(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
PM Modi Ukraine Visit: पीएम मोदी के यूक्रेन दौरे पर टिकी सबकी निगाहें, जाने जेलेंस्की संग किन मुद्दों पर होगी बात, क्या होगा भारत को फायदा?
PM Modi in Ukraine: पीएम मोदी 23 अगस्त को यूक्रेन के दौरे पर यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की से मुलाकात करेंगे. इस दौरान वह रक्षा, आर्थिक संबंधों और साइंस एंड टेक्नोलॉजी सहयोग पर चर्चा कर सकते हैं.
PM Narendra Modi Ukraine Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल (23 अगस्त 2024) यूक्रेन में होंगे. यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के निमंत्रण पर वह यूक्रेन का दौरा कर रहे हैं. उनका यह दौरा काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. एक तरफ जहां इस दौरे को लेकर चर्चा है कि पीएम मोदी रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध खत्म कराने की पहल करेंगे, तो वहीं दूसरी तरफ इसके भारतीय हितों वाले पहलु पर भी खूब बात हो रही है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यात्रा के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी और जेलेंस्की रक्षा, आर्थिक संबंधों और साइंस एंड टेक्नोलॉजी सहयोग पर चर्चा कर सकते हैं. इनमें कई टेक्नोलॉजी ऐसी हैं जो यूक्रेन में बनती हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि पीएम मोदी की यूक्रेन यात्रा का भारत को भी फायदा मिल सकता है. आइए जानते हैं भारत को इस दौरे से क्या-क्या फायदा मिल सकता है.
भारत को यहां मिल सकता है फायदा
- जानकारी के अनुसार, भारत ने रूस से जो रक्षा उपकरण खरीदे हैं, उनमें से बहुत से ऐसे हैं जो यूक्रेन में बने हैं. ऐसे कई उपकरण हैं जिनका निर्माण अब भी यूक्रेन कर रहा है. इसमें सबसे अहम है भारतीय नौसेना के युद्धपोतों के लिए गैस टरबाइन इंजन और भारतीय वायुसेना की ओर से संचालित AN -32 विमान.
- यूक्रेन की सरकारी जोर्या-मैशप्रोक्ट वॉरशिप की ओर से इस्तेमाल किए जाने वाले गैस टर्बाइनों के निर्माण के लिए भारत की प्राइवेट कंपनियों के साथ बातचीत चल रही है.
- इसके अलावा रूस-यूक्रेन युद्ध से पहले भारत ने यूक्रेन के STE के साथ 105 AN-32 विमानों को अपग्रेड करने और उनकी लाइफलाइन को 40 साल तक बढ़ाने के लिए 400 मिलियन डॉलर के समझौते पर साइन किए थे. यह प्रॉजेक्ट काफी डिले हो चुका है. अब भारतीय वायुसेना 2028-2029 तक इन्हें अपग्रेड करने की कोशिश में है.
- यूक्रेन से युद्ध शुरू होने के बाद रूस ने जोर्या-मशप्रोक्ट पर मिसाइल हमला किया था. इस हमले से भारत को काफी परेशानी हुई. दरअसल, भारत की यूक्रेनी गैस टरबाइन इंजनों पर काफी निर्भरता थी. ऐसे में अब भारत-यूक्रेन साथ मिलकर गैस टर्बाइन इंजन बनाने पर भी विचार कर सकते हैं.
- इसके अलावा इस दौरे पर भारत डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में भारत-यूक्रेन के आपसी सहयोग बढ़ाने पर भी जोर दे सकते हैं.
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