Vande Bharat Interesting Facts: पीएम मोदी के हाथों देश को आज (15 जनवरी) एक और वंदे भारत ट्रेन मिल गई है. यह ट्रेन सिकंदराबाद से विशाखापत्तनम तक चलेगी. पीएम मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये ट्रेन को हरी झंडी दिखाई. दक्षिण भारत में चलने वाली यह दूसरी वंदे भारत ट्रेन होगी. दक्षिण भारत में पहली वंदे भारत ट्रेन चेन्नई से मैसूर के बीच चलती है.
इसके साथ ही देश में वंदे भारत ट्रेन की संख्या 8 हो गई है. इनमें वाराणसी-नई दिल्ली, नई दिल्ली-वैष्णो देवी, मुंबई-गांधीनगर, दिल्ली-अंब अंदौरा, चेन्नई-मैसूर, नागपुर से बिलासपुर, हावड़ा से न्यू जलपाईगुड़ी रूट पर वंदे भारत ट्रेनें पहले से चल रही हैं. वहीं, सिकंदराबाद-विशापत्तनम रूट पर यह सेवा 15 जनवरी से शुरू हो रही है.
वंदे भारत की खासियत
वंदे भारत ट्रेन स्वदेशी तकनीक से डिजाइन की गई ट्रेन है जो 8 घंटे में 700 किमी का सफर कर सकती है. अत्याधुनिक यात्री सुविधाओं से लैस यह ट्रेन आरामदेह और सुविधानजक भी है.
52 सेकंड में 100 की स्पीड
यह ट्रेन 52 सेकंड में 0-100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ सकती है. यह 160 किलोमीटर प्रतिघंटे की अधिकतम रफ्तार से चल सकती है. ट्रेन के सभी कोच को वातानुकूलित (AC) किया गया है. साथ ही ट्रेन के सभी दरवाजे पूरी तरह से ऑटोमेटिक तकनीक से खुलते और बंद होते हैं. हर गेट पर ऑटोमेटिक फुटरेस्ट लगा हुआ है.
ट्रेन में जीपीएस सिस्टम और फायर सेंसर लगा हुआ है. इसमें वाईफाई की सुविधा भी है. हर सीट पर यात्रियों को चार्जिंग प्वाइंट की सुविधा मिलेगी. 32 इंज का टीवी लगा हुआ है. आरामदायक के साथ ही घूमने वाली कुर्सियां भी ट्रेन में लगाई गई हैं.
स्पीड के साथ सुरक्षा
ट्रेन में स्पीड के साथ ही सुरक्षा का भी ध्यान रखा गया है. ट्रेन में रेलवे सुरक्षा कवच (ट्रेन कोलिजन अवाइटेंस सिस्टम) लगा हुआ है. बिजली गायब होने की स्थिति मे रोशनी के लिए हर कोच में 4 इमरजेंसी लाइट भी है.
टच फ्री सुविधा के साथ ही बॉयो वैक्यूम टॉयलेट हैं. ट्रेन को दिव्यांग फ्रेंडली बनाया गया है. दिव्यांग फ्रेंडली बॉयो टॉयलेट के साथ ही ब्रेल लिपि में सीट नंबर दिया गया है.
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