जम्मू-कश्मीर पर पीएम मोदी के साथ बड़ी बैठक आज, जानिए- कौन-कौन से नेता आ रहे हैं, पढ़ें पूरी लिस्ट
प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में आज जम्मू-कश्मीर को लेकर बैठक होनी है. जिसमें विभिन्न 8 राजनीतिक दलों के 14 नेता शामिल होंगे. इस बीच जम्मू-कश्मीर और एलओसी पर 48 घंटे का अलर्ट जारी किया गया है. सूत्रों के मुताबिक जम्मू कश्मीर को स्टेटहुड़ देने को लेकर फिलहाल किसी तरह की चर्चा का प्रस्ताव नहीं है. कुल14 प्रतिनिधियों को बैठक में बुलाया गया है.
नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सर्वदलीय बैठक बुलाई है. इस बैठक में शामिल होने के लिए चार पूर्व मुख्यमंत्रियों सहित 14 नेताओं को न्योता भेजा गया था. इनमें से ज्यादातर बुधवार को शाम तक दिल्ली पहुंच गए. इस बैठक के लिए कोई एजेंडा तय नहीं किया गया है और जम्मू कश्मीर के नेताओं ने कहा कि वे खुले मन से इसमें शामिल होंगे.
गुपकार गठबंधन के प्रवक्ता सीपीआईएम नेता यूसुफ तारिगामी ने कहा, ‘‘हमें कोई एजेंडा नहीं दिया गया है. हम बैठक में यह जानने के लिए शामिल होंगे कि केंद्र क्या पेशकश कर रहा है.’’ तारिगामी उन 14 नेताओं में शामिल हैं जिन्हें प्रधानमंत्री द्वारा बुलाई गई बैठक में आमंत्रित किया गया है. अन्य आमंत्रित नेताओं में चार पूर्व मुख्यमंत्री-फारूक अब्दुल्ला, गुलाम नबी आजाद, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती भी शामिल हैं.
प्रधानमंत्री की बैठक में कौन कौन से नेता शामिल होंगे?
- नेशनल कांफ्रेंस के फारुख अब्दुल्ला
- उमर अब्दुल्ला
- कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद, गुलाम अहमद मीर, ताराचंद
- पीडीपी की महबूबा मुफ़्ती
- बीजेपी के निर्मल सिंह, कविन्द्र गुप्ता और रविन्द्र रैना
- पीपुल कांफ्रेंस के मुजफ्फर बेग और सज्जाद लोन
- पैंथर्स पार्टी के भीम सिंह
- सीपीआईएम के एमवाई तारीगामी
- जेके अपनी पार्टी के अल्ताफ बुखारी
सरकार की तरफ से बैठक में कौन कौन ?
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
- गृहमंत्री अमित शाह
- जम्मू कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा
- एनएसए अजित डोवाल
- पीएम के प्रिंसिपल सेक्रेटरी पीके मिश्रा
- गृहसचिव अजय भल्ला
- अन्य उच्च अधिकारी
बैठक में किन मुद्दों पर हो सकती है चर्चा ?
प्रधानमंत्री आवास पर दिन में 3 बजे बुलाई गई बैठक का फिलहाल एजेंडा गुप्त रखा गया है. लेकिन माना जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर के विकास समेत परिसीमन व अन्य मुद्दों पर सरकार स्थानीय प्रतिनिधियों के साथ चर्चा करेगी.
इस बैठक के साथ ही सूबे में डीलिमिटेशन की प्रक्रिया की आरंभ माना जाएगा. ये एक तरह से सूबे में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए वाइड कंसल्टेशन का आरंभ है. डीलिमिटेशन की प्रक्रिया थोड़ी लंबी हो सकती है. डीलिमिटेशन के बाद नया वोटर लिस्ट तैयार करने और उसमें करेक्शन के बाद ही जम्मू कश्मीर में चुनावी प्रक्रिया आरंभ हो सकता है.
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