चंद्रयान-2 की लैडिंग देखने ISRO सेंटर पहुंचे पीएम मोदी, 2014 में मिशन मंगल के दौरान भी रहे थे मौजूद
Chandrayaan 2: यह पहला मौका नहीं है जब पीएम मोदी इसरो केंद्र में मौजूद रह कर बड़े अभियान के गवाह बनेंगे. इससे पहले 24 सितंबर 2014 को मिशन मार्स के दौरान भी पीएम मोदी इसरो केंद्र में मौजूद थे.
बेंगलुरू: भारत चांद की सतह पर इतिहास रचने की दहलीज पर खड़ा है. चंद्रयान 2 के चंद्रमा पर उतरते ही देश नया इतिहास रच देगा. आज देर रात 1 बजकर 55 मिनट पर चांद की धरती पर भारत का स्पेसक्राफ्ट चंद्रयान 2 उतरने वाला है. इस ऐतिहासिक पल के गवाह बनने के लिए खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज रात इसरो केंद्र में मौजूद हैं. बता दें कि यह पहला मौका नहीं है जब पीएम मोदी इसरो केंद्र में मौजूद रहकर बड़े अभियान के गवाह बनेंगे. इससे पहले 24 सितंबर 2014 को मिशन मार्स के दौरान भी पीएम मोदी इसरो केंद्र में मौजूद थे. ऐसे में एक बार फिर देश के सबसे ताकतवर नेता का अपने बीच मौजूद होना इसरो के वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाएगा.
साल 2014 में मिशन मार्स की सफलता के बाद पीएम मोदी ने देश के वैज्ञानिकों की तारीफ करते हुए कहा था कि आज MOM (Mars Orbiter Mission) का मंगल से मिलन हो गया. आज मंगल को मॉम मिल गई. पीएम ने कहा था कि मुझे पहले से भरोसा था कि यह मिशन सफल होगा. क्योंकि मॉम कभी निराश नहीं करती. भारत सफलतापूर्वक मंगल ग्रह तक पहुंच गया. आप सभी वैज्ञानिकों को बधाई. भारतवासियों को बधाई.
आज पीएम मोदी चंद्रयान-2 के ऐतिहासिक पल का गवाह तो बनेंगे ही, इसके साथ ही उन्होंने देशवासियों को गवाह बनने की अपील की है. प्रधानमंत्री मोदी ने वैज्ञानिकों को बधाई दी है और देश के लोगों से अनुरोध किया कि सभी देर रात चंद्रयान-2 की लैंडिंग देखें और इस दौरान अपनी तस्वीर क्लिक कर ट्वीट करें. पीएम मोदी का कहना है कि वह उन तस्वीरों को रिट्वीट करेंगे.
वहीं चंद्रयान-2 मिशन को पीएम मोदी के साथ देखने के लिए बच्चों का भी जोश हाई है. देश के 60 बच्चे पीएम मोदी के साथ चंद्रयान-2 की लैंडिंग देखेंगे. 10 से 25 अगस्त के बीच स्पेस क्विज में 60 बच्चे चुने गए, स्पेस क्विज में 8वीं से 10वीं के बच्चों ने भाग लिया. 20 सवालों के जवाब देने के लिए 10 मिनट दिया गया, अंतरिक्ष विज्ञान और सामान्य ज्ञान के सवाल पूछे गए. चंद्रयान 2 के चांद की सतह पर 1 बजकर 55 मिनट पर उतरेगा. इससे पहले तीन देशों ने यह कारनामा किया है लेकिन भारत के चंद्रयान 2 की कामयाबी उन देशों से भी बड़ी है. दरअसल भारत पहला देश है जो चांद के दक्षिणी ध्रुव पर यान उतारेगा.