PM Modi In Poland: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार (21 अगस्त, 2024) को दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर पोलैंड पहुंचे. उन्होंने वहां के वारसॉ के होटल में पहुंचकर भारतीय मूल के लोगों का अभिवादन किया और उसके बाद वह बच्चों से बातचीत करते नजर आए. सबसे खास बात है कि पिछले 45 साल में यह किसी भारतीय पीएम की पहली पोलैंड यात्रा है.


पीएम नरेंद्र मोदी ने रवाना होने से पहले यात्रा की आधिकारिक जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने पत्र जारी किया और इसमें उनके हवाले से बताया गया था कि पोलैंड की उनकी यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब दोनों देशों के राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ है.






क्या है इंडिया और नरेंद्र मोदी का एजेंडा?


पोलैंड मध्य यूरोप में प्रमुख आर्थिक भागीदार है. लोकतंत्र और बहुलवाद के प्रति भारत और पोलैंड की पारस्परिक प्रतिबद्धता दोनों देशों के संबंधों को और मजबूत करती है. पीएम मोदी ने कहा, "मैं साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए अपने मित्र प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क और राष्ट्रपति आंद्रेज डूडा से मिलने के लिए उत्सुक हूं."






व्यापार के लिए अहम ये है दौरा


इंडो-पॉलिश चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (IPCCI) के अध्यक्ष जेजे सिंह ने बताया, "सबसे बड़ी बात तो यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आ रहे हैं. 45 साल बाद भारत के प्रधानमंत्री, पोलैंड आएंगे. इस दौरे से दोनों देशों के बीच का व्यापारिक रिश्ता और मजबूत होगा. इस तरह के दौरे मदद करते हैं भविष्य के लिए कि दोनों देशों के रिश्तों के बीच व्यापार बढ़ाने के लिए. AI और गेमिंग इंडस्ट्री बहुत मायने रखती हैं. दोनों ही देश इसमें काफी आगे हैं."


पूरा शेड्यूल क्या रहेगा?


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार (21 अगस्त) को पोलैंड पहुंचे. इसके बाद पीएम मोदी एक दिवसीय यात्रा पर यूक्रेन भी जाएंगे. शुक्रवार (23 अगस्त) को पीएम मोदी युद्धग्रस्त यूक्रेन की राजधानी कीव पहुंचेंगे. पीएमओ ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की के निमंत्रण पर यूक्रेन का दौरा कर रहे हैं. यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यूक्रेन की पहली यात्रा होगी. प्रधानमंत्री मोदी पोलैंड की यात्रा समाप्त करने के बाद ट्रेन से यूक्रेन की राजधानी कीव जाएंगे, जिसमें लगभग 10 घंटे का समय लगेगा.


भारत को क्या कुछ हासिल होगा?


पीएमओ के मुताबिक, "इस यात्रा से भारत और यूक्रेन के बीच निरंतर जुड़ाव को बढ़ावा मिलने की संभावना है और यह दोनों देशों के बीच मजबूत और अधिक जीवंत संबंधों की नींव रखने में सहायक होगी." विदेश मंत्रालय के एक बयान में जानकारी दी गई कि कीव में प्रधानमंत्री की मुलाकात के दौरान राजनीतिक, व्यापार, आर्थिक, निवेश, शिक्षा, सांस्कृतिक, लोगों से लोगों के बीच आदान-प्रदान, मानवीय सहायता सहित द्विपक्षीय संबंधों के कई पहलुओं पर चर्चा होगी.


क्या हिंदुस्तान कुछ नया करेगा?


भारत ने रूस-यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के लिए बातचीत और कूटनीति का माध्यम अपनाने पर जोर दिया है. प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा से भारत-यूक्रेन मित्रता को गहरा करने का अवसर प्राप्त होगा. भविष्य में व्यापार रिश्तों को भी मजबूती मिलेगी. 


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