नई दिल्ली: अविश्वास प्रस्ताव पर जबाव देने आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस समेत पूरे विपक्ष पर जमकर हमला बोला. 10 घंटों की बहस के बाद जवाब देने आए प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर अपने स्वार्थ के लिए अविश्वास प्रस्ताव लाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस इसके बहाने यह देखना चाहती है उसके कौन कौन से साथी उसके साथ हैं और कौन नहीं है. उन्होंने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि लोग अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा को 48 घंटे आगे बढ़ाने की मांग रहे थे, अगर तैयारी नहीं थी तो अविश्वास प्रस्ताव लाए ही क्यों? प्रधानमंत्री ने राहुल गांधी पर भी हमला बोला. उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को यहां बैठने की इतनी जल्दी है कि खुद आकर कह रहे हैं उठो...उठो...उठो. प्रधानमंत्री ने कहा, ''भले ही टीडीपी के माध्यम से यह प्रस्ताव आया हो, लेकिन उनके साथ जुड़े हुए कुछ माननीय सदस्यों ने प्रस्ताव का समर्थन करते हुए बातें कहीं. मैं आग्रह करूंगा कि हम सभी इस प्रस्ताव को खारिज करें और तीस साल के बाद देश में पूर्ण बहुमत के साथ बनी हुई सरकार ने जिस गति से काम किया, उस पर फिर से विश्वास प्रकट करें.'' प्रधानमंत्री के भाषण के दौरान जमकर हंगामा हुआ. पूरे भाषण के दौरान 'वी वांट जस्टिस के नारे लगते रहे.


जब तैयारी नहीं थी तो अविश्वास प्रस्ताव लाए ही क्यों? - प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ''मैं समझता हूं कि ये अच्छा मौका है कि हमें तो अपनी बात रखने का मौका मिला. इसके साथ ही देश को ये देखने को भी मिला है कि कैसे नकारात्मक राजनीति ने कुछ लोगों को घेर कर रखा है. उन लोगों का चेहरा निखर कर के सजधज कर सामने आया है. कईयों के मन में सवाल है कि ये प्रस्ताव लाया क्यों गया, क्योंकि न संख्या है, न समर्थन है. और सरकार को गिराने का इतना ही उतावलापन है तो मैं हैरान था कि अगर इस पर जल्दी चर्चा नहीं होती तो क्या आसमान फट जाता? क्या भूकंप आ जाता? 48 घंटे और देर करनी थी तो लाए क्यों?'' भाषण के दौरान प्रधानमंत्री शेर भी पढ़ा. उन्होंने कहा, ''ना मांझी ना रहबर ना हक में हवाएं...है कश्ती भी जर्जर ये कैसा सफर है.' ये इसलिए हुआ है कि अहंकार इस प्रकार की प्रवृत्ति के लिए खींच कर ले जा रहा है.


राहुल पर तंज- मैं खड़ा भी हूं और अपने काम पर अड़ा भी हूं
राहुल गांधी के आज गले लगाने पर भी प्रधानमंत्री ने निशाना साधा. उन्होंने कहा, ''मोदी हटाओ, ये नारा है...मैं हैरान हूं, अभी तो चर्चा प्रारंभ हुई थी, मतदान भी नहीं हुआ था, जय-पराजय का फैसला नहीं हुआ था, फिर भी इन्हें (राहुल गांधी को यहां पहुंचने का उत्साह था. यहां आकर कहा उठो...उठो...उठो! न यहां कोई उठा सकता है, न बैठा सकता है. सवा सौ करोड़ देशवासी ही उठा सकते हैं, लोकतंत्र में जनता पर भरोसा होना चाहिए. इतनी जल्दबाजी क्या है? कहा गया कि हम खड़े होंगे तो प्रधानमंत्री पंद्रह मिनट तक खड़े नहीं हो पाएंगे. मैं खड़ा भी हूं और चार साल जो काम किए हैं, उस पर अड़ा भी हूं.


महागठबंधन पर हमला- ये सरकार का नहीं कांग्रेस का फ्लोर टेस्ट है
महागठबंधन पर हमला करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ''कहा जा रहा है कि 2019 में अगर कांग्रेस सबसे बड़ा दल बनती है तो मैं (राहुल गांधी) प्रधानमंत्री बनूंगा लेकिन, दूसरों की भी ढेर सारी ख्वाहिशें हैं, उनका क्या होगा? इसे लेकर भ्रम की स्थिति है. ये सरकार का फ्लोर टेस्ट नहीं है. कांग्रेस के तथाकथित साथियों का टेस्ट है, मैं ही प्रधानमंत्री बनूंगा, इस सपने का फ्लोर टेस्ट है.


प्रधानमंत्री ने कहा, ''इस प्रस्ताव के बहाने अपने कुनबे को बिखरने से बचाने की चिंता बची है. मेरा कांग्रेस से सवाल है अगर आपको अपने संभावित साथियों की परीक्षा लेनी है तो जरूर लीजिए लेकिन अविश्वास प्रस्ताव का बहाना तो ना बनाइए. जितना अविश्वास कांग्रेस सरकार पर करती कम से कम उतना विश्वास तो अपने साथियों पर करिए. हम यहां इसलिए हैं क्योंकि हमारे पास संख्याबल है और सवा सौ करोड़ भारतीयों का आशीर्वाद है. अपने स्वार्थ के लिए जनता के आशीर्वाद पर संदेह ना करें.''


उपलब्धियां गिनाते हुए कहा- ये नहीं करते थे, क्योंकि इनके वोट के गणित में फिट नहीं होता
अपनी सरकार की पिछले चार साल की उपलब्धियां गिनाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ''देश को विश्वास है, दुनिया को विश्वास है, दुनिया की सर्वश्रेष्ठ संस्थाओं को विश्वास है लेकिन जिन्हें खुद पर विश्वास नहीं वो कैसे विश्वास करेंगें. पिछले चार साल में 18 हजार गांवों में बिजली पहुंची तो ये काम पहले भी सरकारें कर सकती थीं लेकिन इन गांवों में से 15 हजार गांव पूर्वी भारत के थे. 5000 गांव पूर्वोत्तर के हैं. इन इलाकों में हमारे दलित, हमारे गरीब रहते हैं. ये नहीं करते थे, क्योंकि इनके वोट के गणित में फिट नहीं होता था. लगभग 32 करोड़ जनधन खाते खोलने का काम हमारी सरकार ने किया. उज्जवला योजना से साढ़े चार करोड़ माताओं बहनों को धुआं मुक्त जीवन दिया, कुछ लोग थे जो 9 और 12 सिलेंडर के बीच जनता को उलझा रहे थे.''


शिव से प्रार्थना- 2024 में आप फिर से अविश्वास प्रस्ताव लेकर आएं
राहुल गांधी के भगवान शिव को लेकर दिए बयान पर प्रधानमंत्री ने तंज करते हुए कहा, ''आजकल शिव भक्ति की बात हो रही हैं, मैं भगवान शिव और देश की जनता से प्रार्थना करता हूं कि आपको इतनी शक्ति दें कि 2024 में फिर से आप अविश्वास प्रस्ताव ले आएं. मेरी आपको शुभकामनाएं हैं.''


डोकलाम के मुद्दे पर भी राहुल को घेरा
डोकलाम के मुद्दे पर भी प्रधानमंत्री ने कांग्रेस और राहुल गांधी को निशाने पर लिया. उन्होंने कहा, ''यहां पर डोकलाम की चर्चा हुई, मैं मानता हूं कि जिस विषय की जानकारी नहीं है कभी-कभी उस पर बोलने से बात उल्टी पड़ जाती है. इससे व्यक्ति का नुकसान कम और देश का नुकसान ज्यादा होता है. जब सारा देश, सारा तंत्र एकजुट होकर डोकलाम के विषय पर अपनी-अपनी जिम्मेदारी संभाल रहा था तब वे (राहुल गांधी) चीन के राजदूत के साथ बैठते हैं...बाद में कभी ना तो कभी हां. कोई कहता था मिले, कोई कहता था नहीं मिले. कांग्रेस प्रवक्ता ने तो पहले साफ मना किया कि उनके नेता चीनी राजदूत से नहीं मिले लेकिन फिर एक प्रेस विज्ञप्ति आ गई. फिर कांग्रेस बोलने को मजबूर हो गई कि हां मुलाकात हुई थी.’’


राफेल पर पलटवार- कब तक बचकाना हरकत करते रहेंगे?
राहुल गांधी ने राफेल डील पर आज सरकार पर जमकर हमला बोला. इस पर प्रधानमंत्री ने पलटवार करते हुए कहा कि ये दुखद है कि इस सदन में लगाए गए आरोप है कि दोनों देश (भारत और फ्रांस) को खंडन करना पड़ा. क्या ऐसी बचकाना हरकत हम करते रहेंगे क्या? प्रधानमंत्री ने कहा, ''यहां राफेल डील पर बात हुई, क्या सत्य को इस तरह कुचला जा सकता है? ये देश कभी माफ नहीं करेगा. ये दुखद है कि इस सदन में लगाए गए आरोप है कि दोनों देश (भारत और फ्रांस) को बयान कर खंडन करना पड़ा, क्या ऐसी बचकाना हरकत हम करते रहेंगे क्या? कुछ जिम्मेदारी है या नहीं? बिना सबूत के चिल्लाते रहोगे? जनता ने आपको सुधरने का मौका दिया है, सुधरने की कोशिश कीजिए. ये समझौता दो देशों के बीच हुआ है. ये दो व्यापारियों के बीच नहीं हुआ है. पूरी पारदर्शिता के साथ हुआ है.’’


गाली देनी है तो मोदी को दो, देश के जवानों को नहीं
राहुल गांधी ने आज दिन में बीजेपी पर 'जुमला स्ट्राइक शब्द के जरिए हमला बोला. प्रधानमंत्री ने इस पर पलटवार करते हुए और राहुल गांधी के लिए एक बार फिर 'नामदार' शब्द का प्रयोग करते हुए कहा, ''जो देश के लिए मर मिटने के लिए निकले हैं, उस सेना के जवानों के पराक्रम को स्वीकारने का आपमें सामर्थ्य नहीं होगा. आपने सर्जिकल स्ट्राइक को जुमला स्ट्राइक कहा, आपको गाली देनी है तो मोदी को दीजिए. देश के लिए मर-मिटने वाले जवानों को ऐसा मत कहिए, मैं अपनी सेना का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकता.'"


मैं कौन होता हूं जो आपकी आंख में आंख डाल सकूं
राहुल गांधी ने आज कहा था प्रधानमंत्री नर्वस दिख रहे हैं वो मेरी आंख में आंख नहीं डाल सकते. प्रधानमंत्री ने राहुल गांधी की बात का जवाब देते हुए कहा, ''यहां कहा गया कि प्रधानमंत्री अपनी आंख मेरी आंख में नहीं डाल सकते. ये बात सही, हम कौन होते हैं जो आपकी आंख में आंख डाल सकते हैं. आप तो नामदार हैं, हम कामदार हैं, हम गरीब परिवार के बेटे हैं. इतिहास गवाह है सुभाष चंद्र बोस ने मोरारजी देसाई, जयप्रकाश नारायण, चौधरी चरण सिंह, सरदार वल्लभभाई पटेल, चंद्रशेखरजी यहां तक कि प्रणब मुखर्जी ने आंख में आंख डालने की कोशिश की तो उनके साथ क्या किया गया? मैं सारा कच्चा-चिट्ठा खोलकर रख सकता हूं.''


राहुल पर तंज: पूरे देश ने आंखों की हरकत देख ली
राहुल गांधी पर तंज करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ''आंखों की बात करने वालों की आंखों की हरकतों को आज पूरे देश ने टीवी पर देख लिया. कैसे आंख खोली जा रही है और कैसे बंद की जा रही है?'' राहुल गांधी आज जब भाषण देने के बाद प्रधानमंत्री से गले मिले और वापस अपनी सीट पर बैठे आकर तब उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया को आंख मारी थी. उनकी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, यहां तक की दक्षिण भारत की अभिनेत्री प्रिया प्रकाश ने भी राहुल गांधी के आंख मारने पर प्रतिक्रिया दी. प्रिया प्रकाश भी एक फिल्म के आंख मारने वाले दृश्य से चर्चा में आईं थीं.


हम गरीबों के दुख और किसानों की पीड़ा के भागीदार हैं
प्रधानमंत्री ने कहा, ''आज यहां जिक्र हुआ कि मैं चौकीदार नहीं भागीदार हूं. मैं गर्व से कहना चाहता हूं हम चौकीदार भी हैं, भागीदार भी हैं, लेकिन न तो हम सौदागर हैं और ना ही ठेकेदार हैं. हम गरीबों के दुख और किसानों की पीड़ा के भागीदार हैं.''

टीडीपी के मुद्दे पर क्या बोले पीएम?
लोकसभा में टीडीपी ने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा ना दिए जाने पर अविश्वास प्रस्ताव दिया था. इस मुद्दे पर बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आपकी आदत मुसीबत में छोड़ कर चले जाने की है. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री ने स्वयं एक पैकेज को स्वीकार करते हुए वित्त मंत्री का धन्यवाद दिया था लेकिन बाद में टीडीपी ने अपनी विफलता छुपाने के लिए एनडीए छोड़ने का फैसला किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि जब चंद्रबाबू नायडू एनडीए छोड़ रहे थे तब मैंने उनसे कहा था कि आप वायएसआर के जाल में फंस रहे हो. आपने भारत-पाकिस्तान का विभाजन किया, आज तक मुसीबतें झेल रहे हैं, ये आपकी आदत है.

वोटिंग में खारिज हुआ विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव
10 घंटे की चर्चा और प्रधानमंत्री के भाषण के बाद संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग हुई जिसमें प्रस्ताव खारिज हो गया. वोटिंग में केंद्र सरकार के पक्ष में 325 वोट पड़े जबकि विपक्ष के हिस्से केवल 126 वोट ही आए हैं. शिवसेना और बीजेडी ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया. सदन में कुल 451 वोट पड़े और मोदी सरकार को पक्ष में दो तिहाई बहुमत मिला है.