नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन सीमा पर शहीद हुए 20 जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए संकेत दिए हैं कि शहीदों का खून व्यर्थ नहीं जाएगा. मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान प्रधानमंत्री ने खड़े होकर मौन रखकर शहीद जवानों को दी. देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने साफ कहा कि हम एक शांतिप्रिय देश हैं लेकिन हम अपनी अखंडता और संप्रभुता से कोई समझौता भी नहीं करते.
दरअसल, प्रधानमंत्री का कोई संदेश अब तक सामने नहीं आया था. इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने बीती रात हाईलेवल मीटिंग की थी. आज पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 3 बजे देश के 15 मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कोरोना पर चर्चा करनी थी.
चर्चा शुरू करने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने जवानों को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान मुख्यमंत्रियों ने भी जवानों को मौन रखकर श्रद्धांजलि दी. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा भारत माता के वीर सपूतों ने गलवान वैली में हमारी मातृभूमि की रक्षा करते हुये सर्वोच्च बलिदान दिया है. उन्होंने कहा, ‘’मैं देश की सेवा में उनके इस महान बलिदान के लिए उन्हें नमन करता हूं, उन्हें कृतज्ञतापूर्वक श्रद्धांजलि देता हूं. दुःख की इस कठिन घड़ी में हमारे इन शहीदों के परिजनों के प्रति मैं अपनी समवेदनाएं व्यक्त करता हूं. आज पूरा देश आपके साथ है, देश की भावनाएं आपके साथ हैं. हमारे इन शहीदों का ये बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा.’’
पीएम मोदी ने कहा कि चाहे स्थिति कुछ भी हो, परिस्थिति कुछ भी हो, भारत पूरी दृढ़ता से देश की एक एक इंच जमीन की, देश के स्वाभिमान की रक्षा करेगा. भारत सांस्कृतिक रूप से एक शांति प्रिय देश है. हमारा इतिहास शांति का रहा है. भारत का वैचारिक मंत्र ही रहा है, ‘’लोकाः समस्ताः सुखिनों भवन्तु.’’
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमने हर युग में पूरे संसार में शांति की. पूरी मानवता के कल्याण की कामना की है. हमने हमेशा से ही अपने पड़ोसियों के साथ एक कोऑपरेटिव और दोस्ताना तरीके से मिलकर काम किया है. हमेशा उनके विकास और कल्याण की कामना की है. जहां कहीं हमारे मतभेद भी रहे हैं, हमने हमेशा ही ये प्रयास किया है कि मतभेद विवाद न बनें. हम कभी किसी को भी उकसाते नहीं हैं, लेकिन हम अपने देश की अखंडता और संप्रभुता के साथ समझौता भी नहीं करते हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि जब भी समय आया है, हमने देश की अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करने में अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया है, अपनी क्षमताओं को साबित किया है. त्याग और तितिक्षा हमारे राष्ट्रीय चरित्र का हिस्सा हैं, लेकिन साथ ही विक्रम और वीरता भी उतना ही हमारे देश के चरित्र का हिस्सा हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘’मैं देश को भरोसा दिलाना चाहता हूं, हमारे जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएंगा. हमारे लिए भारत की अखंडता और संप्रभुता सर्वोच्च है और इसकी रक्षा करने से हमें कोई भी रोक सकता. इस बारे में किसी को भी जरा भी भ्रम या संदेह नहीं होना चाहिए. भारत शांति चाहता है लेकिन भारत को उकसाने पर हर हाल में निर्णायक जवाब भी दिया जाएगा.देश को इस बात का गर्व होगा की हमारे सैनिक मारते मारते शहीद हुए हैं.’’
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