नई दिल्ली: कोरोना संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार अभियान की शुरुआत की. इस अभियान ते तहत एक करोड़ से ज्यादा स्थानीय व प्रवासी श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराए जाएंगे. सीएम योगी की इस महतावाकांक्षी योजना को उनका ड्रीम प्रोजेक्ट माना जा रहा है. इसके तहत मुख्यमंत्री ने प्रवासी कामगारों व राज्य के एक करोड़ लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने का खाका तैयार किया है. रोजगार अभियान के वर्चुअल लॉन्चिंग के मौके पर राज्य सरकार के संबंधित विभागों के मंत्री भी मौजूद रहे.


प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश के प्रयास और उपलब्धियां इसलिए विराट हैं, क्योंकि ये सिर्फ एक राज्य भर नहीं है, बल्कि उत्तर प्रदेश दुनिया के कई देशों से बड़ा राज्य है.इस उपलब्धि को यूपी के लोग खुद महसूस कर रहे हैं. लेकिन आप अगर आंकड़े जानेंगे तो और भी हैरान हो जायेंगे. उन्होंने कहा कि आज जब दुनिया में कोरोना का इतना बड़ा संकट है, तब उत्तर प्रदेश ने जो साहस दिखाया, जो सूझबूझ दिखाई, जो सफलता पाई, जिस तरह कोरोना से मोर्चा लिया, जिस तरह स्थितियों को संभाला, वो अभूतपूर्व है, प्रशंसनीय है. जब तक कोरोना की वैक्सीन नहीं बनती तब तक हमें सामाजिक दूरी और मास्क का इस्तेमाल करना होगा.


पीएम मोदी ने कहा कि जो मेहनत यूपी की सरकार ने की है, हम कह सकते हैं कि एक प्रकार से अब तक कम से कम 85 हज़ार लोगों का जीवन बचाने में वो कामयाब हुई है!आज अगर हम अपने नागरिकों का जीवन बचा पा रहे हैं, तो ये भी बहुत संतोष की बात है.उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान, गरीबों को भोजन की दिक्कत न हो, इसके लिए जिस तरह योगी सरकार ने काम किया है, वो भी अभूतपूर्व है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत यूपी ने बहुत तेज़ी से गरीबों और गांव लौटे श्रमिक साथियों तक मुफ्त राशन पहुंचाया.


करीब 60 लाख लोग को गांव के विकास से जुड़ी योजनाओं में तो करीब 40 लाख लोगों को छोटे उद्योगों में रोज़गार


पीएम ने कहा कि भारत को आत्मनिर्भरता के रास्ते पर तेज़ गति से ले जाने का अभियान हो या फिर गरीब कल्याण रोज़गार अभियान हो, उत्तर प्रदेश यहां भी बहुत आगे चल रहा है.गरीब कल्याण रोज़गार अभियान के तहत श्रमिकों को आय के साधन बढ़ाने के लिए गांवों में अनेक कार्य शुरू करवाए जा रहे हैं.करीब 60 लाख लोग को गांव के विकास से जुड़ी योजनाओं में तो करीब 40 लाख लोगों को छोटे उद्योगों यानि MSMEs में रोज़गार दिया जा रहा है.इसके अलावा स्वरोज़गार के लिए हज़ारों उद्यमियों को मुद्रा योजना के तहत करीब 10 हज़ार करोड़ रुपए का ऋण आबंटित किया गया है.


यह अभियान 125 दिनों तक चलेगा
प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान के अंतर्गत अकेले मनरेगा योजना के तहत गोंडा, बलरामपुर सहित 31 जिलों के लिए करीब 900 करोड़ रुपये की कार्य योजना तैयारी की है. अभियान के पहले दिन एक साथ करीब 65 लाख लोगों को एक साथ रोजगार देने की तैयारी है. यह अभियान 125 दिनों तक चलेगा.रोजगार पाने वाले लोगों में 50 प्रतिशत लोग वो होंगे, जो मनरेगा के तहत रजिस्टर्ड हैं.


36 लाख प्रवासी कामगारों का पूरा डेटा बैंक मैपिंग के साथ तैयार
प्रदेश सरकार के पास 36 लाख प्रवासी कामगारों का पूरा डेटा बैंक मैपिंग के साथ तैयार है. योगी सरकार इन कामगारों को एमएसएमई, एक्सप्रेस-वे, हाइवे, यूपीडा, मनरेगा जैसे तमाम क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर रोजगार से जोड़ भी चुकी है. अब ये आंकड़ा एक करोड़ के पार पहुंचने वाला है. इतना ही नहीं, प्रदेश में एमएसएमई सेक्टर को मजबूत करने और खुद को तकनीकी रूप से अपग्रेड करने के लिए 5 मई को 57 हजार से अधिक इकाइयों को ऑनलाइन लोन दिया गया था.


योगी आदित्यनाथ ने कहा था हामरे लोग हमारी ताक़त हैं. हमारी पूंजी हैं
लॉकडाउन के दौरान बाहर से लोगों को अपने यहां लाने की शुरुआत सबसे पहले योगी आदित्यनाथ ने की थी. हरियाणा बस भेज कर उन्होंने मज़दूरों को घर बुलवाया था. इसके बाद तो कुछ और राज्यों में भी बसें भेजी गई थीं. जब श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलने लगे तो लाखों लोग यूपी आए. क़रीब 36 लाख प्रवासी लोग यूपी में अपने घर लौटे. तब सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था ये लोग हमारी ताक़त हैं. हमारी पूंजी हैं.


यूपी में स्किल मैपिंग के जरिए बनाई गई रणनीति
सीएम योगी ने वादा किया था ऐसे लोगों के उनके घर के पास ही रोज़गार देने की कोशिश की जाएगी. इसके लिए देश में पहली बार यूपी में स्किल मैपिंग का काम शुरू हुआ. डाटा तैयार किया गया कि कौन लोग किस तरह का काम करते हैं. जैसे बढ़ई, लुहार, सोनार, दर्ज़ी, कंप्यूटर रिपेयर करने वाले, गाड़ी की मरम्मत का काम करने वाले, राज मिस्त्री जिनके पास कोई हुनर नहीं है उनमें से कुछ को मनरेगा का काम दिया गया. कुछ लोगों को रियल एस्टेट में काम मिला. इसके लिए रियल एस्टेट डेवलपरों के संगठन नरडेका से समझौता किया गया. इसे रोज़गार अभियान नाम दिया गया है. राज्य के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी बताते हैं कि शुरूआत में 31 ज़िलों में ये योजना शुरू की गई है.


यूपी में क़रीब 90 लाख छोटे और लघु उद्योग
यूपी में क़रीब 90 लाख छोटे और लघु उद्योग हैं. योगी सरकार का दावा है कि अगर इनसे एक भी आदमी को जोड़ दिया गया तो 90 लाख को रोज़गार मिल जाएगा. नोएडा में गार्मेंट्स की क़रीब 3500 फ़ैक्टरियाँ हैं. जिनमें दो लाख लोगों की ज़रूरत थी. स्किल मैपिंग में प्रवासी लोगों में से 64000 दर्ज़ी पाए गए.


मजदूरों को स्किल के हिसाब से मिल रहा है काम, अपना बिजनेस शुरू करने वालों को लोन की सुविधा
यूपी में एमएसएमई के प्रमुख सचिव नवनीत सहगल बताते हैं कि हमने गार्मेंट्स कंपनियों को उनकी ज़रूरत के हिसाब से लोग दे दिए हैं. वे कहते हैं कि जिसको जिस काम का अनुभव है, उसे हम उसी सेक्टर में काम दिलाने में लगे हैं. जो लोग अपना काम धंधा खुद करना चाहते हैं, उन्हें बैंकों से कम ब्याज पर लोन दिया जा रहा है. योगी आदित्यनाथ कह चुके हैं कि बाहर कमाने वाले जो लौटे हैं उन्हें अब फिर बाहर नहीं जाने देंगे. सीएम योगी ने कहा था कि वे पीएम नरेन्द्र मोदी के संकट को अवसर में बदलने के मंत्र को सच साबित कर दिखाएंगे.


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