नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की जनता से नये साल से डिजिटल मुद्रा अपनाने का आह्वान करते हुए,  बायोमीट्रिक पहचान की घोषणा की, यानी अब अंगूठा निशानी के जरिए धन के भुगतान की सुविधा दो सप्ताह में शुरू कर दी जाएगी जिसकों आधार प्रणाली के जरिए लागू किया जाएगा. मोदी ने देश में डिजिटल मुद्रा को बढ़ावा देने के लिए आयोजित डिजिधन मेले में कहा कि डेबिड, क्रेडिट कार्ड और ई वालेट के जरिए भुगतान के बाद अब प्रस्तावित नयी प्रणाली में केवल अंगूठे के निशान से ही भुगतान या लेन देने किया जा सकेगा. इसके लिए उपयोक्ताओं के बैंक खाते को आधार गेटवे से जोड़ा जाएगा.


मोदी इस मौके पर नोटबंदी का विरोध कर रहे अपने राजनीतिक विरोधियों की चुटकी लेने से नहीं चूके. उन्होंने कहा कि इस पहल का उद्देश्य देश की संपत्ति को खाने वाले ‘चूहों’ को पकड़ना था. प्रधानमंत्री ने हालांकि अपने संबोधन में किसी का नाम नहीं लिया लेकिन यह स्पष्ट रूप से नोटबंदी का विरोध कर रहे विपक्ष पर केंद्रित था. मोदी ने कहा कि एक नये स्वदेशी भुगतान एप ‘भीम‘ का नाम भारतीय संविधान के मुख्य शिल्पी भीम राव अंबेडकर के नाम पर रखा गया है.


भारत इंटरफेस फोर मनी (भीम) एप का खुलासा करते हुए उन्होंने कहा कि यह सरल एप है जिसका इस्तेमाल स्मार्टफोन या फीचर फोन के जरिए भुगतान के लेनदेन में किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि इसका ‘भीम’ नाम समाज के वंचितों, शोषितों व पिछड़े तबके के उत्थान के लिए बाबा भीम राव अंबेडकर के योगदान को रेखांकित करता है.


प्रधानमंत्री ने डा अंबेडकर की अर्थव्यवस्था की समझ को याद करते हुए कहा कि इस एप के जरिए भारत रत्न भीम राव अंबेडकर का नाम भारत की अर्थव्यवस्था के केंद्र में आ जाएगा. वह दिन दूर नहीं जबकि लोग अपना सारा कारोबार इस एप के जरिए कर रहे होंगे.


अंगूठे के निशान पर आधारित और आधार से जुड़ी भुगतान प्रणाली के बारे में उन्होंने कहा कि सरकार इसके सुरक्षा पहलुओं पर काम कर रही है और इसे दो सप्ताह में पेश कर दिया जाएगा.


उन्होंने कहा एक जमाना था जब अनपढ़ को अंगूठा छाप कहा जाता था लेकिन अब वक्त बदल चुका है जबकि प्रौद्योगिकी के बल पर उपयोक्ता का अंगूठा ही उसका बैंक, उसका कारोबार उसकी पहचान बन जाएगा.


देश के 100 करोड़ से अधिक लोगों को आधार मिल चुका है. देश में 100 करोड़ से अधिक मोबाइल हैं और जब यह देश डिजिटल हो जाएगा तो ‘इतिहास रच देगा.’ उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी समाज के सबसे गरीब तबकों, छोटे व्यापारियों व सीमांत किसानों को सक्षम व ताकवर बनाती है.


मोदी ने कहा कि आज भी दुनिया हैरानी जताती है कि ‘निरक्षरों का देश’ भाव चुनावों में ईवीएम का इतना प्रभावी इस्तेमाल कैसे कर रहा है. आलोचकों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा,‘कुछ लोगों के दिन की शुरुआत ही निराशा से होती है. वे उसी निराशा में डूबे रहते हैं. ऐसे निराश लोगों के पास मेरे पास कोई औषधि नहीं है लेकिन आशा व उम्मीद रखने वालों के पास मेरे पास हजारों अवसर हैं.’ उन्होंने कहा कि धोबी और हजाम भी डिजिटल भुगतान का इस्तेमाल कर सकते हैं और बैंकों से कर्ज लेने के लिए अपने मोबाइल रिकार्ड का उपयोग कर सकते हैं.


मोदी ने कहा कि तीन साल पहले अखबार और मीडिया में यही चर्चा रहती थी कि ‘कितना धन गया. कोयला (घोटाले) में इतना गया, 2जी (घोटाले) में इतना गया लेकिन अब लोग यह चर्चा करते हैं कि (नोटबंदी के बाद) कितना धन बैंकों में आया. कल कितना आया था, आज कितना आया.’ नोटबंदी को ‘खोदा पहाड़ और निकला चूहा’ बताने वालों पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस इन चूहों को पकड़ना भी जरूरी है क्योंकि इन्होंने गरीबों का धन खा लिया है. उन्होंने कहा कि भारत को किसी समय सोने की चिड़िया कहा जाता था पर कुछ गलतियों के चलते वह गरीब हो गया. देश में फिर से सोने की चिड़िया बनने की संभावना है. इसके साथ ही मोदी ने लोगों से अपील की कि वे कम से कम पांच लेनदेन मोबाइल फोन के जरिए करें ताकि देश में डिजिटल आंदोलन को आगे बढाया जा सके.