Ratan Tata: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्हें भारतीय उद्यमिता की बेहतरीन परंपराओं का प्रतीक बताया उन्होंने कहा कि टाटा का योगदान सिर्फ भारत में नहीं बल्कि पूरी दुनिया में महसूस किया जा रहा है. उनका निधन भारतीय समाज और वैश्विक व्यापार जगत के लिए एक बड़ी क्षति है. मोदी ने अपनी वेबसाइट पर एक लेख "श्री रतन टाटा को श्रद्धांजलि" में लिखा कि टाटा आज भी उन जिंदगियों और सपनों में जीवित हैं जिन्हें उन्होंने सहारा दिया और जिनके सपनों को साकार किया.
प्रधानमंत्री मोदी ने टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष रतन टाटा के नेतृत्व में कंपनी की सफलता का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि टाटा समूह आज दुनिया भर में सम्मान और ईमानदारी का प्रतीक बन चुका है. मोदी ने बताया कि टाटा ने अपनी सफलता को विनम्रता और सहजता के साथ स्वीकार किया और हमेशा सामाजिक कल्याण को प्राथमिकता दी. उनका नेतृत्व सदैव एक दिशा देने वाला रहा जिससे भारत में उद्योग और व्यापार के मानक स्थापित हुए.
रतन टाटा की परोपकारी सोच और समाज सेवा
प्रधानमंत्री मोदी ने रतन टाटा के पर्यावरण संरक्षण और समाज सेवा के कार्यों को याद करते हुए कहा कि टाटा ने कई स्टार्टअप्स और समाज सेवा के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण निवेश किए. उनका जीवन इस बात की मिसाल है कि व्यापार को एक अच्छे उद्देश्य के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है और समाज के हर वर्ग की भलाई के लिए काम किया जा सकता है. मोदी ने कहा कि रतन टाटा ने व्यापार और समाज के बीच संतुलन बनाने का अद्भुत कार्य किया.
रतन टाटा का युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत बनना
पीएम मोदी ने रतन टाटा को युवाओं के लिए एक प्रेरणास्त्रोत बताते हुए कहा कि उन्होंने हर किसी को यह सिखाया कि कोई भी सपना ऐसा नहीं जिसे पूरा नहीं किया जा सकता. टाटा ने हमेशा विनम्रता के साथ दूसरों की मदद करते हुए सफलता हासिल की. मोदी ने कहा कि रतन टाटा ने भारत में नवोन्मेष और उद्यमिता की संस्कृति को बढ़ावा दिया. युवाओं के लिए रतन टाटा हमेशा एक प्रेरणा स्रोत रहे जिन्होंने ये सिखाया कि सफलता का रास्ता धैर्य, मेहनत और अच्छे कार्यों से होकर जाता है.
रतन टाटा का नेतृत्व और उनका योगदान
रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा समूह ने उद्योग में वैश्विक मानक स्थापित किए. प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि टाटा का योगदान न केवल उद्योग बल्कि समाज के हर क्षेत्र में था. उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन के प्रति टाटा की प्रतिबद्धता और उनके कैंसर के खिलाफ अभियान के बारे में भी बात की. मोदी ने बताया कि टाटा ने अपनी पूरी जिंदगी में ये साबित किया कि व्यापार के साथ-साथ समाज की भलाई भी काफी अहम है.
रतन टाटा का देशभक्ति और संकट में नेतृत्व
प्रधानमंत्री मोदी ने रतन टाटा की देशभक्ति की भी सराहना की खासकर 26/11 के आतंकवादी हमलों के बाद जब उन्होंने मुंबई के ताज होटल को फिर से खोलने का निर्णय लिया. यह कदम भारत की एकता और साहस का प्रतीक बन गया था. मोदी ने टाटा के साथ अपने व्यक्तिगत संबंधों को भी याद किया और बताया कि कैसे उन्होंने गुजरात में निवेश किया और कई परियोजनाओं में सहयोग दिया. पीएम ने इस बात पर जोर दिया कि टाटा ने हर कठिन समय में भारत की एकता और संप्रभुता को सशक्त किया.
रतन टाटा की विरासत और उनका दृष्टिकोण
प्रधानमंत्री मोदी ने रतन टाटा के जीवन को एक प्रेरणा के रूप में प्रस्तुत करते हुए कहा कि उनका दृष्टिकोण हमेशा समाज और व्यापार के बीच संतुलन बनाने का रहा. उन्होंने कहा "रतन टाटा का जीवन हमें यह याद दिलाता है कि नेतृत्व का आकलन केवल उपलब्धियों से नहीं, बल्कि सबसे कमजोर वर्ग की देखभाल करने की उनकी क्षमता से भी किया जाता है." मोदी ने रतन टाटा के नेतृत्व में भारत के स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र की बढ़ती सफलता को भी स्वीकार किया जिससे आने वाली पीढ़ियों को लाभ होगा.
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