नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1975 में देश में लगे आपातकाल की 45वीं बरसी पर लोकतंत्र की रक्षा करने वाले नेताओं को याद किया. 25 जून 1975 को ही तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में अचानक आपातकाल लगाने का ऐलान कर दिया था. इसके बाद देशभर में कई विपक्षी नेताओं को जेलों में डाला गया था, जबकि मीडिया की स्वतंत्रता पर भी रोक लगाम लगी थी. 21 महीनों के बाद मार्च 1977 में आपातकाल खत्म हुआ था.


'लोकतंत्र के रक्षकों को नहीं भूलेगा देश'


आपातकाल के दौर को याद करते हुए पीएम मोदी ने गुरुवार को ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की एक क्लिप भी शेयर की और लोकतंत्र की रक्षा करने वालों को नमन किया.


अपने ट्वीट में पीएम ने लिखा, “आज से ठीक 45 वर्ष पहले देश पर आपातकाल थोपा गया था. उस समय भारत के लोकतंत्र की रक्षा के लिए जिन लोगों ने संघर्ष किया, यातनाएं झेलीं, उन सबको मेरा शत-शत नमन! उनका त्याग और बलिदान देश कभी नहीं भूल पाएगा.”






'एक परिवार के लालच ने देश को जेल में बदला'


वहीं गृह मंत्री अमित शाह ने भी आपातकाल के मुद्दे पर एक बार फिर कांग्रेस को घेरा. शाह ने ट्वीट करते हुए आपातकाल को याद किया और कहा एक परिवार के लालच ने एक ही रात में देश को जेल में बदल दिया.


शाह ने गांधी परिवार पर निशाना साधते हुए लिखा, “आज के दिन, 45 साल पहले एक परिवार के सत्ता के लालच ने देश को आपातकाल में धकेल दिया. रातों-रात देश एक जेल में तब्दील हो गया. प्रेस, अदालत, अभिव्यक्ति की आजादी...सबको खत्म कर दिया गया. गरीबों पर अत्याचार किए गए.”






शाह ने साथ ही कहा कि लाखों लोगों के संघर्ष के कारण ही देश से आपातकाल खत्म हो पाया. उन्होंने साथ ही कहा कि देश में तो लोकतंत्र लौट गया, लेकिन कांग्रेस पार्टी में नहीं आया और हमेशा एक ही परिवार के हित राष्ट्रहित पर भारी पड़े.


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