प्रधानमंत्री ने 8.5 करोड़ किसानों को जारी की किसान सम्मान निधि की छठी किस्त, एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड किया लॉन्च
सरकार ने जुलाई में कृषि बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए रियायती ऋण का विस्तार करने के लिए एक लाख करोड़ के कोष के साथ कृषि-इंफ्रा फंड की स्थापना को मंजूरी दी थी.
नई दिल्लीः पीएम नरेन्द्र मोदी आज सुबह 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ‘एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड’ के तहत 1 लाख करोड़ रुपये की वित्तपोषण सुविधा की शुरुआत की. इसके साथ ही उन्होंने‘पीएम-किसान योजना’ के तहत 8.5 करोड़ किसानों को 17,000 करोड़ रुपये की धनराशि की छठी किस्त भी जारी की.
प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर बताया था कि वे रविवार सुबह 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड के तहत एक लाख करोड़ रुपये की वित्तपोषण सुविधा की शुरुआत करेंगे और ‘पीएम-किसान योजना’ के अंतर्गत सहायता राशि की छठी किस्त भी जारी करेंगे.
किसानों को मिलेगी 3 फीसदी ब्याज सब्सिडी केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 1 लाख करोड़ रुपये के ‘एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड’ के तहत वित्त पोषण सुविधा के लिए केंद्रीय क्षेत्र योजना को मंजूरी दे दी है. यह फंड ‘कटाई बाद फसल प्रबंधन अवसंरचना’ और ‘सामुदायिक कृषि परिसंपत्तियों’ जैसे कि कोल्ड स्टोरेज, संग्रह केंद्रों, प्रसंस्करण इकाइयों (प्रोसेसिंग यूनिट) के सृजन को उत्प्रेरित करेगा. ये परिसंपत्तियां किसानों को अपनी उपज के अधिक मूल्य प्राप्त करने में सक्षम करेंगी.Delhi: Prime Minister Narendra Modi launches financing facility under Agriculture Infrastructure Fund and releases benefits under PM-KISAN scheme via video conferencing. pic.twitter.com/zpLLUHOKxj
— ANI (@ANI) August 9, 2020
दरअसल, इन परिसंपत्तियों की बदौलत किसान अपनी उपज का भंडारण करने और ऊंचे मूल्यों पर बिक्री करने, बर्बादी को कम करने, और प्रसंस्करण एवं मूल्यवर्धन में वृद्धि करने में समर्थ हो सकेंगे. कई ऋणदाता संस्थानों के साथ साझेदारी में वित्तपोषण सुविधा के तहत 1 लाख करोड़ रुपये मंजूर किए जाएंगे.
सार्वजनिक क्षेत्र के 12 बैंकों में से 11 बैंकों ने पहले ही कृषि सहयोग और किसान कल्याण विभाग के साथ सहमति पत्रों (एमओयू) पर हस्ताक्षर कर दिए हैं. इन परियोजनाओं की व्यवहार्यता या लाभप्रदता बढ़ाने के लिए लाभार्थियों को 3% ब्याज सब्सिडी और 2 करोड़ रुपये तक की ऋण गारंटी दी जाएगी.
योजना के लाभार्थियों में किसान, पीएसीएस, विपणन सहकारी समितियां, एफपीओ, एसएचजी, संयुक्त देयता समूह (जेएलजी), बहुउद्देशीय सहकारी समितियां, कृषि-उद्यमी, स्टार्ट-अप्स, और केंद्रीय/राज्य एजेंसी या स्थानीय निकाय द्वारा प्रायोजित सार्वजनिक-निजी भागीदारी परियोजनाएं शामिल होंगी.
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