नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हो रहे प्रदर्शन और हिंसा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद बताया है. पीएम मोदी ने ट्वीट कर हिंसक प्रदर्शन पर अपनी नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने एक साथ कई ट्विट करते हुए नागरिकता कानून के विरोध को गलत बताया है.


पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा, "नागरिकता संशोधन अधिनियम पर हिंसक विरोध दुर्भाग्यपूर्ण और बहुत दुखद है. बहस, चर्चा और असंतोष लोकतंत्र के आवश्यक अंग हैं, लेकिन कभी भी सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचा है और सामान्य जीवन की अशांति हमारे लोकाचार का हिस्सा है."






एक अन्य ट्वीट में प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा कि "नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019 संसद के दोनों सदनों द्वारा भारी समर्थन के साथ पारित किया गया था. बड़ी संख्या में राजनीतिक दलों और सांसदों ने इसके पारित होने का समर्थन किया. यह अधिनियम भारत की सदियों पुरानी संस्कृति की स्वीकृति, सद्भाव, करुणा और भाईचारे को दर्शाता है."






प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा, "मैं अपने भारतीयों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि नागरिकता संशोधन कानून किसी भी धर्म के भारत के नागरिक को प्रभावित नहीं करता है. किसी भारतीय को इस अधिनियम के बारे में चिंता करने की जरुरत नहीं है. यह कानून केवल उन लोगों के लिए है, जिन्होंने वर्षों से उत्पीड़न का सामना किया है और भारत को छोड़कर उनके पास जाने के लिए कोई अन्य जगह नहीं है.







गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में जमिया यूनिवर्सिटी में रविवार को प्रदर्शन उग्र हो गया. कई बसों को आग लगा दी गई. प्रदर्शन को बढ़ता देख दिल्ली पुलिस ने छात्रों पर लाठीचार्ज किया. छात्रों का आरोप है नागरिकता कानून के खिलाफ शांति पूर्ण ढंग से विरोध किया जा रहा लेकिन दिल्ली पुलिस ने यूनिवर्सिटी में घुसकर छात्रों के साथ मारपीट की.