PM मोदी ने चक्रवात ‘तौकते’ से निपटने की तैयारियों का लिया जायजा, अधिकारियों को दिए जरूरी निर्देश
प्रधानमंत्री ने नियंत्रण कक्षों को चौबीसों घंटे कार्यरत रखने का निर्देश दिया. उन्होंने जामनगर से होने वाली ऑक्सीजन की आपूर्ति पर कम से कम प्रभाव पड़ना सुनिश्चित करने पर विशेष ध्यान देने को कहा.
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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चक्रवात ‘‘तौकते’’ से निपटने की तैयारियों का जायजा लेने के लिए शनिवार को राज्यों, केंद्रीय मंत्रालयों और एजेंसियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की और संबंधित अधिकारियों को लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने तथा बिजली, दूरसंचार, स्वास्थ्य, पेयजल जैसी जरूरी सेवाओं का प्रबंध सुनिश्चित करने के निर्देश दिए.
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री ने चक्रवात से जिन स्थानों के प्रभावित होने की संभावना है वहां के अस्पतालों में कोविड प्रबंधन, टीकाकरण, बिजली की कमी न हो, इसके उपाय और आवश्यक दवाओं के भंडारण के लिए विशेष तैयारियों की आवश्यकता पर बल दिया.
इस उच्च स्तरीय बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव, कैबिनेट सचिव, गृह मंत्रालय, नागरिक उड्डयन, संचार, पोत परिवहन मंत्रालयों के सचिव, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के शीर्ष अधिकारी, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और प्रधानमंत्री कार्यालय तथा गृह मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों ने हिस्सा लिया.
पीएमओ ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने नियंत्रण कक्षों को चौबीसों घंटे कार्यरत रखने का निर्देश दिया. उन्होंने जामनगर से होने वाली ऑक्सीजन की आपूर्ति पर कम से कम प्रभाव पड़ना सुनिश्चित करने पर विशेष ध्यान देने को कहा. उन्होंने समय रहते बचाव व राहत अभियान में स्थानीय लोगों को शामिल करने के बारे में भी बात की.’’
बयान के मुताबिक भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बताया कि तौकते चक्रवात 18 मई की दोपहर या शाम को पोरबंदर और नलिया के बीच गुजरात तट पर पहुंच सकता है और इस दौरान हवाओं की रफ्तार बीच-बीच में 175 किलोमीटर प्रति घंटा भी हो सकती है.
गुजरात के तटीय जिलों में हो सकती है भीषण बारिश
इस वजह से गुजरात के तटीय जिलों जूनागढ़, गिर सोमनाथ में अत्यंत भीषण बारिश हो सकती है जबकि जूनागढ़, पोरबंदर, द्वारका, अमरेली, राजकोट और जामनगर सहित कुछ अन्य स्थानों पर बहुत भारी से भारी बारिश की संभावना है. तूफान को ‘तौकते’ नाम म्यांमार ने दिया है, जिसका मतलब ‘छिपकली’ होता है. इस साल भारतीय तट पर यह पहला चक्रवाती तूफान होगा.
बैठक में चर्चा हुई कि केबिनेट सचिव सभी तटीय राज्यों और केंद्रीय मंत्रालयों के साथ ही एजेंसियों के लगातार संपर्क में रहेंगे और केंद्रीय गृह मंत्रालय चौबीसों घंटे स्थिति पर नजर बनाए हुए है. पीएमओ के बयान के मुताबिक गृह मंत्रालय ने सभी तटीय राज्यों को राज्य आपदा मोचन कोष (एसडीआरएफ) की पहली किस्त पहले ही जारी कर दी है. एनडीआरएफ ने छह राज्यों में नावों, पेड़ काटने वाले और दूरसंचार उपकरणों से लैस 42 टीमों को पहले से तैनात किया है और 26 टीमों को तैयार रखा गया है.
बयान में कहा गया कि भारतीय तटरक्षक बल और नौसेना ने राहत, खोज और बचाव कार्यों के लिए जहाज और हेलीकॉप्टर तैनात किए हैं जबकि थल सेना की इंजीनियर टास्क फोर्स इकाइयां, नावों और बचाव उपकरणों के साथ तैनाती के लिए तैयार हैं. इसके अलावा मानवीय सहायता और आपदा राहत इकाइयों के साथ सात जहाज पश्चिमी तट पर तैयार हैं.
विमान और हेलीकॉप्टर लगातार रख रहे निगरानी
निगरानी विमान और हेलीकॉप्टर पश्चिमी तट पर लगातार निगरानी कर रहे हैं. आपदा राहत दल और चिकित्सा दल त्रिवेंद्रम, कन्नूर और पश्चिमी तट के साथ अन्य स्थानों पर तैनात हैं. बैठक में संबंधित मंत्रालयों को भी आवश्यक दिशानिर्देश जारी किए गए. बयान के मुताबिक विद्युत मंत्रालय ने बिजली की तत्काल बहाली के लिए ट्रांसफॉर्मर, डीजी सेट और उपकरणों को तैयार रखा है जबकि दूरसंचार मंत्रालय सभी दूरसंचार टॉवरों और केन्द्रों पर लगातार नजर रखे है.
इसी प्रकार केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रभावित क्षेत्रों में कोविड महामारी पर स्वास्थ्य क्षेत्र की तैयारियों और प्रतिक्रिया के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह जारी की है. इस बीच, भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा है कि अरब सागर के ऊपर बना दबाव का क्षेत्र अब चक्रवाती तूफान ‘तौकते’ में तब्दील हो गया है.
वहीं इसके 18 मई के आसपास पोरबंदर तथा नलिया के बीच गुजरात तट को पार करने की संभावना है. इस दौरान सौराष्ट्र और कच्छ के तटों के पास बेहद तेज बारिश के साथ ही 175 किलामीटर प्रतिघंटा तक की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं. आईएमडी ने कहा कि ‘तौकते’ 16 से 18 मई के बीच अत्यंत भीषण चक्रवाती तूफान के रूप में रहेगा.
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