों को विलुप्त तो घोषित कर दिया, लेकिन उनके पुर्नवास के लिए कोई सार्थक प्रयास नहीं हुआ. आज आजादी के अमृतकाल में देश नई ऊर्जा के साथ चीतों के पुनर्वास में जुट गया है. अमृत में वो ताकत होती है जो मृत को भी पुनर्जीवित कर सकता है.
पीएम मोदी ने आगे कहा कि, ये एक ऐसा काम है जिसे कोई महत्व नहीं देता. हमने इसके पीछे पूरी ताकत लगाई, पूरी प्लानिंग की गई, वैज्ञानिकों ने रिसर्च की और वहां के एक्सपर्ट भी भारत आए. पूरे देश में चीतों के लिए सबसे उपयुक्त क्षेत्र के लिए सर्वे हुए, जिसके बाद कूनो नेशनल पार्क को चुना गया. आज हमारी वो मेहनत परिणाम के रूप में हमारे सामने है.
'दीदार के लिए कुछ महीने का धैर्य'
पीएम मोदी ने कहा कि, ये बात सही है कि जब प्रकृति और पर्यावरण का संरक्षण होता है तो हमारा भविष्य भी सुरक्षित होता है. विकास और समृद्धि के रास्ते भी खुलते हैं. कुनो नेशनल पार्क में जब चीता फिर से दौड़ेंगे, तो यहां का grassland ecosystem फिर से रिस्टोर होगा, बायोडायवर्सिटी और बढ़ेगी.
चीतों के दीदार को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि, कूनो नेशनल पार्क में छोड़े गए चीतों को देखने के लिए देशवासियों को कुछ महीने का धैर्य दिखाना होगा, इंतजार करना होगा. आज ये चीते मेहमान बनकर आए हैं, इस क्षेत्र से अनजान हैं. कूनो नेशनल पार्क को ये चीते अपना घर बना पाएं, इसके लिए हमें इन चीतों को भी कुछ महीने का समय देना होगा. अंतरराष्ट्रीय गाइडलाइन्स पर चलते हुए भारत इन चीतों को बसाने की पूरी कोशिश कर रहा है. हमें अपने प्रयासों को विफल नहीं होने देना है
एशियाई शेरों की संख्या में इजाफा
पीएम ने आगे कहा कि, आज 21वीं सदी का भारत, पूरी दुनिया को संदेश दे रहा है कि इकॉनमी और ईकोलॉजी कोई विरोधाभाषी क्षेत्र नहीं है. पर्यावरण की रक्षा के साथ ही, देश की प्रगति भी हो सकती है, ये भारत ने दुनिया को करके दिखाया है. हमारे यहां एशियाई शेरों की संख्या में भी बड़ा इजाफा हुआ है. इसी तरह, आज गुजरात देश में एशियाई शेरों का बड़ा क्षेत्र बनकर उभरा है. इसके पीछे दशकों की मेहनत, रिसर्च बेस्ड पॉलिसी और जन-भागीदारी की बड़ी भूमिका है.
Tigers की संख्या को दोगुना करने का जो लक्ष्य तय किया गया था उसे समय से पहले हासिल किया है. असम में एक समय एक सींग वाले गैंडों का अस्तित्व खतरे में पड़ने लगा था, लेकिन आज उनकी भी संख्या में वृद्धि हुई है. हाथियों की संख्या भी पिछले वर्षों में बढ़कर 30 हजार से ज्यादा हो गई है. आज देश में 75 wetlands को रामसर साइट्स के रूप में घोषित किया गया है, जिनमें 26 साइट्स पिछले 4 वर्षों में ही जोड़ी गई हैं. देश के इन प्रयासों का प्रभाव आने वाली सदियों तक दिखेगा, और प्रगति के नए पथ प्रशस्त करेगा.
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