Udyami Bharat Programme Intiative RAMP: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने आज गुरुवार 30 जून को विज्ञान भवन में उद्यमी भारत कार्यक्रम (Udyami Bharat Programme)  के तहत छोटे लघु मध्यम विनिर्माण उद्यम (Micro, Small and Medium Enterprises-MSME) के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि एमएसएमई (MSME) उनके लिए मैक्सिम सपोर्ट टू एमएसएमई है, यानि देश के छोटे लघु मध्यम विनिर्माण उद्यमों को अधिकतम मदद देना है. इसके तहत पीएम ने 6062.45 करोड़ रुपये की एमएसएमई के प्रदर्शन को बढ़ाने व उसमें तेजी लाने के लिए (Raising and Accelerating MSME Performance-RAMP) की शुरुआत भी की है. देश के छोटे लघु मध्यम विनिर्माण उद्यमों के फायदे के लिए शुरू की गई इस योजना के बारे में अहम बातों को यहां जानें. 


कब मिली RAMP को मंजूरी


गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्‍यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 30 मार्च 2022 को "एमएसएमई कामप्रदर्शन बढ़ाने और उसमें तेजी लाने के लिए रैंप (RAMP) योजना को मंजूरी दी थी. विश्व बैंक से मदद प्राप्त इस योजना के लिए 808 मिलियन अमरीकी डॉलर या 6,062.45 करोड़ रुपए की लागत को मंजूरी दी गई. योजना के लिए कुल लागत 6,062.45 करोड़ रुपये या 808 मिलियन अमरीकी डॉलर हैं, जिसमें से 3750 करोड़ रुपये या 500 मिलियन अमरीकी डॉलर विश्व बैंक से ऋण होगा और शेष 2312.45 करोड़ रुपये या 308 मिलियन अमरीकी डॉलर भारत सरकार देगी. इस दौरान इस नई योजना को वित्त वर्ष 2022-23 में शुरू करने का फैसला लिया गया था. 


RAMP योजना क्या है


रैंप (RAMP)  छोटे लघु मध्यम विनिर्माण उद्यमों यानि एमएसएमई (MSME ) के प्रदर्शन को बढ़ाने और तेज करने के लिए विश्व बैंक सहायता वाली केंद्रीय सेक्टर की एक योजना है. इसमें साल 2019 में कोरोना वायरस से फैली कोविड बीमारी की वजह से छोटे लघु मध्यम विनिर्माण उद्यम को उबारने के लिए वसूली और लचीलेपन में सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय- एमओएमएसएमई (  Ministry of Micro, Small and Medium Enterprises -MoMSME) के हस्तक्षेप का समर्थन किया गया है. विशेष तौर पर रैंप (RAMP) कार्यक्रम का मकसद बाजार और लोन तक पहुंच में सुधार करना है. इसके साथ ही केंद्र और राज्य में संस्थानों और अधिकारों को मजबूती देने, केंद्र-राज्य के संबंधों और साझेदारी में सुधार करने, देरी से भुगतान के मुद्दों के समाधान और एमएसएमई को पर्यावरण के लिए जागरूक बनाना भी इस योजना में शामिल. इसके अलावा RAMP कार्यक्रम राष्ट्रीय स्तर पर MoMSME को मजबूती देने, राज्यों में कार्यान्वयन क्षमता और MSME कवरेज को बढ़ाने की कोशिश करेगा. 


रोजगार सृजन क्षमता और इसके लाभार्थियों की संख्या पर मेजर प्रभाव


RAMP प्रोग्राम विशेष तौर पर प्रतिस्पर्धा के मोर्चे पर मौजूदा MSME योजनाओं के प्रभाव में बढ़ोतरी के जरिए जेनरिक और कोविड संबंधी चुनौतियां का समाधान करेगा.  इसके तहत क्षमता निर्माण, हैंडहोल्डिंग, कौशल विकास, गुणवत्ता संवर्धन, तकनीक अपग्रेडेशन, डिजिटलीकरण, आउटरीच, मार्केटिंग प्रचार और अन्य ऐसे ही ब्लॉक जो अक्षम हैं या जिन पर ध्यान नहीं दिया जाता उन्हें बढ़ावा और प्रोत्साहन दिया जाएगा. यह कार्यक्रम राज्यों के साथ बढ़े हुए सहयोग के जरिए एक नौकरी देने वाला, मॉर्केट प्रमोटर, वित्त सुविधाकर्ता होगा, और कमजोर वर्गों और हरित पहल का समर्थन करेगा. उन राज्यों में जहां छोटे, लघु और मध्यम उद्यमों की मौजूदगी कम है, वहां RAMP इसका प्रभाव बढ़ाकर इन्हें प्रोत्साहित करेगा. इसके तहत एक बेहतर एमएसएमई क्षेत्र के विकास के लिए राज्यों की बनाई निवेश योजनाओं की रणनीति यानि एसआईपी ( Strategic Investment Plans-SIP) RAMP के लिए एक रोडमैप की तरह काम करेगी.


आत्मनिर्भर भारत मिशन का पूरक RAMP


RAMP उद्योग मानकों, प्रथाओं में नवाचार और वृद्धि को बढ़ावा देकर एमएसएमई को प्रतिस्पर्धी और आत्मनिर्भर बनाएगा. इसके साथ ही ये  निर्यात बढ़ाने, आयात को प्रतिस्थापित करने और घरेलू विनिर्माण (Manufacturing) को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक तकनीकी इनपुट प्रदान करके आत्मनिर्भर भारत मिशन ( Atma Nirbhar Bharat Mission) के पूरक के तौर पर काम करेगा. 


क्या करेगा RAMP 


RAMP प्रतिस्पर्धात्मकता और व्यावसायिक स्थिरता में सुधार के लिए RAMP एक पॉलिसी प्रोवाइडर की तरह काम करेगा. इसके तहत साक्ष्य आधारित पॉलिसी वाले कार्यक्रम डिजाइन किए जाएंगे. जिससे प्रभावी और लागत कुशल (Cost-Efficient ) सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को बढ़ावा मिलेगा.  बेंच-मार्किंग के जरिए अंतरराष्ट्रीय अनुभवों का लाभ उठाकर बेस्ट प्रैक्टिस और कामयाबी की कहानियों को शेयर और प्रदर्शित किया जाएगा. ये एक टेक्नोलॉजी प्रोवाइडर की तरह भी काम करेगा जिसमें हाई एंड टेक्नोलॉजी तक पहुंच के जरिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा एनालिटिक्स, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT), मशीन लर्निंग से  MSMEs का डिजिटल और तकनीकी परिवर्तन किया जाएगा. देश भर में RAMP कार्यक्रम के जरिए  प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से उन सभी 63 मिलियन उद्यम लाभान्वित होंगे जो MSMEs के तहत आते हैं. हालांकि विशेष तौर पर देश भर से कुल 5,55,000 एमएसएमई को बेहतर प्रदर्शन के लिए चुना गया है.खास बात है कि इसमें लगभग 70,500 महिला एमएसएमई के होने की बात भी कही गई है. इन चुने गए एमएसएमई में सेवा क्षेत्रों और लक्षित बाजार का विस्तार भी शामिल है. 


रणनीति और लक्ष्य


कार्यक्रम ने प्रारंभिक मिशनों में एमएसएमई के संस्थानों और शासन को मजबूत करना है. इसके साथ ही एमएसएमई की बाजार तक पहुंच के लिए फर्म क्षमताओं और वित्त तक पहुंच के लिए समर्थन हासिल करना है. RAMP का महत्वपूर्ण घटक रणनीतिक निवेश योजना (SIP) तैयार करना है, जिसमें सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को आमंत्रित किया जाएगा. रणनीतिक निवेश योजना में RAMP के तहत MSMEs की पहचान करने और उन्हें  जुटाने के लिए एक आउटरीच योजना शामिल होगी. इसके तहत मुख्य बाधाओं और मतभेदों की पहचान की जाएगी. इसे मील का पत्थर साबित करने के लिए प्राथमिकता वाले क्षेत्रों जैसे नवीकरणीय ऊर्जा, ग्रामीण.गैर-कृषि व्यवसाय, थोक और खुदरा व्यापार,ग्राम एवं कुटीर, महिलाओं के उद्यम आदि के लिए आवश्यक बजट पेश करना शामिल होगा. 


RAMP के मुख्य बिंदु


राष्ट्रीय एमएसएमई सुधार एजेंडा को लागू करना


एमएसएमई क्षेत्र केंद्र-राज्य सहयोग में तेजी लाना


तकनीकी अपग्रेडेशन योजना (सीएलसीएस-टीयूएस) की प्रभावशीलता बढ़ाना


एमएसएमई के लिए प्राप्य वित्त पोषण बाजार ( Receivable Financing Market)  को मजबूत बनाना


छोटे और लघु उद्यमों (सीजीटीएमएसई) और "ग्रीनिंग एंड जेंडर" डिलीवरी के लिए क्रेडिट गारंटी ट्रस्ट की प्रभावशीलता बढ़ाना


देरी से भुगतान के मामलों में कमी लाना


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