कभी काशी तो कभी केदार और उज्जैन... जब पीएम मोदी ने खुद को कहा मां गंगा, बाबा और महाकाल का बेटा
PM Narendra Modi: प्रधानमंत्री मोदी का शिव से लगाव काफी पुराना है. जब पीएम मोदी युवा थे तो उन्होंने घर को त्याग दिया. करीब तीन साल तक नरेंद्र मोदी हिमालय की पहाड़ियों में रहे.
PM Narendra Modi: 'महाकाल का बुलावा आया तो ये बेटा बिना आए कैसे रह सकता है...' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उज्जैन में महाकाल लोक के लोकार्पण के मौके पर कुछ ऐसे ही शब्दों का इस्तेमाल किया और खुद को एक बार फिर महाकाल का बेटा बताया. ऐसा पहली बार नहीं है जब पीएम मोदी का शिव और शक्ति को लेकर समर्पण देखने को मिला हो. राष्ट्रीय राजनीति में कदम रखने के साथ ही उनका आध्यात्म प्रेम सबके सामने आ गया. आइए हम आपको बताते हैं कि कब-कब प्रधानमंत्री मोदी ने खुद को शिव का और शक्ति का बेटा बताया है.
बाबा भोलनाथ से लगाव
प्रधानमंत्री मोदी का शिव से लगाव काफी पुराना है. जब पीएम मोदी युवा थे तो उन्होंने घर को त्याग दिया. करीब तीन साल तक नरेंद्र मोदी हिमालय की पहाड़ियों में रहे. जहां उन्हें तपस्या और साधना में अपना पूरा वक्त बिताया. बताया जाता है कि पीएम मोदी ने इस दौरान केदारनाथ की बर्फीली वादियों में अपना ज्यादा वक्त बिताया. इसके बाद से ही उनका और शिव का एक अलग ही रिश्ता नजर आता है. मोदी जब भी केदारनाथ या भोले के किसी धाम पर गए, उन्होंने यहां अपना पूरा वक्त बिताया और साधना भी की. कहा जाता है कि मोदी की इसी साधना के चलते उनके हर भाषण में आध्यात्म जरूर दिखाई देता है. मोदी के इसी अंदाज ने उन्हें एक बड़े आध्यात्मिक और हिंदुत्ववादी नेता के तौर पर पहचान दी है.
जब 2014 में काशी से हुई शुरुआत
साल 2014 में बीजेपी की तरफ से गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया गया. पर्चा भरने से पहले मोदी वाराणसी पहुंचे. जहां उन्होंने अपनी भक्ति को जगजाहिर करने का काम किया. उन्होंने कहा कि, "मुझे बीजेपी ने वाराणसी नहीं भेजा है. ना मैं खुद आया हूं. मुझे तो 'गंगा मां' ने बुलाया है. जैसे एक बालक अपनी मां की गोद में वापस आता है, वैसे ही मैं महसूस कर रहा हूं." पीएम मोदी ये खुद बता चुके हैं कि, मैं जिस गांव में जन्मा... वडनगर, वो भी शिव का बहुत बड़ा तीर्थ है. वाराणसी को लेकर उन्होंने कहा कि, ये भोलेबाबा की धरती है.
केदारनाथ में तपस्या
प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद पीएम मोदी और उनके शिव मंदिरों में जाने का दौर चलता रहा. इसी बीच तमाम लोगों का ध्यान पीएम मोदी ने तब खींचा जब वो 2019 लोकसभा चुनाव के नतीजों से ठीक पहले केदारनाथ गए. केदारनाथ में मोदी ने शिव की आराधना की और इसके बाद वो कई घंटों तक रुद्र गुफा में रहे. यहां पीएम मोदी ने भगवा वस्त्र धारण कर ध्यान लगाया. करीब 17 घंटे तक गुफा में ध्यान के बाद पीएम मोदी वापस लौटे थे.
इससे पहले केदारनाथ में आई आपदा के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने छाती ठोककर कहा था कि, बाबा का बेटा ही बाबा का काम करेगा. उन्होंने कहा था कि यहां से ऊर्जा लेकर न्यू इंडिया के लक्ष्य को आगे बढ़ाने का काम किया जाएगा. केदारनाथ के अलावा पीएम मोदी सारनाथ मंदिर, काशी विश्वनाथ मंदिर, उज्जैन के महाकाल और ऐसे ही तमाम शिव तीर्थों में साधना कर चुके हैं.
खुद को बताया महाकाल का बेटा
अब प्रधानमंत्री मोदी ने उज्जैन में महाकाल लोक का उद्घाटन किया. इस दौरान भी मोदी की शिव के लिए भक्ति को देखा गया. एक बार फिर पीएम मोदी ने खुद को शिव का बेटा बताया. उन्होंने कहा कि यहां कुंभ के मेले में मुझे आने का सौभाग्य मिला था, महाकाल का बुलावा आया तो ये बेटा आए बिना कैसे रह सकता था. उस समय कुंभ की हजारों साल की परंपरा का मन में मंथन चल रहा था, मैं अनेक विचारों से घिरा हुआ था. उसी दौरान मन कर गया और जो भाव पैदा हुआ वो संकल्प बन गया. हमारे इन तीर्थों ने सदियों से राष्ट्र को संदेश भी दिए हैं और सामर्थ्य भी दिया है. काशी जैसे हमारे केंद्र धर्म के साथ-साथ ज्ञान, दर्शन और कला की राजधानी रहे.
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