PM Narendra Modi: दुनिया के कम विकसित, गरीब व ग्लोबल साउथ को एक साथ एकत्रित करने के लिए भारत ने वायस ऑफ ग्लोबल साउथ के नाम से एक वर्चुअल बैठक का आयोजन किया है और इसमें हिस्सा लेने के लिए 120 देशों को आमंत्रित किया गया है. ग्लोबल साउथ के प्रमुखों की शिखर बैठक में पीएम मोदी ने भाषण दिया.
पीएम मोदी ने कहा कि मैं इस बैठक में आपका स्वागत करता हूँ और हम नए साल में नई ऊर्जा और नई उम्मीद के साथ मिल रहे हैं. उन्होंने कहा कि मैं 130 करोड़ से अधिक भारतीयों की तरफ से आप सभी के लिए और आपके देशवासियों के लिए एक खुशहाल 2023 की शुभकामनाएं देता हूँ. मोदी ने कहा, हमने एक और मुश्किल साल का पन्ना पलटा है जिसने हमें युद्ध, आतंकवाद, राजनीतिक तनाव दिखाए हैं. इसके साथ ही फूड फर्टिलाइजर और फ्यूल के दामों में बढ़ोतरी दिखाई. मोदी ने कहा कि यह स्पष्ट है कि दुनिया एक संकट के दौर में हैं और यह अनुमान लगाना मुश्किल है कि अस्थिरता का यह दौर कब तक चलेगा.
8 दशक पुराने मॉडल में हो रहे हैं बदलाव
मोदी ने कहा कि हम ग्लोबल साउथ वालों की वैश्विक भविष्य में सबसे बड़ी हिस्सेदारी है. यह जरूरी है कि हमारी भी बराबरी की आवाज हो. वैश्विक प्रबंधन के 8 दशक पुराने मॉडल में बदलाव हो रहे हैं और यह आवश्यक है कि हम इस को आकार देने में अपनी भूमिका निभाए. उन्होंने कहा कि दुनिया की बड़ी समस्याओं को खड़ा करने में ग्लोबल साउथ की कोई भूमिका नहीं है लेकिन उसका प्रभाव सबसे ज्यादा हम ही पर पड़ता है. इसका असर हमने जलवायु परिवर्तन, कोरोना महामारी, आतंकवाद और यहां तक की रूस यूक्रेन युद्ध के संदर्भ में देखा है. इन समस्याओं के समाधान तलाशने में भी हमारी भूमिका और हमारी आवाज को जगह नहीं दी जाती है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने हमेशा अपने विकास अनुभवों को ग्लोबल साउथ के भाई बहनों के साथ शेयर किया है.हमारी विकास साझेदारी की योजनाएं अलग-अलग देशों और विभिन्न सेक्टर में मौजूद हैं. उन्होंने कहा कि हमने कोरोना महामारी में पीके और दवाएं 100 से ज्यादा देशों को सप्लाई की है.हमारे साझा भविष्य को तय करने में विकासशील देशों की भूमिका अधिक हो इसके लिए भारत हमेशा से खड़ा रहा है. उन्होंने कहा कि ऐसे में जबकि भारत अपनी G20 अध्यक्षता की शुरुआत कर रहा है यह स्वाभाविक है कि हम ग्लोबल साउथ की आवाज को मजबूत करें.
वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर है थीम
मोदी ने कहा कि हमने अपनी g20 अध्यक्षता के लिए थीम भी चुनी है- वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर. उन्होंने बताया कि यह हमारे सांस्कृतिक मूल्यों के भी अनुरूप है जहां एकता मानव केंद्रित विकास के जरिए संभव है. विकास के फायदों से अब ग्लोबल साउथ को बाहर नहीं रखा जा सकता है. मोदी ने कहा कि हम मिलकर विश्व के राजनीतिक और वित्तीय प्रबंधन को नया आकार देने में अपनी भूमिका निभाएं. इससे असमानताओं को कम करने और नए अवसरों को पैदा करने का मौका मिलेगा। साथ ही विकास को बढ़ावा देने और खुशहाली लाने में मदद होगी. मोदी ने बताया कि इसके लिए ज़रूरी है कि हम 4R का आह्वान करें रिस्पॉन्ड, रेकॉग्नाइज, रेस्पेक्ट एंड रिफॉर्म. उन्होंने बताया कि
रिस्पॉन्ड (Respond) - रिस्पॉन्ड करें ग्लोबल साउथ की जरूरतों पर.साथ ही इसके लिए एक समावेशी और संतुलित अंतरराष्ट्रीय एजेंडा बनाएं.
रिकॉग्नाइज (Recognise) - स्वीकार करें कि सभी वैश्विक चुनौतियों से मुकाबले के लिए साझा जिम्मेदारी मगर अलग अलग जवाबदेही वाली व्यवस्था की जरूरत है.
रेस्पेक्ट (Respect) - सभी देशों की संप्रभुता का सम्मान करना और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान की व्यवस्था सुनिश्चित करना जरूरी है.
रिफॉर्म (Reform) - UN समेत अंतरराष्ट्रीय प्रबंधन के सभी संस्थानों में सुधारों की जरूरत है ताकि उन्हें प्रासंगिक बनाए रखा जाए.
'आपकी आवाज भारत की आवाज'
मोदी ने कहा कि विकासशील देशों के सामने चुनौतियों के बावजूद मैं आशावादी हूँ कि हमारा समय आएगा. यह जरूरी है कि कि हम अपने देशों में समाज को बदलने वाले उन समाधानों को खोजें जो सिंपल हों, बड़े स्केल पर किए जा सकें और सस्टेनेबल यानि सतत रूप से लागू किए जा सकें. उन्होंने कहा कि इस तरह हम उन तमाम चुनौतियों का समाधान कर सकते हैं जो विकासशील देशों के सामने खड़ी हैं. चाहे वो गरीबी हो या स्वास्थ्य सुरक्षा और या फिर मानवीय क्षमताओं का विकास हो. पिछली सदी में हमने विदेशी शासन से मुक्त होने के लिए एक दूसरे की मदद की है. मोदी ने कहा कि हम एक बार फिर इस सदी में साझेदारी कर एक ऐसी व्यवस्था का निर्माण कर सकते हैं जो हमारे लोगों का कल्याण सुनिश्चित कर सके. जहां तक भारत का सवाल है आपकी आवाज भारत की आवाज है.आपकी प्राथमिकताएं भारत की प्राथमिकता है.
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