महान स्वतंत्रता सेनानी लोकमान्य तिलक की 100वीं पुण्यतिथि पर देश ने किया याद, पीएम मोदी ने भी दी श्रद्धांजलि
उप-राष्ट्रपति ने भी ट्वीट कर तिलक को श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने तिलक के योगदान को याद करते हुए लिखा कि वो भारतीय स्वाधीनता संग्राम के प्रमुख नेताओं में से थे.
नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम के नायकों में से एक बाल गंगाधर तिलक को उनकी 100वीं पुण्यतिथि पर शनिवार को श्रद्धांजलि दी और कहा कि उनका ज्ञान, साहस और ‘‘स्वराज’’ का विचार लोगों को प्रेरित करता है. पीएम मोदी के अलावा उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू, गृह मंत्री अमित शाह ने भी महान स्वतंत्रता सेनानी को याद किया.
'तिलक का ज्ञान, साहस प्रेरणा का स्रोत'
मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम का एक छोटा वीडियो भी पोस्ट किया जिसमें उन्होंने ब्रिटिश राज के खिलाफ लोगों को एकजुट करने के तिलक के प्रयासों का जिक्र किया था.
मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘भारत लोकमान्य तिलक को उनकी 100वीं पुण्यतिथि पर नमन करता है. उनका ज्ञान, साहस, न्याय की भावना और स्वराज का विचार प्रेरित करता है.’’
प्रधानमंत्री ने याद किया कि कैसे तिलक ने लोगों में आत्मविश्वास जगाया था और ‘‘स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा’’ का नारा दिया था.
India bows to Lokmanya Tilak on his 100th Punya Tithi.
His intellect, courage, sense of justice and idea of Swaraj continue to inspire. Here are some facets of Lokmanya Tilak’s life... pic.twitter.com/9RzKkKxkpP — Narendra Modi (@narendramodi) August 1, 2020
उप राष्ट्रपति और गृह मंत्री ने भी किया याद
उप राष्ट्रपति ने भी ट्वीट कर तिलक को श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने तिलक के योगदान को याद करते हुए लिखा कि वो भारतीय स्वाधीनता संग्राम के प्रमुख नेताओं में से थे.
I join the nation in remembering the great freedom fighter & social reformer Bal Gangadhar Tilak on his 100th death anniversary today. He was one of the prime architects of India’s freedom movement with his slogan- “SWARAJ IS MY BIRTHRIGHT". #BalGangadharTilak pic.twitter.com/ztvBod1HDD
— Vice President of India (@VPSecretariat) August 1, 2020
वहीं गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर लिखा, "लोकमान्य तिलक जी का अध्ययन असीमित था, उनके विचारों, कृतित्व और शोधों में उनके गहन चिंतन को साफ देखा जा सकता है. उनका मानना था कि जब देश गुलामी की बेड़ियों में जकड़ा हो तब भक्ति और मोक्ष नहीं कर्मयोग की जरूरत होती है. ऐसे वीर नायक की 100वीं पुण्यतिथि पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि."
ये भी पढ़ें
राम जन्मभूमि पूजन से पहले तैयारियां जोरों पर, जायजा लेने कल अयोध्या जाएंगे सीएम योगी आदित्यनाथ