एक्सप्लोरर

क्या है सिकल सेल एनीमिया, जिसका जिक्र कर PM मोदी ने विपक्ष पर साधा निशाना?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मध्य प्रदेश के शहडोल संभाग के लालपुर में जनसभा को करते हुए सिकल सेल एनीमिया का जिक्र किया. आखिर ये सिकल सेल एनीमिया क्या है.

1 जुलाई यानी बीते शनिवार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मध्य प्रदेश के शहडोल संभाग के लालपुर में जनसभा को संबोधित करने पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने सिकल सेल एनीमिया नाम की एक बीमारी का जिक्र किया. पीएम ने इस बीमारी का नाम लेते हुए जहां एक तरफ विपक्ष पर जमकर निशाना साधा. वहीं दूसरी तरफ आदिवासी समाज के लोगों से वादा भी किया कि वह आने वाले कुछ समय में सिकल सेल एनीमिया को जड़ से खत्म करने पर काम करेंगे. 

ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर ये सिकल सेल एनीमिया क्या है और इसे जड़ से खत्म करने के लिए प्रधानमंत्री ने क्या कदम उठाए. 

पहले जानते हैं पीएम ने संबोधन में क्या कहा?

प्रधानमंत्री ने आदिवासी समाज को संबोधित करते हुए कहा कि मैंने आदिवासी समाज के साथ देश के अलग-अलग इलाकों में एक लंबा समय गुजारा है. सिकल सेल एनीमिया, यह एक ऐसी बीमारी है जो बहुत ही ज्यादा कष्टदायी होती है. 

उन्होंने कहा कि ये बीमारी न पानी से होती है और न हवा से. ये अपने माता-पिता से बच्चे में आती है. इस बीमारी से पीड़ित बच्चे अपनी पूरी जिंदगी इसी से जूझते रहते हैं. यह एक ऐसी बीमारी है जो कि सालों से परिवारों को बिखेरती आई है. इस बीमारी से आधे मामले सिर्फ अपने देश में होते हैं. हैरानी की बात ये है कि इतनी गंभीर बीमारी होने के बाद भी देश में पिछले 70 सालों में इसे खत्म करने को लेकर कोई कदम नहीं उठाया गया. 

पीएम मोदी ने इसी संबोधन के दौरान कहा कि आज हम संकल्प लेते हैं कि भारत में हर साल सिकल सेल एनीमिया की गिरफ्त में आने वाले 2.5 लाख बच्चों और उनके परिवारजनों को इस बीमारी से बचाएंगे. 

क्या है सिकल सेल एनीमिया?

सिकल सेल एनीमिया इंसान के रक्त से जुड़ा एक डिसऑर्डर है जो कि वंश दर वंश ट्रांसफर होता है. यह बीमारी सीधे तौर पर रेड ब्लड सेल्स को प्रभावित करती है और यह रेड ब्लड सेल ही इंसान के शरीर में ऑक्सीजन ले जाने का काम करती है. 

आमतौर पर रेड ब्लड सेल्स गोल आकार की होती है और इसके आकार के कारण ही यह आसानी से इंसानी शरीर में मूव हो पाता है. लेकिन सिकल सेल एनीमिया के मरीज में इसी रेल ब्लड सेल्स का आकार बदल जाता है और सख्त हो जाता है.

रेल ब्लड सेल के सख्त होने के कारण शरीर में खून का बहाव धीमा हो जाता है या रुक जाता है. आमतौर पर मरीज में इस बीमारी के लक्षण 6 महीने की कम उम्र में दिखने लग जाते हैं. शरीर के रेड ब्लड सेल्स प्रभावित होने के कारण ऑक्सीजन का फ्लो बिगड़ जाता है और पूरे शरीर में ऑक्सीजन का फ्लो घटने पर मरीज थकान से जूझने लगता है. 

कैसे होती है यह बीमारी? 

सिकल सेल एनीमिया बीमारी की पहचान एक रोग अनुवांशिक बीमारी के तौर पर होती है. अगर आसान भाषा में इसे समझा जाएं, तो ये कुछ ऐसा है. जैसे हर इंसान को उसके माता-पिता के जरिए जीन मिलते हैं. जिन लोगों को सिकल सेल बीमारी होती है, उन्हें अपने माता-पिता से दो 'फॉल्टी हीमोग्लोबिन जीन' मिलते हैं, जिन्हें हीमोग्लोबिन-S कहा जाता है. यानी की पिता से एक और माता से एक हीमोग्लोबिन-S जीन. किसी व्यक्ति को ये बीमारी तब होती है, जब उसे माता या पिता में से किसी एक से हीमोग्लोबिन-S जीन मिलता है, जबकि दूसरे से सामान्य हीमोग्लोबिन जीन, जिसे हीमोग्लोबिन-A जीन कहा जाता है, मिलता है. 

अगर किसी में सिकल सेल के लक्षण हैं, तो वह आगे भी किसी को हीमोग्लोबिन-S जीन दे सकता है. इसका मतलब है कि जब उसका बच्चा होगा, तो वह उसे हीमोग्लोबिन-S जीन दे सकता है. अब होता ये है कि बच्चे को माता या पिता में से किसी एक से हीमोग्लोबिन-S जीन मिल गया और दूसरे से फॉल्टी हीमोग्लोबिन-C जीन, हीमोग्लोबिन-D जीन या हीमोग्लोबिन-E जीन मिल गया तो उस बच्चे को सिकल सेल बीमारी होने का खतरा होता है. ऐसा इसलिए क्योंकि उसे माता और पिता दोनों से ही विरासत में फॉल्टी हीमोग्लोबिन जीन मिले हैं. 

सिकल सेल से मरीजों को क्या परेशानी होती है? 

अगर किसी बच्चे को सिकल सेल बीमारी होती है, तो पहले कई महीनों तक उसके लक्षण ही नहीं दिखाई देते हैं. हालांकि, जब लक्षण दिखाई देना शुरू होते हैं, तो इसमें सबसे आम लक्षण एनीमिया होता है, जिसकी वजह से बहुत ज्यादा थकान होना या  बेचैनी होना शामिल होता है. इसके अलावा हाथ और पैर का सूज जाना और पीलिया होना भी सिकल सेल बीमारी के लक्षण में शामिल है. इस बीमारी की वजह से बच्चों के स्प्लीन यानी प्लीहा को नुकसान पहुंच सकता है, जो इम्यून सिस्टम को प्रभावित करता है और बच्चे बैक्टीरियल इंफेक्शन का शिकार भी बन जाते हैं. 

दूसरी ओर, जब सिकल सेल से जूझने वाले लोग बड़े होते हैं, तो उनके शरीर में और भी ज्यादा गंभीर बदलाव देखने को मिल सकते हैं, जो जानलेवा होते हैं. कई बार शरीर के अंदरूनी अंगों को पर्याप्त ऑक्सीन नहीं मिलता है. सिकल सेल के मरीजों को दिल का दौरा पड़ने, फेफड़े, किडनी और लीवर के डैमेज होने का भी खतरा होता है. कई लोगों के लीवर में सूजन आ जाती है, तो कइयों को पित्ताशय में पथरी से जूझना पड़ता है. इसलिए अगर किसी को इस तरह की दिक्कतें आएं तो वह तुरंत सिकल सेल की जांच करवा ले. 

देश में सिकल सेल एनीमिया के कितने मरीज?

सिकल सेल एनीमिया को खतरनाक बीमारी इसलिए माना जाता है, क्योंकि इसके मरीजों की अचानक मौत हो जाती है. इस बीमारी में आमतौर पर मौत की वजह से इंफेक्शन, बार-बार दर्द होना और स्ट्रोक जैसी वजहें हैं. पिछले 60 सालों से ये बीमारी देश की आबादी को अपना शिकार बना रही हैं. इस बीमारी के अधिकतर मरीज आदिवासी समुदाय से हैं. देश के 17 राज्यों में रहने वाले 7 करोड़ से ज्यादा आदिवासी समुदाय के जुड़े लोग इस बीमारी की वजह से जूझ रहे हैं. आदिवासी समुदाय के पास ज्यादा स्वास्थ्य संसाधन नहीं है. ऐसे में सरकार का इरादा उन्हें सशक्त कर इससे बचाना है. 

छत्तीसगढ़, झारखंड, गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु और केरल जैसे राज्यों में इस बीमारी की वजह से सबसे ज्यादा लोग परेशान हैं. देश की इतनी बड़ी आबादी इस बीमारी से जूझ रही है और पिछले 6 दशक में इस ओर ज्यादा ध्यान भी नहीं दिया गया. यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय स्तर पर सिकल सेल एनीमिया मिशन 2047 की शुरुआत की ताकि लोगों को इस खतरनाक बीमारी से निजात दिलाई जा सके. पीएम का इरादा है कि आने वाले सालों में कई तरह के प्रोग्राम चलाए जाएं, जिसके जरिए इस बीमारी का खात्मा किया जाए.

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

मालदीव ने फिर चली भारतीयों के खिलाफ गंदी चाल, जानिए किनके डिटेल्स सार्वजनिक करने के निर्देश दिए
मालदीव ने फिर चली भारतीयों के खिलाफ गंदी चाल, जानिए किनके डिटेल्स सार्वजनिक करने के निर्देश दिए
Weather Update: ठंड, कोहरा और बारिश...दिल्ली समेत देशभर के मौसम का हाल एक क्लिक में जानिए
ठंड, कोहरा और बारिश...दिल्ली समेत देशभर के मौसम का हाल एक क्लिक में जानिए
The Sabarmati Report BO Collection: विक्रांत मैसी की फिल्म बॉक्स ऑफिस पर नहीं दिखा पा रही दम, किया सिर्फ इतना कलेक्शन
विक्रांत मैसी की फिल्म बॉक्स ऑफिस पर नहीं दिखा पा रही दम, किया सिर्फ इतना कलेक्शन
आ गई तारीख, इस दिन शुरू होगा IPL 2025, अगले तीन साल का शेड्यूल आया सामने
आ गई तारीख, इस दिन शुरू होगा IPL 2025, अगले तीन साल का शेड्यूल आया सामने
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

America में अनमोल बिश्नोई की गिरफ्तारी, भारत लाने की तैयारी! | ABP NewsChitra Tripathi : ट्रंप की वजह से अदाणी टारगेट ? । Gautam Adani Case ।  Maharashtra Election'The Sabarmati report' पर सियासत तेज, फिल्मी है कहानी या सच की है जुबानी? | Bharat Ki BaatAdani Bribery Case: अदाणी पर अमेरिकी केस की इनसाइड स्टोरी! | ABP News

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
मालदीव ने फिर चली भारतीयों के खिलाफ गंदी चाल, जानिए किनके डिटेल्स सार्वजनिक करने के निर्देश दिए
मालदीव ने फिर चली भारतीयों के खिलाफ गंदी चाल, जानिए किनके डिटेल्स सार्वजनिक करने के निर्देश दिए
Weather Update: ठंड, कोहरा और बारिश...दिल्ली समेत देशभर के मौसम का हाल एक क्लिक में जानिए
ठंड, कोहरा और बारिश...दिल्ली समेत देशभर के मौसम का हाल एक क्लिक में जानिए
The Sabarmati Report BO Collection: विक्रांत मैसी की फिल्म बॉक्स ऑफिस पर नहीं दिखा पा रही दम, किया सिर्फ इतना कलेक्शन
विक्रांत मैसी की फिल्म बॉक्स ऑफिस पर नहीं दिखा पा रही दम, किया सिर्फ इतना कलेक्शन
आ गई तारीख, इस दिन शुरू होगा IPL 2025, अगले तीन साल का शेड्यूल आया सामने
आ गई तारीख, इस दिन शुरू होगा IPL 2025, अगले तीन साल का शेड्यूल आया सामने
स्ट्रॉन्ग रूम में अगर हो गई चोरी तो क्या दोबारा होंगे चुनाव? जान लीजिए जवाब
स्ट्रॉन्ग रूम में अगर हो गई चोरी तो क्या दोबारा होंगे चुनाव? जान लीजिए जवाब
खून से जुड़ी इस गंभीर बीमारी से परेशान हैं जैकी श्रॉफ, जानें इसके लक्षण और बचाव
खून से जुड़ी इस गंभीर बीमारी से परेशान हैं जैकी श्रॉफ, जानें इसके लक्षण और बचाव
Myths Vs Facts: 11 से 14 साल की उम्र में ही होते हैं हर लड़की को पीरियड्स? जानें क्या है सच
11 से 14 साल की उम्र में ही होते हैं हर लड़की को पीरियड्स? जानें क्या है सच
China Gold Reserves: चीन को मिल गया सोने का सबसे बड़ा खजाना, कीमत इतनी कि सुनकर उड़ जायेंगे आपके होश!
चीन को मिल गया सोने का सबसे बड़ा खजाना, कीमत इतनी कि सुनकर उड़ जायेंगे आपके होश!
Embed widget