नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नीति आयोग के पुनर्गठन को मंजूरी दे दी है. डा. राजीव कुमार को फिर से उपाध्यक्ष बनाया गया है जबकि गृहमंत्री अमित शाह पदेन सदस्य होंगे. आयोग से अर्थशास्त्री विवेक देवराय को हटा दिया गया है जबकि अन्य पूर्ण कालिक सदस्यों को कायम रखा गया है. वी के सारस्वत, प्रोफेसर रमेश चंद्र और डा. वी के पॉल नीति आयोग में दोबारा पूर्णकालिक सदस्य बनाये गये हैं. प्रधानमंत्री आयोग के अध्यक्ष होते हैं.


पदेन सदस्यों में राजनाथ, सीतारमण नरेंद्र सिंह तोमर भी शामिल

आयोग का गठन एक जनवरी, 2015 को केंद्रीय मंत्रिमंडल के प्रस्ताव पर किया गया था. देवराय को उस समय पूर्णकालिक सदस्य बनाया गया था. आयोग के पदेन सदस्यों में अमित शाह के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त और कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण, कृषि और किसान कल्याण, ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर शामिल होंगे.


सड़क परिवहन और राजमार्ग तथा सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम मंत्री नितिन गडकरी, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत, रेल और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन राज्य मंत्री, योजना मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) राव इंद्रजीत सिंह इसमें विशेष आमंत्रित सदस्य होंगे.

क्या है नीति आयोग?


नीति आयोग सरकार का प्रमुख शोध संस्थान है. यह केंद्र सरकार के लिए रणनीतिक और दीर्घावधि की नीतियां और कार्यक्रम बनाने के साथ केंद्र और राज्यों को उचित तकनीकी सलाह भी देता है. आयोग की स्थापना 2015 में हुई थी. इसने योजना आयोग का स्थान लिया था. अरविंद पनगढ़िया आयोग के पहले उपाध्यक्ष थे. सितंबर, 2017 में कुमार ने पनगढ़िया का स्थान लिया था.

15 जून को आयोग की संचालन परिषद की पांचवीं बैठक


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 जून को आयोग की संचालन परिषद की पांचवीं बैठक की अध्यक्षता करेंगे. इस बैठक में जल प्रबंधन, कृषि और सुरक्षा से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर विचार किया जाएगा.  यह संचालन परिषद की नयी मोदी सरकार के कार्यकाल की पहली बैठक होगी.

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