लोकसभा में पीएम मोदी ने किया जिन 11 संकल्पों का जिक्र, वो भारत के विकास में कैसे करेंगे मदद? जानें
शनिवार (14 दिसंबर) को लोकसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने विकसित भारत के लिए 11 संकल्प बताए. संविधान को लेकर विपक्ष के सारे आरोपों का पीएम मोदी ने इन संकल्पों के जरिए जवाब दिया.
PM Modi Sankalp: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार (14 दिसंबर) को लोकसभा में संविधान की गौरवशाली यात्रा पर चर्चा के दौरान विकसित भारत के लिए 11 संकल्प प्रस्तुत किए. इनमें कर्तव्य पालन, भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस, गुलामी की मानसिकता से मुक्ति, परिवारवाद से मुक्ति, महिलाओं के नेतृत्व में विकास और 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' जैसे संकल्प शामिल हैं. पीएम मोदी ने कहा कि अगर इन संकल्पों को लेकर हम आगे बढ़ेंगे तो 2047 तक विकसित भारत का सपना भी पूरा हो जाएगा.
प्रधानमंत्री मोदी ने संविधान के 75 वर्ष पूरे होने को असाधारण उपलब्धि बताया. उन्होंने भारत की बढ़ती आर्थिक शक्ति को लेकर कहा कि देश जल्द ही तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है. उन्होंने कहा कि आज मैं इस सदन से 11 संकल्प सामने रखना चाहता हूं.
पीएम मोदी के 11 संकल्प
1. कर्तव्य पालन
प्रधानमंत्री मोदी ने शासन और नागरिकों में कर्तव्य के महत्व पर जोर दिया है. देशभर में स्वच्छ भारत मिशन के तहत 100 मिलियन घरेलू शौचालयों का निर्माण कराया गया. 60,000 से अधिक बच्चों की वार्षिक मृत्यु दर में कमी आई. यह मिशन न केवल स्वच्छता में सुधार लाया, बल्कि नागरिकों को जिम्मेदारी का एहसास कराया. प्रधानमंत्री ने "अमृतकाल" को "कर्तव्यकाल" घोषित करते हुए राष्ट्र निर्माण में हर नागरिक के योगदान पर जोर दिया. एक पेड़ मां के नाम अभियान शुरू किया गया, इसके तहत 1 बिलियन से अधिक पौधों का रोपण हुआ. प्रधानमंत्री ने एलपीजी सब्सिडी छोड़ने का आह्वान किया. जिसके बाद 1.13 करोड़ नागरिकों ने स्वेच्छा से सब्सिडी छोड़ी, जिससे वंचितों को लाभ मिला. प्रधानमंत्री ने "अमृतकाल" को "कर्तव्यकाल" में परिवर्तित कर नागरिकों को राष्ट्रीय विकास में योगदान के लिए प्रेरित किया.
2. समावेशी विकास
मोदी सरकार ने देश के हर वर्ग और क्षेत्र के विकास पर ध्यान केंद्रित किया है. प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत देशभर में 53.13 करोड़ बैंक खाते खोले गए,इनमें से 29.56 करोड़ खाते महिलाओं के हैं. पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत 9.4 करोड़ किसानों को ₹3.45 लाख करोड़ का सीधा लाभ मिल रहा है. प्रधानमंत्री आवास योजना आने के बाद 2024 तक 2.95 करोड़ घरों का निर्माण हुआ. शौचालय निर्माण ने लाखों महिलाओं को स्वच्छता और सम्मान प्रदान किया. ट्रांसजेंडर और आदिवासी समूहों के लिए विशेष योजनाएं लागू की गईं.
3. भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस
प्रधानमंत्री मोदी ने भ्रष्टाचार उन्मूलन को अपनी सरकार की प्राथमिकता बनाया. डिजिटल इंडिया और डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) ने सब्सिडी और लाभ सीधे लाभार्थियों तक पहुंचाए. 100 मिलियन फर्जी लाभार्थियों को हटाकर ₹3 लाख करोड़ से अधिक की बचत की गई. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई में बड़ी सफलता मिली. 2014 से पहले ₹5,000 करोड़ की संपत्ति जब्त की गई थी.2014 के बाद ईडी ने अब तक ₹1 लाख करोड़ से अधिक की संपत्ति जब्त की है.
4. कानून के शासन का सम्मान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने कानून के शासन को बनाए रखने, संविधान का पालन करने और सभी नागरिकों के लिए समान न्याय सुनिश्चित करने को अपनी प्रमुख प्राथमिकताओं में शामिल किया है. मोदी सरकार ने मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 पारित किया, जिसमें तत्काल तीन तलाक की प्रथा को अपराध घोषित किया गया. मोदी सरकार ने सभी के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए तीन नए आपराधिक कानून भी लाए. इन कानूनों ने नए आपराधिक कानून में सजा से ज़्यादा न्याय को प्राथमिकता दी. इन कानूनों का इम्प्लीमेंटेशन कराना न्याय की दिशा में एक ठोस प्रयास है.
5. औपनिवेशिक (गुलामी) की मानसिकता से मुक्ति
प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीयों को औपनिवेशिक मानसिकता के बंधनों से मुक्त करने पर जोर दिया. राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ करना, औपनिवेशिक मानसिकता से मुक्ति का प्रतीक है.सेंट जॉर्ज क्रॉस को हटाकर नया भारतीय नौसेना झंडा अपनाया. नौसेना के झंडे में बदलाव कर इसे भारतीय पहचान दी गई. 2,000 से अधिक औपनिवेशिक कानूनों को समाप्त किया गया.
6. वंशवादी राजनीति का अंत
प्रधानमंत्री ने राजनीति में योग्यता और समर्पण पर जोर देते हुए वंशवादी राजनीति के अंत की बात की.राष्ट्रीय युवा संवाद और स्टार्ट-अप इंडिया जैसे कार्यक्रमों ने युवा नेतृत्व को बढ़ावा दिया.प्रधानमंत्री ने योग्यता आधारित राजनीतिक प्रणाली की वकालत की. 1 लाख युवाओं को राजनीति में शामिल करने की योजना. 2025 में राष्ट्रीय युवा महोत्सव के जगह "विकसित भारत युवा नेता संवाद" शुरू किया जाएगा. इसके साथ ही सरकार द्वारा जमीनी स्तर के नेताओं को सशक्त बनाने के लिए खेलो इंडिया और स्टार्ट-अप इंडिया जैसे कार्यक्रमों ने योग्यता को देश के सामने रखा है और वंशवादी राजनीति के प्रभाव को कम किया है.
7. संविधान का सम्मान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने भारत के लोकतांत्रिक ढांचे में संवैधानिक मूल्यों और संघवाद की भावना को मजबूत बनाए रखने के लिए लगातार काम किया है. उनकी नीतियों और पहल ने संघीय व्यवस्था को अधिक सशक्त बनाया. साल 2015 में, उन्होंने संविधान दिवस (26 नवंबर) के उत्सव की शुरुआत की, इसे बाद राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम में बदल दिया. 2010 में गुजरात के सीएम के रूप में, उन्होंने गुजरात के लोगों के बीच संविधान के बारे में शिक्षित करने और गर्व पैदा करने के उद्देश्य से ‘संविधान गौरव यात्रा’ का आयोजन किया. 7 जून, 2024 को एनडीए सरकार के नवनिर्वाचित सांसदों की बैठक में अपने आगमन के दौरान, पीएम मोदी ने संविधान को अपने माथे से छूकर सम्मान दिया.प्रधानमंत्री ने संविधान के 75 वर्ष पूरे होने पर इसे राष्ट्र की नींव का स्तंभ बताया. उन्होंने संविधान दिवस को राष्ट्रीय महत्व का दिन बनाने की पहल की. पंचतीर्थ योजना के तहत डॉ. अंबेडकर के सम्मान में पांच स्थलों का विकास किया जाएगा.
8. आरक्षण की सुरक्षा
प्रधानमंत्री मोदी ने आरक्षण को संरक्षित करने के लिए कई कदम उठाए. ईडब्ल्यूएस (EWS) के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को आरक्षण मिला. उनके लिए 10% आरक्षण की व्यवस्था कि गई.NEET परीक्षाओं और केंद्रीय विद्यालयों में OBC आरक्षण लागू किया गया. मोदी सरकार ने केंद्रीय विद्यालयों, नवोदय विद्यालयों, सैनिक स्कूलों और नीट परीक्षाओं में ओबीसी के लिए 27% आरक्षण दिया. लैंगिक समानता की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए मोदी सरकार ने महिला आरक्षण विधेयक (नारी शक्ति वंदन अधिनियम) पारित किया, जिसमें लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण प्रदान किया गया.
9. महिलाओं के नेतृत्व में विकास
महिला सशक्तिकरण मोदी सरकार के विकास एजेंडे का प्रमुख हिस्सा है.
नारी शक्ति वंदन अधिनियम नए संसद भवन में पेश किया गया पहला विधेयक से महिलाओं के लिए 33% आरक्षण सुनिश्चित किया. स्टैंडअप इंडिया से 81% महिलाएं उद्यमी बनीं. मुद्रा योजना से 68% महिलाएं लाभार्थी हुई. पहली बार महिलाओं को सैनिक स्कूलों और एनडीए में प्रवेश दिया गया. ट्रिपल तलाक पर कानून लाकर महिलाओं को अन्याय से बचाया गया.पहली बार, 100 महिला कलाकारों द्वारा भारतीय संगीत वाद्ययंत्र बजाने और सभी महिला त्रि-सेवा दल द्वारा पहली बार कर्तव्य पथ पर मार्च करने के साथ गणतंत्र परेड की शुरुआत की गई.
10. राज्य-केंद्रित विकास
पीएम मोदी ने संघीय ढांचे को मजबूत किया और राज्यों के विकास पर जोर दिया. आकांक्षी जिला कार्यक्रम के तहत 112 जिलों के विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया है. आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम (ABP) के तहत 500 ब्लॉकों में विकास की असमानताओं को दूर करना लक्ष्य है. G20 बैठकों को डिसेंट्रलाइज्ड कर 60 शहरों में आयोजन किया गया. जिससे राज्यों के विकास को और ज्यादा बल मिला.COVID-19 महामारी के दौरान पीएम मोदी के नेतृत्व ने केंद्र और राज्य सरकारों के बीच टीम वर्क की शक्ति को दिखाया. पीएम मोदी ने मुख्यमंत्रियों के साथ लगभग 20-25 बार बैठकें कीं. चाहे वह वायनाड में लैंडस्लाइड हो या ओडिशा में दर्दनाक ट्रेन हादसा , पीएम मोदी हमेशा प्रभावित राज्यों को मदद करने के लिए मौजूद रहे हैं.
11. एक भारत, श्रेष्ठ भारत
पीएम मोदी का एक भारत श्रेष्ठ भारत का विजन भारत की एकता को मजबूत करने के साथ-साथ इसकी विविधता का जश्न मनाना है.कई पहलों के माध्यम से, मोदी सरकार सांस्कृतिक अंतर को पाटने, पैतृक संबंधों को बहाल करने और सभी भारतीयों के बीच अपनेपन की भावना पैदा करने की दिशा में काम कर रही है, चाहे उनकी पृष्ठभूमि या क्षेत्र कुछ भी हो. इनमें एक राष्ट्र, एक संविधान सिद्धांत भी शामिल है, जिसके कारण अनुच्छेद 370 को निरस्त किया गया. जम्मू-कश्मीर में शांति बहाल की गई साथ ही विकास पर भी जोर दिया गया. वन नेशन, वन राशन कार्ड से प्रवासी श्रमिकों के लिए लाभ सुनिश्चित किया गया. वन नेशन, वन टैक्स (जीएसटी) लागू कर टैक्स सिस्टम को आसान किया गया.