नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिकसेन के साथ डिजिटल शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों पर वार्ता करेंगे. इस बातचीत से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय भागीदारी को मजबूत करने के लिए एक व्यापक राजनीतिक दिशा मिलेगी. विदेश मंत्रालय ने रविवार को इस बारे में बताया.
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘इस अवसर पर बौद्धिक संपदा सहयोग के क्षेत्र में एक एमओयू (सहमति पत्र) पर दस्तखत किए जाएंगे . इस दौरान, डेनमार्क अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) से भी जुड़ेगा.’’ उत्तरी यूरोप में डेनमार्क एक प्रमुख देश है, जिसके साथ पिछले कुछ वर्षों में भारत के द्विपक्षीय व्यापारिक संबंधों का विस्तार हुआ है.
विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘डिजिटल तरीके से होने वाले शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों नेता दोनों देशों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों के परिप्रेक्ष्य में द्विपक्षीय संबंधों के व्यापक प्रारूप की भी समीक्षा करेंगे. इससे दोनों देशों के आपसी हितों के महत्वपूर्ण मुद्दों पर भागीदारी को प्रगाढ करने के लिए व्यापक राजनीतिक दिशा मिलेगी.’’
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक भारत और डेनमार्क के बीच वस्तु और सेवाओं में द्विपक्षीय व्यापार 2016 और 2019 के बीच 30.49 प्रतिशत बढ़ा और यह 2.82 अरब डॉलर से 3.68 अरब डॉलर हो गया.
डेनमार्क की करीब 200 कंपनियों ने भारत में जहाजरानी, नवीन ऊर्जा, पर्यावरण, कृषि और खाद्य प्रसंस्करण जैसे क्षेत्रों में निवेश किया है.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि डेनमार्क में सूचना-प्रौद्योगिकी, नवीन ऊर्जा और इंजीनियरिंग क्षेत्रों में करीब 25 भारतीय कंपनियां काम कर रही हैं.
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