Rajpath Renamed: मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए दिल्ली के राजपथ का नाम बदलने (Rajpath Name Change) का फैसला किया है. राजपथ के नाम को बदलने का कयास लंबे समय से लगाया जा रहा था. दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने 75वीं वर्षगांठ के ऐतिहासिक मौके पर लाल किले से कई बड़े ऐलान किए थे. उन्होंने इस दौरान कई खास बातें कही थीं. उन्होंने कहा था कि भारत के किसी भी कोने में गुलामी का अंश न रह जाए. उनके इसी बयान के बाद से राजपथ का नाम बदलने को लेकर भी चर्चाएं तेज होने लगी थी.
15 अगस्त के दिन लाल किले से दिए गए पीएम के भाषण ने लोगों को भावुक कर दिया था. उन्होंने इस दौरान कहा था कि अब हमें शत-प्रतिशत उन गुलामी के विचारों से पार पाना है, जिसने हमें जकड़कर रखा है. यही कारण है कि आज नेताजी की प्रतिमा से राष्ट्रपति भवन तक के मार्ग को कर्तव्य पथ के नाम से जाना जाएगा. इस फैसले के बाद पीएम मोदी के इस भाषण को और मजबूती मिल गई है. साथ ही यह साफ हो गया है कि मोदी सरकार गुलामी की हर निशानी को 2047 तक यानी आजादी के 100 साल पूरे होने तक हटाकर रहेगी.
7 सितंबर को होगी अहम बैठक
दरअसल, आज यानी सोमवार को मोदी सरकार ने एक बड़े कदम के तहत राजपथ और सेंट्रल विस्टा लॉन का नाम बदलकर कार्तव्य पथ करने का फैसला किया है. इसके लिए 7 सितंबर को एक अहम बैठक भी बुलाई गई है. नेताजी की प्रतिमा से राष्ट्रपति भवन तक के मार्ग को कर्तव्य पथ के नाम से जाना जाएगा.
बीते शुक्रवार को भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नौसेना के नए निशान का अनावरण किया था. इस दौरान उन्होंने कहा था कि इससे देश ने गुलामी के बोझ को सीने से उतार दिया है. वह लगातार इस बात का संदेश दे रहे हैं कि भारत जल्द ही गुलाबी की हर एक चीज से आजाद होने वाला है.
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