लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लखनऊ में अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा का अनावरण किया और अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय की भी आधारशिला रखी. इसके बाद उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ उत्तर प्रदेश में हुए प्रदर्शनों के दौरान हिंसा का जिक्र किया.
पीएम मोदी ने कहा, ''आज अटल सिद्धि की इस धरती से मैं यूपी के युवा साथियों को, यहां के हर नागरिक को एक और आग्रह करने आया हूं. आजादी के बाद के वर्षों में हमने सबसे ज्यादा जोर अधिकारों पर दिया है, लेकिन अब हमें अपने कर्तव्यों, अपने दायित्वों पर भी उतना ही बल देना है.''
पीएम मोदी ने कहा, ''यूपी में जिस तरह कुछ लोगों ने विरोध प्रदर्शन के नाम पर हिंसा की, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया. एक बार घर में बैठकर सवाल पूछें कि क्या यह रास्ता ठीक था? जो कुछ जलाया गया, बर्बाद किया गया...क्या उनके बच्चों को काम आने वाला नहीं था. हिंसा में जिन लोगों की मौत हुई, जो पुलिसकर्मी जख्मी हुए उनके परिवार के प्रति पल भर सोचें कि उनपर क्या बीतती होगी. हिंसा करने वालों से मैं आग्रह करूंगा कि बेहतर सड़क, ट्रांसपोर्ट पर नागरिकों का हक है. इसको सुरक्षित रखना भी नागरिकों का दायित्व है. हक और दायित्व को याद रखना है.''
बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ उत्तर प्रदेश के कानपुर, रामपुर, लखनऊ और बिजनौर समेत कई शहरों में हिंसक और अहिंसक प्रदर्शन हुए. इस दौरान कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई. इस प्रदर्शन के दौरान पुलिस की कार्रवाई पर भी सवाल उठे. इन्हीं घटनाओं के मद्देनजर पीएम मोदी ने अपील की है.
पीएम मोदी ने कहा, ''अटल जी कहते थे कि हर पीढ़ी भारत की प्रगति में योगदान का मूल्यांकन दो बातों के आधार पर होगा. पहला - हमें जो विरासत में मिली कितनी समस्याओं को हमने सुलझाया है. दूसरा- राष्ट्र के भावी विकास के लिए हमने अपने खुद के प्रयासों से कितनी मजबूत नींव रखी है.''
पीएम मोदी ने कहा कि सरकार का दायित्व है कि वह पांच साल के लिए नहीं बल्कि पांच पीढियों को ध्यान में रखते हुए अपना काम करने की आदत बनाये. उन्होंने इस दौरान रामजन्भूमि और अनुच्छेद 370 के फैसलों का भी जिक्र किया.
प्रधानमंत्री ने कहा, ''अनुच्छेद 370 कितनी पुरानी बीमारी थी. कितनी कठिन लगती थी. हमें विरासत में मिली थी लेकिन हमारा दायित्व था कि कठिन से कठिन चुनौतियों को सुलझायें. हुआ, आराम से हुआ, सबकी धारणाएं चूर चूर हो गई हैं.''
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