PM नरेंद्र मोदी ने अजमेर शरीफ दरगाह के लिए भेंट की चादर, स्मृति ईरानी और जमाल सिद्दीकी ने की मुलाकात
Ajmer Sharif Dargah: हर साल की तरह इस साल भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान के अजमेर शरीफ की दरगाह पर चादर भेंट की है. इस बाबत जमाल सिद्दीकी ने उनसे मुलाकात भी की है.

PM Narendra Modi: केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की है. इस मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने अजमेर शरीफ दरगाह के लिए एक चादर भी भेंट की है. दरगाह में 811वां उर्स शुरू हो गया है और पीएम मोदी हर साल अजमेर शरीफ दरगाह के लिए चादर भिजवाते हैं.
इससे पहले मोदी सरकार में पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी यह चादर पेश करने दरगाह जाते रहे. पिछले साल आठवीं बार पीएम मोदी की तरफ से दरगाह में चादर चढ़ाई गई थी. इस साल उर्स की शुरुआत होने के बाद भी न तो पीएम की चादर पहुंची और न ही चादर पेश होने की तारीख. ऐसे में सवाल उठ रहा था कि इस बार नकवी ही चादर लाएंगे या पीएम मोदी खुद इस चादर को चढ़ाने पहुंचेंगे.
इस साल की सूचना नकवी को नहीं
पीएम मोदी ने अब तक अजमेर उर्स में 8 बार चादर भेजी है. पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी यह चादर और पीएम का संदेश लेकर पहुंचते रहे हैं. अजमेर में हो रही चर्चा को लेकर एबीपी न्यूज ने नकवी से बात की. वे बोले, उन्हें खुशी है कि अजमेर में उर्स मुबारक की शुरुआत हो गई है. उन्होंने कहा, "अब तक पीएम मोदी की चादर मैं ही लेकर आया हूं लेकिन इस साल अब तक मेरे पास कोई सूचना नहीं है."
Handed over the Chadar which would be offered on the Urs of Khwaja Moinuddin Chishti at the Ajmer Sharif Dargah. pic.twitter.com/dlLgPKxDWd
— Narendra Modi (@narendramodi) January 24, 2023
पीएम मोदी संदेश भी भेजते हैं
प्रधानमंत्री मोदी चादर के साथ एक खास संदेश भी भिजवाते हैं. पिछले साल 2022 में उन्होंने संदेश में लिखा था कि "ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के उर्स पर विश्वभर में उनके अनुयायियों को बधाई और हार्दिक शुभकामनाएं. दुनिया को मानवता का संदेश देने वाले महान सूफी संत के उर्स के अवसर पर अजमेर शरीफ में चादर भेजते हुए मैं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. अनेकता में एकता भारत की पहचान है. देश में विभिन्न पंथों, संप्रदायों एवं मान्यताओं का सद्भावपूर्ण सह-अस्तित्व हमारी विशिष्टता है. विभिन्न कालखंडों में देश के सामाजिक, सांस्कृतिक ताने-बाने को मजबूती प्रदान करने में संतों, महात्माओं, पीर और फकीरों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
उन्होंने लिखा था कि इस गौरवशाली परंपरा में ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती का नाम पूरे आदर और श्रद्धा के साथ लिया जाता है. जिन्होंने समाज को प्रेम एवं सौहार्द का संदेश दिया. गरीब नवाज के आदर्शों और विचारों से पीढ़ियों को निरंतर प्रेरणा मिलती रहेगी. समरसता और भाईचारे की मिसाल यह उत्सव श्रद्धालुओं की आस्था और विश्वास को और प्रगाढ़ बनाएगा. इसी विश्वास के साथ ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के वार्षिक उर्स के अवसर पर मैं दरगाह अजमेर शरीफ से देश की खुशहाली और समृद्धि की कामना करता हूं."
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