प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन का शुक्रवार तड़के निधन हो गया था. पीएम नरेंद्र मोदी ने गांधीनगर जाकर नम आंखों के साथ मां हीराबेन का अंतिम संस्कार किया. पीएम मोदी की मां का यूएन मेहता अस्पताल में इलाज चल रहा था.


पीएम नरेंद्र मोदी की मां हीरा बा ने इसी साल 18 जून 2022 को अपना 100वां जन्मदिन मनाया था. वृद्ध होने के बावजूद हीरा बा अपने घर के कई काम खुद ही करती थीं. इतना ही नहीं, 100 साल की होने के बावजूद वो बिना किसी के सहारे के चलती थीं. आइए जानते हैं पीएम मोदी की मां हीरा बा से जुड़ी कुछ जानकारियां...


मां हीरा बा के पास था बीमारियों को ठीक करने का जादुई स्पर्श


2019 में पीएम नरेंद्र मोदी ने Humans of Bombay को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि हमारे घर पर सुबह 5 बजे से ही लोगों की लाइन लग जाती थी. मेरी मां नवजात और छोटे बच्चों का पारंपरिक नुस्खों से इलाज करती थीं. हमारे घर के सामने आसपास के इलाके की कई माताएं अपने बच्चों को लेकर इकट्ठा हो जाती थीं. मां (हीरा बा) अपने ठीक कर देने वाले स्पर्श के लिए मशहूर थीं. पीएम मोदी ने इस इंटरव्यू में ये भी बताया था कि उनकी मां पढ़ी-लिखी नहीं थीं, लेकिन भगवान की उन पर बहुत दया था.


हीरा बा को पसंद था घर का खाना


पीएम मोदी की मां हीरा बा को घर का खाना ही पसंद था. बड़ी उम्र के लोगों को जिस तरह सादा भोजन यानी दाल-चावल और खिचड़ी ज्यादा पसंद आती है. उसी तरह हीरा बा को भी यही चीजें पसंद थीं. उन्हें रोटी, सब्जी, सलाद वगैरह भी खाना अच्छा लगता था. हीरा बा को मिठाईयों की जगह मीठी लपसी ज्यादा पसंद थी.


खुद ही डालने जाती थीं वोट


लोकतंत्र के सबसे बड़े पर्व यानी चुनावों में पीएम मोदी की मां हीरा बा अपने वोट का इस्तेमाल जरूर करती थीं. इसी साल हुए गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 में भी मां हीरा बा ने वोट डाला था. वहीं, जब गुजरात में नगर निकाय के चुनाव हुए थे, तो वह खुद ही वोट डालने गई थीं. वोट डालने वाली उनकी तस्वीरें लंबे समय तक इंटरनेट पर सुर्खियों बनी रहीं. मां हीरा बा कोरोना वैक्सीनेशन के लिए भी काफी जागरुक दिखी थीं और उन्हें वैक्सीन लगवाने में कोई गुरेज नहीं किया था. कहा जा सकता है कि पीएम मोदी की मां को वैक्सीन लगने की वजह से कोरोना रोधी टीके की स्वीकार्यता और बढ़ी थी. 


सादा जीवन ही था हीरा बा की सेहत का राज


पीएम मोदी की मां हीरा बा बहुत ही सादा जीवन जीती थीं. घर का बना खाना और सादगीपूर्ण जीवन को ही उनकी सेहत का राज बताया जाता था.