नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर बार की तरह इसबार भी दिल्ली से बाहर दीवाली मनाएंगे. मोदी कल दीवाली के मौके पर उत्तराखंड के केदारनाथ में रहेंगे और मंदिर में पूजा करेंगे. फिलहाल केदारनाथ में चारों तरफ बर्फ की चादर बिछी है. यहां तापमान माइनस आठ डिग्री सेल्सियस के करीब है. सूत्रों ने बताया कि मोदी मंदिर में पूजा करेंगे और मंदिर में पुनर्निर्माण और विकास परियोजनाओं की समीक्षा करेंगे. केदारनाथ में 2013 में विनाशकारी बाढ़ आई थी.


प्रधानमंत्री पिछली बार केदारनाथ अक्टूबर 2017 में गए थे. उनकी यात्रा मंदिर के कपाट सर्दियों के लिए बंद होने से कुछ वक्त पहले हुई थी. पीएम मोदी अपने शुरुआती जीवन में केदारनाथ जा चुके हैं. केदारनाथ से उनका पुराना नाता रहा है.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब संन्यास लेने के लिए हिमालय की तरफ़ निकले थे, उस वक्त वो डेढ़ महीने के लिए केदारनाथ मंदिर भी आये थे. केदारनाथ मंदिर से 3 किलोमीटर स्थित गरुणचट्टी में मोदी एक संन्यासी के तौर पर रहते थे और रोज दर्शन के लिए मंदिर तक आते थे. इस दौरान मंदाकिनी नदी के किनारे श्रीनिवास पोस्ती नाम के एक साधु रहते थे, जिनसे मिलने मोदी रोज जाते थे. इस बात का जिक्र पीएम मोदी ने अपने पिछले केदारनाथ दौरे पर भी किया था.


एबीपी न्यूज़ ने श्रीनिवास पोस्ती से मोदी के उस दौर पर बात की तो उन्होंने बताया कि 1980 के आसपास मोदी यहां आए थे और गरुणचट्टी से रोज बिना चप्पल के मंदिर तक जाते थे. मंदिर से वापस लौटते हुए मोदी पोस्ती के घर रुकते और आध्यात्म पर चर्चा करते थे. उन्होंने बताया कि मोदी उस वक़्त कभी राजनीति पर बात नहीं करते थे लेकिन शायद भगवान केदारनाथ को मोदी का संन्यासी बनना मंजूर नहीं था. और आज वो देश के शीर्ष पद पर हैं.


दिल्ली के बाहर दीवाली क्यों मनाते हैं मोदी?
साल 2014 में प्रधानमंत्री मोदी ने सियाचिन में जवानों के साथ दीवाली मनाई थी. 2015 में दीवाली पर वह पंजाब सीमा पर गए थे. उनकी यह यात्रा संयोगवश 1965 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुई जंग के 50 साल होने पर हुई थी. इसके अगले साल प्रधानमंत्री हिमाचल प्रदेश गए थे जहां उन्होंने एक चौकी पर भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस के कर्मियों के साथ वक्त बिताया था. मोदी ने पिछले साल प्रधानमंत्री के तौर पर अपनी चौथी दीवाली जम्मू कश्मीर के गुरेज में सैनिकों के साथ मनाई थी.