नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल के बाद हुई G-20 देशों की बैठक गुरुवार की शाम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई. इस बैठक में पीएम मोदी ने दुनिया के सामने नई पहल और प्रयासों की आवश्यकता बताई साथ ही कई सुझाव भी दिए. उन्होंने कहा कि अंतर- वैश्विक गांव के लिए नए संकट-प्रबंधन प्रोटोकॉल और प्रक्रियाओं को बढ़ावा देना चाहिए. डब्ल्यूएचओ जैसे अंतराष्ट्रीय संगठनों को मजबूत करने और सुधारने की आवश्यकता है, ये पिछली शताब्दी के मॉडल पर आधारित हैं और पुराना हो चुका है.
कोरोना वायरस से उत्पन्न आर्थिक कठिनाइयों को कम करने के लिए एक साथ काम करने के लिए विशेष रूप से आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए साझा प्रयास होने चाहिए और सबसे बढ़कर एक नए वैश्वीकरण में संपूर्ण मानव जाति की सामूहिक भलाई के लिए. आइए हम एक ऐसी दुनिया बनाने के लिए एक साथ काम करें जो न केवल मजबूत हो, बल्कि विरोधी-संवेदनशील भी हो.
G-20 देशों की यह बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल के बाद हुई थी. प्रधानमंत्री की इस पहल का सबसे पहले ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने स्वागत किया. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई इस बैठक में सऊदी अरब के शाह सलमान बिन अब्दुल अजीज अल सऊद ने अध्यक्षता की. विश्व नेताओं की वीडियो मुलाकात का ये पहला अवसर था जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, जापान के पीएम शिंजो आबे, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग समेत कई मुल्कों के प्रमुख एक साथ बात करने के लिए जुटे थे. साथ ही बैठक में विश्व स्वास्थ्य संगठन, विश्व खाद्य संगठन, अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन समेत कई अंतरराष्ट्रीय संगठन के प्रतिनिधि मौजूद थे.
सूत्रों के मुताबिक पीएम ने इस बात पर भी जोर दिया कि वैश्वीकरण की मौजूदा व्यवस्था पर गंभीरता से पुनर्विचार करने की जरूरत है. लिहाजा अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं को केवल आर्थिक हितों के बजाय मानवीय स्वास्थ्य और विकास को ध्यान में रखते हुए अपने कार्यक्रम बनाने की जरूरत है. इस कड़ी में पीएम ने बेहतर स्वास्थ्य सुविधा ढांचे के विकास और आधुनिक चिकित्सा अनुसंधान का लाभ सभी तक पहुंचाने की कारगर व्यवस्था बनाए जाने का भी सुझाव दिया. एशिया से लेकर लातिन अमेरिका तक की महत्वपूर्ण व्यवस्थाओं के नेताओं की बैठक में भारतीय प्रधानमंत्री ने वायरस जैसी आपदाओं से निपटने के लिए अधिक सहयोगात्मक वैश्विक ढांचे की भी जरूरत बताई.
कोविड-19 संकट के असर का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोरोनावायरस के 90 फीसदी मामले जहां G-20 मुल्कों से, वहीं 88 फीसदी मौतें भी इसी क्षेत्र में दर्ज की गई हैं. ऐसे में जरूरत है कि इसस असर को कम करने के लिए कारगर रणनीति बनाई जाए. वैश्विक मंच पर अधिकतर विकासशील मुल्कों की आवाज को पुरजोर तरीके से रखते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा संकट की इस घड़ी में वैश्विक स्वास्थ्य और आर्थिक सुरक्षा के नहीं प्रोटोकॉल स्थापित करके भविष्य में होने वाली ऐसी आपदाओं से हम बेहतर तरीके से लड़ सकते हैं.
आपको बता दें प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर ही सार्क देशों के राष्ट्र प्रमुखों की बैठक हुई थी और उसके बाद कोरोना वायरस लड़ने के लिए एक फंड का भी गठन किया गया था, जिसमें भारत समेत तमाम देश अपना योगदान भी कर चुके हैं. प्रधानमंत्री की पहल पर हुई G-20 के देशों की यह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग बैठक पीएम मोदी की संवेदनशीलता और तुरंत कार्रवाई करने की जिजीविषा का नतीजा है.
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