नई दिल्ली: प्रधानमंत्री और दूसरे वीवीआईपी फ्लीट के नए विमान के भारत पहुंचने से पहले बोइंग-777 की एक तस्वीर सोशल मीडिया साइट, 'फ्लीकर' पर सामने आई है. इस विमान पर 'भारत' और 'इंडिया' लिखा है. जबकि अभी जो फ्लीट है उस पर 'एयर-इंडिया' लिखा है.‌ माना जा रहा है कि भारत आने के बाद इस विमान का कॉल-साइन भी इंडिया-वन या फिर इंडियन एयरफोर्स-वन हो सकता है. अभी ये कॉल-साइन 'एयर इंडिया-वन' है‌‌.


जानकारी के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति के एयरक्राफ्ट, एयरफोर्स-वन की तरह ही अब भारत के प्रधानमंत्री का विमान भी मिसाइल डिफेंस सिस्टम और इलेक्ट्रोनिक-वॉरफेयर (ईडब्लू) सूट से सुसज्जित होगा. भारत के इस विमान को प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति की विदेश यात्राओं के लिए इस्तेमाल किया जाएगा.


माना जा रहा है कि अगले महीने यानि सितबंर तक इस फ्लीट का पहला विमान भारत को मिल सकता है. हालांकि, अगले साल से ही प्रधानमंत्री या फिर दूसरे वीवीआईपी अगले साल तक ही इससे उड़ान भर सकेंगे. कोविड महामारी के चलते हालांकि वैसै भी विदेश यात्रा लगभग बंद हैं.‌


आपको बता दें कि फिलहाल वीवीआईपी फ्लीट में बोइंग-747 विमान हैं जिनकी जिम्मेदारी एयर इंडिया के पास है. हालांकि, इसके पायलट वायुसेना के होते हैं. लेकिन जो दो विमानों की नई फ्लीट है वो पूरी तरह से वायुसेना के हवाले होगी. ये वायुसेना की वीआईपी-स्कॉवड्रन का हिस्सा होंगे. इसीलिए माना जा रहा है कि इन विमानों का नया कॉल साइन हो सकता है--जैसाकि‌ अमेरिकी राष्ट्रपति का होता है. हालांकि, पहले की तरह ही इन विमानों की क्लोज-क्वार्टर सिक्योरिटी, एसपीजी यानि स्पेशल प्रोटेकशन ग्रुप के कमांडोज़ के हवाले होगी.‌


लेकिन हवाई ‌सुरक्षा वायुसेना के पास होगी. आपको बता दें कि वर्ष 2014 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका की यात्रा से लौट रहे थे तब उनका विमान, बोइंग747 उसी मलेशियाई विमान एमएच-17 के करीब उड़ान भर रहा था जिसे यूक्रेन की एयर-स्पेस में एक मिसाइल ने मार गिराया था. उसी के बाद से प्रधानमंत्री की सुरक्षा के मद्देनजर किसी नए विमान के खरीदने पर विचार हुआ था जिसमें आधुनिक रक्षा प्रणाली हो.


यही वजह है कि वर्ष 2018 में अमेरिका कंपनी, बोइंग से दो नए विमान वायुसेना के लिए खरीदने का ऑर्डर दिया गया था. इसी साल की शुरूआत में अमेरिका ने इन दोनों विमानों के लिए खास मिसाइल डिफेंस‌ सिस्टम और ईडब्लू सूट देने पर मंजूरी दी थी. इन दोनों रक्षा प्रणाली की कुल कीमत करीब 190 मिलियन डॉलर है‌ (करीब 1300 करोड़).


बोइंग-777 की एक और खासयित ये है कि ये दिल्ली से नॉन-स्टॉप यानी सीधे ही बिना दोबारा ईधन के न्यूयार्क की उड़ान भर सकता है. अभी बोइंग-747 को दिल्ली से अमेरिका तक जाने में यूरोप के किसी हवाई-अड्डे पर रोककर ईधन भरवाना पड़ता है.