नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज अटल भूजल(अटल जल) योजना का शुभारंभ करेंगे. केंद्रीय कैबिनेट ने मंगलवार को इस योजना को मंजूरी दे दी. इसका लक्ष्य अत्यधिक भूजल के दोहन वाले राज्यों में सामुदायिक हिस्सेदारी के साथ टिकाऊ भूजल प्रबंधन करना है. योजना सात राज्यों में पांच वर्ष की अवधि में लागू होगा. इसके दायरे में 8350 गांव आएंगे. यह 6000 करोड़ रुपये की योजना है जिसके लिये 3000 करोड़ रुपये केंद्र सरकार और 3000 करोड़ रुपये विश्व बैंक देगा.
इसके तहत पानी के प्रभावी उपयोग, जल सुरक्षा और उपयुक्त जल बजट पर जोर दिया जायेगा. इसका लक्ष्य अत्यधिक भूजल के दोहन वाले सात राज्यों गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में सामुदायिक हिस्सेदारी के साथ टिकाऊ भूजल प्रबंधन करना है. वित्त व्यय समिति पहले ही अटल भूजल योजना के प्रस्ताव की अनुशंसा कर चुकी है.
गौरतलब है कि नीति आयोग ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि लगातार घट रहा भूजल स्तर वर्ष 2030 तक देश में सबसे बड़े संकट के रूप में उभरेगा. केंद्रीय भूजल बोर्ड तथा राज्य भूजल विभागों के आंकड़ों के अनुसार, देश में कुल मूल्यांकित 6584 इकाई (ब्लाक/ तालुका / मंडल) में से 1034 इकाइयों को अत्यधिक दोहन की गयी इकाइयों की श्रेणी में रखा गया है. सामान्यतः इन्हें ‘डार्क ज़ोन’ (पानी के संकट की स्थिति) कहा जाता है.
'सदैव अटल' पर प्रार्थना सभा में शामिल होंगे पीएम
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आज जयंती है. इस मौके पर उनके स्मारक 'सदैव अटल' पर प्रार्थना सभा रखी गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा, कई केन्द्रीय मंत्री समेत बीजेपी के अन्य नेता कार्यक्रम में शामिल होंगे. पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी जी का जन्म 25 दिसंबर, 1924 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हुआ था. उनका निधन 16 अगस्त 2018 को हुआ था.
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