नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कंपनी सेक्रेटरी के कार्यक्रम में बोलते हुए अर्थव्यवस्था से जुड़े एक-एक मुद्दे पर आंकड़ों के साथ आलोचकों को जवाब दिया. पीएम मोदी ने कहा कि पिछली सरकार में 8 बार ऐसे मौके आए जब विकास दर 5.7 या उससे नीचे गिरी थी. पीएम मोदी ने पीएफ के आंकड़ों का हवाला देकर इस आलोचना को भी खारिज किया कि देश में नौकरियों में कमी आई है. पीएम ने कहा कि अगर व्यापारियों को दिक्कत है तो जीएसटी काउंसिल इसकी समीक्षा करेगी.


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  • जीएसटी कानून में जो भी सुधार और बदलाव की जरूरत होगी सरकार करेगी, जीएसटी के 3 महीने के नतीजों के आधार पर फैसला होगा.

  • विकास के लिए बड़े फैसले लेने वाले हैं, पुराने नियमों को बदलने की जरूरत होगी तो बदला जाएगा, हम लकीर के फकीर नहीं हैं. देश के विकास के लिए जो भी जरूरी काम होगा वो हमारी सरकार करेगी.

  • बुनियादी तौर पर भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत है, बदलती अर्थव्यवस्था में ईमानदारों के हितों की सुरक्षा होगी: पीएम मोदी

  • विदेशी निवेशक देश में रिकॉर्ड विदेशी निवेश कर रहे हैं, विरोधियों को डाटा जब अनुकूल नहीं लगता तो संस्था, सरकार पर सवाल उठाने लगते हैं पर ये हतोत्साह करने वाला काम है.

  • न्यू इंडिया की दिशा में काम शुरू कर दिया गया है, सौभाग्य योजना से 4 करोड़ परिवारों तक बिजली पहुंचाई जाएगी.

  • देश में निराशा का माहौल बनाने से बचना चाहिए, विश्व भर में भारतीय अर्थव्यवस्था का उदाहरण दिया जा रहा है.

  • बीते दिनों आर्थिक मुद्दों पर सरकार की जो आलोचना की गई, उस पर सरकार बुरा नहीं मानती क्योंकि आलोचनाओं से आगे बढ़ने की भी प्रेरणा मिलती है.

  • अगर व्यापारियों को दिक्कत है तो जीएसटी काउंसिल इसकी समीक्षा करेगी.

  • 2022 में देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ होगी. 2022 तक देश में एक भी शैल कंपनी नहीं रहेगी.

  • रोड, हाईवे, बिजली, शिपिंग, रेलवे, इंफ्रास्ट्रक्चर सभी में सरकार ने रिफॉर्म किए हैं, 3 साल में 2100 किमी रेल लाइन बिछाई है.

  • गरीबों को अगर किसी चीज से नुकसान होता है तो वो काला धन ही है.

  • हम मध्यम वर्ग और गरीबों के लिए काम कर रहे हैं.

  • गरीब, निम्न मध्यम वर्ग की जिंदगी बेहतर बना रहे हैं.

  • लोगों ने जीडीपी के तरीकों पर भी सवाल उठाए, 5 साल से जीडीपी तय करने का एक ही तरीका था जिसे बदला गया, मैंने कभी अर्थशास्त्री होने का दावा नहीं किया पर देश की इकोनॉमी को सुधारने के बड़े फैसले हमारी सरकार ने लिए हैं.

  • देश की जीडीपी में एक तिमाही की गिरावट लोगों को बहुत ज्यादा लग रही है, पहली बार विकास दर 5.7% हुई है क्या? आलोचक पुरानी बातें न भूलें जब पिछली सरकार में 8 बार ऐसे मौके आए जब विकास दर 5% से नीचे आई थी.

  • इकोनॉमी ने ऐसा वक्त भी देखा जब विकास दर 0.2% तक गिरी थी, क्या पहली बार देश की इकोनॉमी 5.7 फीसदी पर आई है जो विरोधी इतनी ज्यादा आलोचना कर रहे हैं.

  • 3 करोड़ से ज्यादा गरीब महिलाओं को उज्जवला योजना के तहत गैस कनेक्शन दिए जा चुके हैं.

  • पिछले 3 साल में विदेशी निवेश बढ़ा है और रिकॉर्ड विदेशी पूंजी देश में आई है.

  • कार की बिक्री में 12 फीसदी की बढ़ोतरी, दोपहिया वाहनों में 14 फीसदी और डोमेस्टिक एयर ट्रैफिक में 14 फीसदी की बढ़ोतरी क्या संकेत देते हैं? क्या ये आर्थिक मंदी का संकेत है?

  • ये बात सही है कि पिछले तीन वर्षों में 7.5 प्रतिशत की औसत ग्रोथ हासिल करने के बाद इस वर्ष अप्रैल-जून की तिमाही में GDP ग्रोथ में कमी दर्ज की गई। लेकिन ये बात भी उतनी ही सही है कि सरकार इस ट्रेंड को रिवर्स करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं:

  • पिछले तीन वर्षों में 21 सेक्टरों से जुड़े 87 छोटे-बड़े Reform किए गए हैं. डिफेंस सेक्टर, कंस्ट्रक्शन सेक्टर, फाइनेंशियल सेक्टर, फूड प्रोसेसिंग, जैसे कितने ही सेक्टरों में निवेश के नियमों में बड़े बदलाव हुए हैं.

  • देश के आर्थिक क्षेत्र को खोलने के बाद से लेकर अब तक जितना विदेशी निवेश भारत में हुआ है, उसकी तुलना अगर पिछले तीन वर्षों में हुए निवेश से करें, तो आपको पता चलेगा कि हमारी सरकार जो रिफॉर्म कर रही है, उसका नतीजा क्या मिल रहा है.

  • मेहनत से कमाए गए आपके एक एक पैसे की कीमत ये सरकार समझती है। इसलिए सरकार की नीतियों और योजनाओं में इस बात का भी ध्यान रखा जा रहा है कि वो गरीबों और मध्यम वर्ग की जिंदगी तो आसान बनाएं हीं, उनके पैसों की भी बचत कराएं: PM

  • हमने affordable Housing के क्षेत्र में ऐसे-ऐसे नीतिगत निर्णय लिए हैं, वित्तीय सुधार किए हैं, जो इस क्षेत्र के लिए अभूतपूर्व हैं

  • पिछली सरकार ने अपने आखिरी के तीन सालों में Renewable Energy पर 4 हजार करोड़ रुपए खर्च किए थे। हमारी सरकार ने अपने तीन साल में इस सेक्टर पर 10 हजार 600 करोड़ रुपए से भी अधिक खर्च किए हैं: PM

  • पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि नोटबंदी के बाद कैश टू जीडीपी रेश्यो में कमी आई है.

  • कैशलेस इकोनॉमी, डिजिटल ट्रांजेक्शन्स को बढ़ाने और दुनिया के साथ चलने के लिए सरकार बनते ही पहले दिन से काम शुरू किया है.

  • देश के 30 करोड़ लोगों को जनधन खातों के जरिए बैंकिंग से जोड़ा गया जो छोटी बात नहीं है.

  • पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि 28 साल से अटका हुआ बेनाम संपत्ति कानून उनकी सरकार ने ही बनाया है.

  • कौरव, पांडव दोनों को एक ही शिक्षा मिली पर उन्होंने उस शिक्षा का इस्तेमाल अलग तरीके से किया.

  • पीएम मोदी ने इकोनॉमी के आलोचकों की तुलना शल्य से की. कुछ लोग शल्य की भूमिका निभाते हैं जो सिर्फ हतोत्साहित करते हैं जैसे महाभारत के समय कर्ण का सारथी शल्य सभी को हतोत्साहित करता था. इस समय देश की अर्थव्यवस्था की आलोचना करने वालों को ऐसा ही माना जा सकता है.