COVID-19 100 Cr Milestone Jabs: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कोविड-19 रोधी टीके बनाने वाली सात भारतीय कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की. इस बैठक में सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के प्रमुख अदार पूनावाला भी मौजूद रहे. बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया और एमओएस स्वास्थ्य भारती प्रवीण पवार भी शामिल हुए. प्रधानमंत्री के ये बैठक ऐसे मौके पर हुई है, जब देश ने कोरोना टीकाकरण में बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है. भारत पहला ऐसे देश बन गया है, जिसने लोगों को कोरोना वैक्सीन की 100 करोड़ खुराक से ज्यादा लगाई है.


बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैक्सीन निर्माताओं के साथ बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कोविशील्ड वैक्सीन का निर्माण करने वाले सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला के साथ भी वैक्सीन पर चर्चा की.


बैठक में किन कंपनियों के प्रतिनिधि रहे मौजूद


सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने इस दौरान टीकों को लेकर शोध सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की. प्रधानमंत्री से इस मुलाकात में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, भारत बायोटेक, डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज, जाइडस कैडिला, बॉयोलॉजिकल ई, जेन्नोवा बायोफार्मा और पैनेसिया बायोटेक के प्रतिनिधि मौजूद थे. स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, भारत में अब तक टीकों की 101.30 करोड़ खुराक दी जा चुकी है.


बैठक के बाद एक वीडियो संदेश में जाइडस कैडिला के पंकज पटेल ने कहा कि देश के वैज्ञानिकों ने टीके विकसित किए, उसके लिए सबसे बड़े कारक प्रधानमंत्री थे. उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने शुरू से हमें प्रोत्साहित किया है. उन्होंने कहा कि आप करो, सरकार आपके साथ है. आपको जहां भी असुविधा होगी, सरकार आपको सहयोग करेगी. इसी वजह से हम टीके विकसित कर पाए.’’ उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत में नवोन्मेष का जो नया अध्याय आरंभ हुआ है, वह बहुत तेजी से बढ़ेगा और भारत एक नवोन्मेषी राष्ट्र के रूप में उभरेगा.


सीरम इंस्टीट्यूट के साइरस पूनावाला ने कहा कि उनके मन में इस बात को लेकर कोई संदेह नहीं है कि प्रधानमंत्री ने अगर स्वास्थ्य मंत्रालय का नेतृत्व ना किया होता तो आज भारत टीकों की एक सौ करोड़ खुराक नहीं उपलब्ध करा पाता. उन्होंने कहा, ‘‘जब वह पिछले साल नवंबर में पुणे आए थे तो मैंने उन्हें आश्वस्त किया था कि टीकों के मामले में हम भारत को आत्मनिर्भर बनाएंगे और दुनिया का सबसे सस्ता टीका विकसित करेंगे. आज वह बहुत खुश थे कि उस आश्वासन को हमने पूरा किया है.’’


भारत ने 21 अक्टूबर को महामारी के खिलाफ टीकाकरण अभियान के तहत एक अरब खुराक का आंकड़ा पार कर ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की थी, जिसके लिए दुनियाभर से देश को बधाई मिलने का सिलसिला जारी है.


देश में टीकाकरण के पात्र वयस्कों में से 75 प्रतिशत से अधिक लोगों को कम से कम एक खुराक लग चुकी है, जबकि करीब 31 प्रतिशत लोगों को टीके की दोनों खुराक लग चुकी हैं. नौ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सभी पात्र लोगों को टीकों की पहली खुराक दी जा चुकी है.


टीकाकरण मुहिम की शुरुआत 16 जनवरी को हुई थी और इसके पहले चरण में स्वास्थ्यकर्मियों को टीके लगाए गए थे. इसके बाद दो फरवरी से अग्रिम मोर्चे के कर्मियों का टीकाकरण आरंभ हुआ था. टीकाकरण मुहिम का अगला चरण एक मार्च से आरंभ हुआ, जिसमें 60 साल से अधिक आयु के सभी लोगों और गंभीर बीमारियों से ग्रस्त 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को टीके लगाने शुरू किए गए.


देश में 45 साल से अधिक आयु के सभी लोगों का टीकाकरण एक अप्रैल से आरंभ हुआ था और 18 साल से अधिक आयु के सभी लोगों का टीकाकरण एक मई से शुरू हुआ. देश के टीकाकरण अभियान में तीन टीकों सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा तैयार कोविशील्ड, भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और स्पूतनिक वी का इस्तेमाल किया जा रहा है.


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