कोलकाता में सुभाष चंद्र बोस की जयंती मनाएंगे पीएम मोदी, चुनावी माहौल में बंगाल का पहला दौरा
देश के संस्कृति मंत्री प्रहलाद पटेल ने बताया कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती 'पराक्रम दिवस' पर देश के तीन महत्वपूर्ण शहरों में कार्यक्रमों का आयोजन होगा. लेकिन मुख्य कार्यक्रम कोलकाता के विक्टोरिया हाउस में किया जाएगा, जिसमें खुद प्रधानमंत्री मोदी शामिल होंगे.
नई दिल्ली: महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती को लेकर भारत सरकार ने मेगा शो करने का खाका तैयार कर लिया है. उनकी जयंती को सरकार ने 'पराक्रम दिवस' के रूप में मनाने का निर्णय लिया है और इसी के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बंगाल में एंट्री होने जा रही है. दरअसल मोदी खुद इस मौके पर कोलकाता में मौजूद रहेंगे और कोलकाता के ऐतिहासिक विक्टोरिया हाउस में सुभाष चंद्र बोस की याद में कई महत्वपूर्ण कार्यक्रमों की शुरुआत करेंगे.
देश के संस्कृति मंत्री प्रहलाद पटेल ने बताया कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती 'पराक्रम दिवस' पर देश के तीन महत्वपूर्ण शहरों में कार्यक्रमों का आयोजन होगा. लेकिन मुख्य कार्यक्रम कोलकाता के विक्टोरिया हाउस में किया जाएगा, जिसमें खुद प्रधानमंत्री मोदी शामिल होंगे. इस मौके पर नेताजी की याद में 'आमरा नुतोन जुबोनेरी दूत' शीर्षक पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारंभ होगा, जिसे प्रधानमंत्री मोदी शुरू करेंगे.
इसके अलावा नेताजी की एक 20 फिट की पेंटिंग का उद्घाटन किया जाएगा. उनके जीवन पर आधारित एक प्रदर्शनी समेत प्रोजेक्शन मैपिंग शो का भी आयोजन होगा. इस मौके पर एक स्मारक सिक्का और डाक टिकट भी जारी किया जाएगा. पीएम इस मौके पर नेताजी के परिवार के सदस्यों को सम्मानित करेंगे. उनके अलावा आजाद हिंद फौज के जीवित सदस्यों, उनके परिजनों को भी सम्मानित करेंगे. ये सभी कार्यक्रम विक्टोरिया हाउस में ही आयोजित किए जाएंगे. जबकि कोलकाता की नेशनल लाइब्रेरी में '21वीं शताब्दी में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की विरासत का पुनः मूल्यांकन' विषय पर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का भी आयोजन किया जाएगा. प्रधानमंत्री मोदी का अभी तक इस संगोष्ठी में जाने का आधिकारिक कार्यक्रम नहीं तय हुआ है, लेकिन माना जा रहा है कि पीएम इसमें भी शामिल हो सकते हैं.
पराक्रम दिवस पर देश के तीन जगहों पर होंगे महत्वपूर्ण कार्यक्रम कोलकाता में प्रधानमंत्री मोदी स्वयं रहेंगे, जबकि दूसरा कार्यक्रम कटक में होगा. जहां केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान रहेंगे. जबकि तीसरा कार्यक्रम सूरत के हरिपुरा में आयोजित किया जाएगा, जिसमें सांसद और गुजरात बीजेपी के अध्यक्ष सीआर पाटिल मौजूद रहेंगे. इसके अलावा जबलपुर में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होगा. जबकि इस बार बीटिंग रिट्रीट पर कदम से कदम मिलाए जा धुन को शामिल किया जाएगा. कोलकाता के बाहरी इलाके नीलगंज में संस्कृति मंत्रालय द्वारा एक स्मारक बनाया जाएगा.
पीएम दौरे के क्या हैं राजनीतिक मायने बंगाल चुनाव भले ही मई में हों, लेकिन अभी से बंगाल में राजनैतिक पारा चढ़ा हुआ है. बीजेपी और टीएमसी दोनों आमने-सामने नजर आ रहे हैं. ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी की एंट्री से माहौल और ज्यादा गर्म होने की उम्मीद है. सरकार भले ही इसे सरकारी कार्यक्रम बता रही हो, लेकिन सुभाष चंद्र बोस के नाम पर पिछले काफी दिनों से दोनों दल अपने अपने तरीके के राजनीति कर रहे हैं. ऐसे में सरकार का उनके जन्मदिन पर पराक्रम दिवस मनाना, प्रधानमंत्री का स्वयं कोलकाता जाना संयोग नहीं है. दरअसल पीएम का कोलकाता जाना चुनावी रणभेरी का शंखनाद माना जा रहा है. अब देखना ये है कि टीएमसी इस कार्यक्रम को लेकर क्या रुख अख्तियार करती है.
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