PM Modi Speech: परजीवी, बालक बुद्धि...PM मोदी ने 133 मिनट तक दिया भाषण, सदन में गूंजे सबसे ज्यादा ये शब्द
PM Modi Lok Sabha Speech: पीएम मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत सरकार के विजन के साथ की. उन्होंने बताया कि किस तरह तीसरी बार तीन गुना रफ्तार से देश के विकास के लिए काम किया जाएगा.
PM Modi Speech: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (2 जुलाई) को लोकसभा में दमदार भाषण दिया. भले ही उन्होंने अपने भाषणों के जरिए कांग्रेस को जमकर घेरा और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को निशाने पर लिया. मगर उनके भाषणों से कुछ महत्वपूर्ण चीजें गायब रहीं, जिसमें नीट पेपर लीक का मुद्दा भी शामिल है. प्रधानमंत्री मोदी ने संसद में 133 मिनट तक बोला, जबकि नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने एक दिन पहल ेयानी सोमवार (1 जुलाई) को 100 मिनट तक सदन में बोला था.
पीएम मोदी के भाषण का विश्लेषण किया गया है, जिससे पता चलता है कि उन्होंने 61 बार विकास और विकसित शब्द का इस्तेमाल किया. अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने 15 बार पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और 12 बार इंदिरा गांधी का नाम लिया. सभी जानते हैं देश में इस वक्त सबसे ज्यादा नीट का मुद्दा गर्म है. बावजूद इसके पीएम ने सिर्फ एक बार नीट शब्द का इस्तेमाल किया. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पीएम ने धन्यवाद भाषण में कांग्रेस के लिए परजीवी और राहुल के लिए बालक बुद्धि जैसे शब्द यूज किए.
कांग्रेस परजीवी बन चुकी है: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री के भाषण का सबसे अहम हिस्सा वो रहा, जब उन्होंने कांग्रेस को परजीवी बता दिया. पीएम मोदी ने कहा, "13 राज्यों में कांग्रेस को जीरो सीट मिली है, लेकिन वो खुद को हीरो मान रहे हैं. मैं कांग्रेस के लोगों से कहूंगा कि झूठी जीत के जश्न में जनता के जनादेश की अनदेखी न करें. अब कांग्रेस 2024 से परजीवी पार्टी बन गई है, जिसका मतलब है कि वह अपने सहयोगी पर निर्भर रहती है और उसे ही खा जाती है. कांग्रेस उस पार्टी का वोट खा जाती है जिसके साथ वह गठबंधन करती है."
उन्होंने कहा, "जहां कांग्रेस और बीजेपी में सीधी टक्कर थी, वहां कांग्रेस का स्ट्राइक रेट सिर्फ 26 फीसदी है. मगर जहां वे गठबंधन में थे, वहां उनका स्ट्राइक रेट 50 फीसदी था. कांग्रेस की 99 सीटों में से अधिकांश सीटें उसे सहयोगियों के प्रयासों से मिलीं. गुजरात, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस अपने दम पर लड़ा, यहां 64 सीटों में से वे केवल 2 सीटें जीत पाई. इसका मतलब है कि कांग्रेस परजीवी हो गई है. अगर कांग्रेस ने अपने सहयोगियों के वोट न खाए होते तो वह इतनी सीटें भी नहीं जीत पाती."
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