प्रदूषण पर पीएम मोदी बोले- पराली जलाने से रोकने के लिए किसानों को प्राथमिकता से मशीनें दी जाएं
उत्तर भारतीय राज्यों में प्रदूषण की समस्या से लोग परेशान हैं. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राजधानी दिल्ली में प्रदूषण कम करने में अधिकारियों के नाकाम रहने पर फटकार लगाई थी. अब पीएम मोदी ने भी इस समस्या पर बयान दिया है.
नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत उत्तर भारतीय राज्य प्रदूषण की समस्या से परेशान हैं. प्रदूषण की समस्या में पराली जलाने को एक अहम वजह माना जा रहा है. इसी मसले पर अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को केंद्रीय कृषि मंत्रालय को निर्देश दिया कि वह पराली जलाने से रोकने के लिए हर संभव उपाए करे. पीएम मोदी ने कृषि मंत्रालय को कहा कि वह उत्तरप्रदेश, हरियाणा और पंजाब के किसानों को प्राथमिकता के साथ मशीनें उपलब्ध कराए जिससे किसान पराली नहीं जलाएंगे.
पीएम मोदी का यह बयान सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण को नियंत्रित करने में नाकाम रहने पर अधिकारियों को लगाई गई फटकार के एक दिन बाद आया है. बता दें कि खेतों से पराली हटाने वाली मशीनें बाजार में उपलब्ध हैं, जिन्हें खरीदने के लिए हरियाणा और पंजाब सरकार किसानों को सब्सिडी दे रही हैं.
पीएमओ ने जारी किया बयान
प्रधानमंत्री कार्यालय के बयान के मुताबिक प्रधानमंत्री ने यह निर्देश मल्टीमीडिया मंच ‘प्रगति’ की बैठक में दिया. इससे पहले मंगलवार को पीएम मोदी को प्रदूषण की स्थिति से अवगत कराया गया था. प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी के मिश्रा और कैबिनेट सचिव राजीव गौबा लगातार प्रदूषण की स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं. बयान में कहा गया,‘‘प्रधानमंत्री ने पराली जलाने के मुद्दे पर कृषि मंत्रालय को उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा के किसानों को ऐसा करने से रोकने के लिए उपकरण उपलब्ध कराने को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया.’’
सुप्रीम कोर्ट ने पूछे थे तीखे सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि यह करोड़ों लोगों के जीवन और मृत्यु का सवाल है, लेकिन यह ‘बेहद दुर्भाग्यपूर्ण’ है कि अधिकारियों को गरीबों की कोई चिंता नहीं है, उन्हें मरने के लिए छोड़ दिया गया है. प्रगति की बैठक में बुधवार को 16 राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्र जम्मू कश्मीर से संबंधित 61,000 करोड़ रुपये की नौ परियोजनाओं की समीक्षा की गई. आकांक्षी जिला कार्यक्रम की प्रगति की समीक्षा के दौरान पीएम मोदी को 49 कामकाजी संकेतक पर आधारित डैशबोर्ड के बारे में जानकारी दी गई.
योजनाओं की समीक्षा की गई
पीएम मोदी ने इसे राष्ट्रीय सेवा का कार्य बताया और आदिवासी बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल पर ध्यान केन्द्रित करने के महत्व को रेखांकित किया. उन्होंने पिछड़े जिलों को राष्ट्रीय औसत तक लाने की समयसीमा निर्धारित करने की जरूरत पर और ऐसे जिलों में युवा अधिकारियों की तैनाती पर भी जोर दिया. प्रधानमंत्री को राष्ट्रीय कृषि बाजार मंच की प्रगति से भी अवगत कराया गया. बयान में कहा गया ई-भुगतान अब सीधे किसानों के खातों में किया जा रहा है. जम्मू-कश्मीर में दो एकीकृत ई-मंडियों के विकास की प्रगति की भी समीक्षा की गई.
इसी के साथ पीएम मोदी ने ढांचागत संपर्क परियोजनाओं की प्रगति की भी समीक्षा की जिसमें कटरा-बनिहाल रेलवे लाइन भी शामिल है. उन्होंने परियोजना को अगले साल तक पूरा करने के स्पष्ट निर्देश दिए. पूर्वोत्तर की कई परियोजनाओं जैसे आइजोल-तुईपांग राजमार्ग परियोजना के चौड़ीकरण और उन्नयन पर भी चर्चा की गई.
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